
किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। 2009 में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (प्रधानमंत्री कुसुम योजना) की शुरुआत की थी। योजना के अंतर्गत किसानों के लिए सौर पंप और ग्रिड से जुड़े अन्य सौर बिजली संयंत्र लगाने का प्रावधान है। इस योजना के तहत सौर पंप लगाने पर किसानों को छूट मिलती है और बड़े पैमाने पर सरकारी सहायता भी दी जाती है। सौर पंप लगाने के लिए सब्सिडी के बाद किसानों को केवल एक चौथाई ही भुगतान करना पड़ता है। वर्ष 2020-21 में योजना के तहत स्वीकृत 15,000 पंपों के मुकाबले 14,418 पंपों की स्थापना करके हरियाणा ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (पीएमकेयूएसयूएम) के तहत देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लाभ और उद्देश्य
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत राज्य में 3 एचपी से 10 एचपी क्षमता के स्वचलित सोलर पंप को 75 प्रतिशत सब्सिडी के साथ स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत केन्द्र सरकार 30 प्रतिशत वित्तीय सहायता तथा राज्य सरकार 45 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। नियम के अनुसार किसानों को पंप लगाने के कुल लागत का 25 प्रतिशत ही स्वयं लगाना होता है। इन पंपों को केवल सिंचाई के उद्देश्य से ही लगाया जा सकता है। भारत के बहुत राज्य सूखे से प्रभावित हैं। जिसके कारण वहां के किसानों को भारी नुक़सान का सामना करना पड़ता है। किसानों की मुश्किलों को देख कर ही केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना की शुरुआत की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को निःशुल्क बिजली प्रदान करना है। इस योजना के तहत किसानों को सोलर पैनल दिए जाते है। कुसुम योजना से किसानों को दोहरा फायदा होगा और उनकी आमदनी भी बढ़ जाएगी। यदि किसान अधिक बिजली बना कर ग्रिड को भेजेंगे तो उन्हें उसका भी लाभ मिल सकता है। योजना के अंतर्गत 35 लाख से अधिक किसानों के कृषि पंपों का सौरीकरण करके स्वच्छ ऊर्जा दी जाएगी। डीजल पंपों को हटा कर और पंप लगाने से प्रत्येक किसान को प्रति वर्ष लगभग 50,000 रूपए की बचत होगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और जीवन-स्तर में सुधार होगा।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना ने अन्नदाता को पावर दाता में बदल दिया
वर्ष 2021 के फरवरी माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बजट प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया था। जिसमें उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना ने अन्नदाता को पावर दाता में बदल दिया। इस योजना के अंतर्गत सरकार का लक्ष्य कृषि क्षेत्रों में छोटे बिजली संयंत्र को स्थापित करना और 30 गीगाबाइट सौर ऊर्जा क्षमता हासिल करना है। कुसुम योजना के माध्यम से अब तक 4 गीगाबाइट ऊर्जा की क्षमता हासिल की गई और जल्द ही 25 गीगाबाइट की क्षमता को जोड़ लिया जाएगा। सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से अगले 1 से 1.5 साल में 40 गीगाबाइट सौर ऊर्जा उत्पादन किया जाएगा।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लिए रजिस्ट्रेशन और महत्वपूर्ण दस्तावेज
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत आप दोनों ऑनलाइन तथा ऑफलाइन माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए और भूमि लीज पर देने के लिए आवेदन किया जा सकता है। सबसे पहले आवेदक को योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट पर जाने के बाद होम पेज खोल "आनलाइन रजिस्ट्रेशन" का विकल्प दिखेगा। इस विकल्प पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आवेदन फार्म में पूछी गई सभी जानकारी जैसे नाम, पता , मोबाइल नंबर, आधार नंबर आदि भरना होगा। सभी जानकारियों को भरने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा। पंजीकरण सफल हो जाने के बाद चयनित लाभार्थियों को सौर पंप सेट का 10 प्रतिशत आपूर्तिकर्ता को जमा करने के लिए निर्देशित किया जाएगा। पंजीकरण के कुछ दिनों के बाद आपके खेत में सोलर पंप लगा दिया जाएगा। इस योजना का लाभ उठाने के लिए राशन कार्ड, आधार कार्ड, रजिस्ट्रेशन की कॉपी,जमीन की जमाबंदी की कॉपी, ऑथोराइजेशन लेटर , मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण, पासपोर्ट साइज फोटो, चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा जारी नेटवर्थ सर्टिफिकेट (विकासकर्ता के माध्यम से प्रोजेक्ट विकसित करने की स्थिति में) की जरूरत पड़ती है। इन सभी दस्तावेजों को अपने पास रख लें और जो नहीं है उसे बनवा लें और जो अपडेट नहीं है उसे अपडेट करवा लें। किसान सहकारी समितियां, पंचायत, किसानों का समूह, किसान उत्पादन संगठन, जल उपभोक्ता एसोसिएशन कुसुम सोलर पंप स्कीम 2021 के लाभार्थी के रूप में शामिल हो सकते हैं। वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री द्वारा कहा गया कि 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े सोलर पंप लगाने के लिए धन मुहैया कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना का आवेदन शुल्क
इस योजना के अंतर्गत आवेदन को सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए आवेदन करने के लिए ₹5000 प्रति मेगावाट तथा जीएसटी की दर से आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा। यह भुगतान प्रबंध निदेशक, राज्य अक्षय ऊर्जा निगम के नाम से डिमांड ड्राफ्ट के रूप में करना होगा। 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट तक आवेदन करने के लिए क्रमशः मेगावाट व आवेदन शुल्क कुछ इस प्रकार है-
0.5 मेगावाट के लिए ₹2500+ जीएसटी
1 मेगावाट के लिए ₹5000+ जीएसटी
1.5 मेगावाट के लिए ₹7500+ जीएसटी
2 मेगावाट के लिए ₹10000+जीएसटी।