
धार्मिक स्थल या पर्यटन स्थल किसी भी देश का महत्वपूर्ण भाग है। देश की अर्थव्यवस्था को शक्तिशाली बनाने में इसका बहुत बड़ा योगदान होता है। पर्यटन का मतलब है देश में चल रही गतिविधि जहां व्यक्ति किसी ऐतिहासिक स्थान की संस्कृति और सुंदरता को देखने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है। एक राज्य से दूसरे राज्य तथा एक देश से दूसरे देश भी लोग पर्यटन के लिए आते-जाते रहते हैं।
पर्यटन कई देशों के अर्थव्यवस्था का मुख्य स्रोत है। हमारे देश में कई सारे पर्यटन स्थल हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। भारत के सभी क्षेत्रों में ऐसी कितनी ही प्राचीन संस्कृतियां हैं, प्राचीन कलाएं हैं जो लोगों के मन को अपनी ओर खींच लेती है। पर्यटन को बढ़ावा देने, पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए सरकार भी तत्परता दिखा रही है।
इसके लिए सरकार कई तरह की योजनाओं को चला रही है। उसी में से एक "स्वदेश दर्शन योजना" है। इस योजना का उद्देश्य भारत में पर्यटन की क्षमता को बढ़ाना, विकसित करना और उसका उपयोग करना है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत पर्यटन मंत्रालय विकास के लिए राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है। हाल ही में पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के हेरिटेज सर्किट थीम के अंतर्गत 10 परियोजनाओं को स्वीकृति दी है।
"स्वदेश दर्शन योजना" को पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास के उद्देश्य से पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 2014-15 में शुरू की गई। यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। इस योजना की परिकल्पना स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान आदि जैसी योजनाओं के साथ तालमेल बिठाने के उद्देश्य से की गई है। इसके माध्यम से पर्यटन क्षेत्र को रोजगार सृजन, आर्थिक विकास के लिए प्रेरक शक्ति प्रदान करने और विभिन्न क्षेत्रों के साथ तालमेल बिठाने के लिए की गई है ताकि पर्यटन को अपनी क्षमता का एहसास हो सके।
इसके लिए योजना को एक प्रमुख इंजन के रूप में स्थान दिया गया है। योजना के द्वारा देश के पर्यटन स्थल के विकास में वृद्धि की जाएगी। यह योजना एक तरह की थीम पर आधारित है जो पर्यटन सर्किट के विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। पर्यटकों की सुविधा के लिए सभी पर्यटन स्थल को और भी ज्यादा बेहतर बनाने के लिए स्वदेश दर्शन योजना को प्रारंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत भोजन, रोजगार, परिवहन, आर्थिक स्थिति इन सभी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस योजना में सरकार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कुछ शहरों को भी इस योजना के तहत चुना गया है। जहां पर पर्यटन स्थलों को रिनोवेट किया जाएगा। योजना के तहत विकास हेतु 15 सर्किट की पहचान की गई है जिसमें हिमालय सर्किट, बौद्ध सर्किट, तटीय सर्किट, कृष्णा सर्किट, डेजर्ट सर्किट, पूर्वोत्तर भारत सर्किट, आदिवासी सर्किट, इको सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, वन्यजीव सर्किट, सूफी सर्किट, विरासत सर्किट, रामायण सर्किट, ग्रामीण सर्किट और तीर्थंकर सर्किट शामिल है। यह योजना पर्यटकों के अनुभवों को समृद्ध करने एवं अवसरों को बढ़ाने तथा अज्ञात स्थलों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई है।
योजना का उद्देश्य देश की संस्कृति और विरासत मूल्यों को बढ़ावा देने के साथ-साथ क्षेत्रों में आजीविका पैदा करना है। आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और रोजगार उत्पादन करना भी योजना के अधीन है। योजना के अंतर्गत आगंतुक अनुभव को बढ़ाने के लिए पर्यटक के सुविधा सेवाओं का विकास करना है। योजनाबद्ध तरीके से और प्राथमिकता के साथ पर्यटन क्षमता वाले सर्किट को विकसित करना योजना का उद्देश्य है। स्थानीय समुदायों को रोजगार देकर उन्हें योजना के तहत भागीदार बनाना है।
योजना के मिशन के उद्देश्यों और दृष्टि को मजबूत करने के लिए पर्यटन मंत्रालय के अध्यक्ष के रूप में प्रभारी मंत्री के साथ एक राष्ट्रीय संचालन समिति का भी गठन किया जाएगा। सरकार ने 'स्वदेश दर्शन योजना' को और अधिक प्रभावशाली बनाने का फैसला किया है। जिसके तहत अब तक 6,000 करोड़ रुपए की मंजूरी मिल चुकी है और अब इसमें 650 करोड़ रुपए और सरकार देगी। इस योजना के तहत अलग-अलग थीम पर इंटीग्रेटेड टूरिस्ट सर्किट बनाने की योजना सरकार की है।
इस योजना के तहत अब तक 15 सर्किट विकसित किए जा चुके हैं और 79 योजनाओं को मंजूरी दी गई है। देशभर में संरचनात्मक विकास के लिए विषय आधारित पर्यटन सर्किट को योजना के हिस्से के तौर पर पहचान की जाएगी। विषय आधारित पर्यटन सर्किट(टी.बी.टी.सी) को स्थान, संस्कृति, धर्म, जातीयता आदि जैसे विशेष विषयों पर बने पर्यटन सर्किट के तौर पर परिभाषित किया जाता है। टी.बी.टी.सी या तो एक राज्य में हो सकता है अथवा एक क्षेत्रीय सर्किट हो सकता है जिसमें एक से अधिक राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश आते हैं।
पर्यटन सर्किट को एक ऐसे मार्ग के रूप में परिभाषित किया गया है जिस पर कम से कम तीन प्रमुख पर्यटन स्थल को जो एक गांव, शहर या एक दूसरे से कम दूरी पर उपस्थित हो। पहचाने गए थीम आधारित सर्किट में आधारभूत संरचना का एकीकृत विकास करना इस योजना का लक्ष्य है। विविध थीम आधारित सर्किट के साथ पूरा पर्यटन अनुभव प्रदान करना है।
पहचाने गए क्षेत्रों में आजीविका उत्पन्न करने के लिए स्थानीय कला, भोजन, हस्तशिल्प, संस्कृति आदि को बढ़ावा देना है। स्थानीय समुदायों के बीच आय के स्रोतों में वृद्धि, क्षेत्र के समग्र विकास, जीवन स्तर में सुधार के साथ पर्यटन के महत्व के बारे में जानकारी देकर उन्हें जागरूक करना है। गरीबों के हित में पर्यटन के दृष्टिकोण और समुदाय आधारित विकास को अनुसरण करना है। रोजगार सृजन एवं आर्थिक विकास में इसके सीधे और गुणक प्रभाव के लिए पर्यटन के दोहन की क्षमता को बढ़ाना है।