प्रधानमंत्री मोदी जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं: 5 बातें जो मोदी को बाकियों से अलग बनाती हैं

श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का बैकग्राउंड, उनका कल्चर और उनका समय से भी आगे चलने का तरीका ही उन्हें सफल और विशिष्ट बनता है. आइए उन बातों पर एक विस्तृत नज़र जो उन्हें सबसे अलग बनाती हैं
प्रधानमंत्री मोदी जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं: 5 बातें जो मोदी को बाकियों से अलग बनाती हैं
प्रधानमंत्री मोदी जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं: 5 बातें जो मोदी को बाकियों से अलग बनाती हैं

गुजरात के वडनगर में पैदा हुए मोदी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1972 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल होने के बाद की थी। बाद में वह 1987 में भाजपा में शामिल हुए और 2001 में गुजरात के पहले मुख्यमंत्री बने। उसके बाद, वर्ष 2013 में उन्हें भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में नामित किया गया था। 2014 के चुनावों में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद से लेकर अब तक वे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री बने हुए हैं।

उनकी अपार सफलता का रहस्य क्या है? उनका बैकग्राउंड, उनका कल्चर, उनका शिष्टाचार और उनका समय से भी आगे चलने का तरीका ही उन्हें सफल और विशिष्ट बनता है। आइए उन बातों पर एक विस्तृत नज़र जो उन्हें सबसे अलग बनाती हैं...

लोकतंत्र के मंदिर में कदम रखने से पहले वहां की धरती चूमना:

लोकतंत्र के मंदिर में कदम रखने से पहले वहां की धरती चूमना:
लोकतंत्र के मंदिर में कदम रखने से पहले वहां की धरती चूमना:

20 मई 2014 को दुनिया ने पीएम मोदी के सिद्धांतों का प्रदर्शन देखा। जब वे जनता का अपार समर्थन प्राप्त होने के पहली बार संसद भवन पर पहुंचे तो उन्होंने सबसे पहले लोकतंत्र के मंदिर में प्रवेश से पहले उस जमीन पर अपना माथा टेका और सीढ़ियों को चूमा। यह स्वयं प्रधानमंत्री मोदी और समूचे देश के लिए एक महान गर्वित करने वाला अवसर था. वह दृश्य देख कर लोगों की आंखों में आंसू थे और वे मोदी की सराहना कर रहे थे। साल 2019 में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला था। बीजेपी और एनडीए संसदीय दलों द्वारा चुने जाने के बाद पीएम मोदी ने संसद के सेंट्रल हॉल में अपना संबोधन दिया लेकिन उससे पहले उन्होंने भारतीय संविधान के आगे अपना सिर झुकाया।

माँ से करीबी:

माँ से करीबी:
माँ से करीबी:

हर जीत के बाद श्री नरेंद्र मोदी अपनी मां का आशीर्वाद लेने घर ज़रूर लौटते हैं। जब उन्हें 2019 में प्रधानमंत्री के रूप में फिर से चुना गया, तो उन्होंने शपथ लेने से पहले अपनी मां से मिलने के लिए गुजरात की यात्रा की। पीएम मोदी इससे पहले 2016 में वाइब्रेंट गुजरात समिट के लिए गुजरात गए थे, इस दौरान वह अप्रत्याशित रूप से सुबह जल्दी अपनी मां के पास पहुंचे थे और नाश्ता किया था।

पीएम मोदी अपने 66वें जन्मदिन पर भी मां से मिलने पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने करीब आधा घंटा अपनी मां के साथ बिताया। उस दौरान, उन्होंने अपनी मां का हाथ अपने पास रखा था। इसके बाद उन्होंने ट्वीट किया था- मां का प्यार, मां का आशीर्वाद, जीवन की जड़ी-बूटी है। उन्होंने अपनी मां को प्रधानमंत्री निवास पर भी बुलाया था। इसके अलावा कई खास पलों में वे पब्लिकली अपनी माँ को याद करते हुए देखे जाते हैं।

किसी भी काम को छोटा नहीं समझते मोदी जी:

किसी भी काम को छोटा नहीं समझते मोदी जी:
किसी भी काम को छोटा नहीं समझते मोदी जी:

पीएम मोदी ने दिखा दिया है कि कोई भी कार्य अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए बहुत छोटा या बहुत बड़ा नहीं होता है। उद्देश्य अधिक महत्वाकांक्षी है। 2014 में पीएम मोदी का लक्ष्य स्वच्छ भारत अभियान था। इस मुद्दे के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए पीएम मोदी ने व्यक्तिगत रूप से झाड़ू उठाया और जमा हुई गंदगी को साफ किया। पार्टी के पदाधिकारी और आखिर में पूरी जनता पीएम मोदी को देखकर साफ-सफाई करने लगी। एक बार उन्होंने सफाई करने वाली महिलाओं के पैर भी धोए थे।

चाहने और जानने वालों के लिए सम्मान:

चाहने और जानने वालों के लिए सम्मान:
चाहने और जानने वालों के लिए सम्मान:

सार्वजनिक रैलियों से लेकर किसी देश के प्रतिनिधि से मिलने तक, प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार यह प्रदर्शित किया है कि वह दोस्तों से मिलने के प्रोसीजर को तोड़ने से नहीं डरते। बराक ओबामा से उनकी मुलाकात के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ था।

इसके अलावा, उन्हें कई मौकों पर प्रोटोकॉल तोड़ते हुए देखा गया है, जिसमें सितंबर 2014 में अहमदाबाद में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का स्वागत करना, नवंबर 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका ट्रम्प के साथ हैदराबाद में डिनर और जनवरी 2018 में दिल्ली हवाई अड्डे पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का स्वागत करना शामिल है। कई मौकों पर वे प्रोटोकॉल तोड़ते हुए अपने फैंस से हाथ मिलाने भीड़ के बीच पहुंच जाते हैं।

पहले देश:

पहले देश:
पहले देश:

पीएम मोदी ने अपने कार्यों से दिखा दिया है कि देश उनके लिए उनके परिवार से ज्यादा महत्वपूर्ण है। जब कोई जश्न होता है तब भी पीएम मोदी उनके साथ रहते हैं जो अपने परिवार के लिए नहीं बल्कि देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर देते हैं। 2014 में जब नरेंद्र मोदी पहली बार भारत के प्रधान मंत्री बने थे तब वह भारतीय सेना के साथ दिवाली मनाने समय 40 डिग्री तापमान वाले सियाचिन गए थे। पीएम मोदी ने इस परंपरा को अब तक जारी रखा है और हर साल सेना के साथ दिवाली मनाते हैं।

सरकारी योजना

No stories found.

समाधान

No stories found.

कहानी सफलता की

No stories found.

रोचक जानकारी

No stories found.
logo
Pratinidhi Manthan
www.pratinidhimanthan.com