क्या महात्मा गाँधी का स्वच्छ भारत सपना साकार? जानिए स्वच्छ भारत अभियान योजना के बारे में!

भारत हमेशा से ही स्वच्छता पसंद देश रहा है
क्या महात्मा गाँधी का स्वच्छ भारत सपना साकार? जानिए स्वच्छ भारत अभियान योजना के बारे में!
क्या महात्मा गाँधी का स्वच्छ भारत सपना साकार? जानिए स्वच्छ भारत अभियान योजना के बारे में!

भारत हमेशा से ही स्वच्छता पसंद देश रहा है लेकिन जनसंख्या और शहरीकरण में असीम वृद्धि की वजह से भारत स्वच्छता में दिनोदिन पिछड़ते चला गया। कुछ साल पहले तक भारत का स्वच्छता के संदर्भ में ऐसी स्थिति थी कि जो भी विदेशी भारत भ्रमण करने आता वह भारत का नाम एक अस्वच्छ देश के तौर पर जानने लगता।

देश की स्थिति और नाम को सुधरने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान(Clean India Movement) का शुभ आरम्भ किया। इस मिशन के तहत भारत की सभी गली, सड़क, गांव, जिले, राज्य, अधोसंरचना और केंद्र शासित प्रदेश को साफ़-स्वच्छ रखना और देश में 100 मिलियन से ज़्यादा शौचालयों का निर्माण करने का प्रावधान है।

महात्मा गाँधी(Mahatma Gandhi) की 150वीं जयंती पर देश को "खुले से शौच मुक्त" घोषित करने का प्रावधान भी इस योजना में शामिल है। साथ ही इस मिशन के द्वारा शहरी क्षेत्रों में खुले में शौच से मुक्त योजना चलाने, सभी शहरों में ठोस कचरे का प्रबंधन, 1 लाख से कम आबादी वाले शहरों में सीवर के पानी के प्रबंधन से जुड़े काम पर ज़ोर देना है।

इस योजना के लिए प्रधानमंत्री ने 5 साल का लक्ष्य रखा ताकि 2019 तक जब देश महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi) की 150वीं जयंती मनाएगा तब गाँधी जी की "स्वच्छ भारत" की परिकल्पना साकार हो सके। 1 अक्टूबर, 2021 को देश में स्वच्छ भारत मिशन का दूसरा संस्करण शुरू किया गया। "स्वच्छ भारत अभियान 2.0" के अंतर्गत ठोस कचरा प्रबंधन पर ज़्यादा ज़ोर दिया जाएगा।

इसमें "कचरा मुक्त" शहर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। यह मिशन पूरी तहत से कागज़ रहित होगा और स्वच्छता से जुड़े काम के सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज होंगे। GIS चिन्हित कचरा प्रबंधन इंफ्रास्ट्रक्चर(infrastructure), शिकायत निपटारे की ऑनलाइन व्यवस्था, प्रोजेक्ट जारी करने से लेकर उसकी शुरुआत और समाप्ति तक ऑनलाइन(Online) निगरानी और हर तरह की अति आधुनिक टेक्नोलॉजी(Technology) का इस्तेमाल स्वच्छ भारत मिशन 2.0 में लागू किया जाएगा।

क्या है स्वच्छ भारत अभियान?

महात्मा गाँधी(Mahatma Gandhi) के स्वच्छ भारत(clean India) के सपने को पूरा करने के लिए स्वच्छ भारत अभियान(Clean India Movement) को 2 अक्टूबर को भारत के सभी शहरों और कस्बों को स्वच्छ बनाने के लिए शुरू किया गया था। इस योजना के तहत देश के सभी शहरों को "खुले में शौच से मुक्त" किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने शौचालय बनवाने का काम शुरू किया।

हालाँकि इससे पहले की सरकारों द्वारा इसे अलग नाम से अलग-अलग तरीके से शुरू किया गया था। लेकिन मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए इस अभियान से पहले की तुलना में काफी हद तक लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैली है।

स्वच्छ भारत मिशन(Clean India Mission) को राष्ट्रीय स्तर पर चलाना और सभी कस्बों, ग्रामीण और शहरी इलाकों को शामिल करना इस अभियान में शामिल है। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को स्वच्छता के महत्त्व के बारे में जागरूक करने के लिए एक पहल के रूप में कार्य करना है।

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इस अभियान के तहत बहुत सारे उद्देश्य निर्धारित किए गए ताकि भारत स्वच्छ और बेहतर बन सके। इस अभियान से न केवल सफाईकर्मियों और श्रमिकों बल्कि देश के सभी नागरिकों से साथ जुड़ने की अपील की है।

इसका उद्देश्य सभी घरों में सेनेटरी सुविधाओं(sanitary facilities) का निर्माण करना भी है। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे बड़ी समस्या खुलें में शौच है और स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य इसे ख़त्म करना व शौचालयों का निर्माण करना है।

स्वच्छ भारत अभियान का महत्त्व

लोगों का कहना है कि "स्वच्छता भगवन की ओर अगला कदम है।" इस लिए स्वच्छ भारत अभियान सामाजिक रूप के साथ-साथ धार्मिक रूप से भी महत्त्व रखता है। यह सही मायनों में भारत की सामाजिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिए है जो हर तरह स्वच्छता लेन से शुरू किया जा सकता है।

बेहद ज़रूरी है कि भारत के हर घर में शौचालय बनवाने के साथ ही खुले में शौच की प्रवृति को ख़त्म किया जा सके। नगर निगम के कचरे का पुनर्चक्रण और दुबारा इस्तेमाल सुरक्षित समापन, वैज्ञानिक तरीके से मल प्रबंधन को लागू करना इस योजना का उद्देश्य है।

साथ ही खुद के स्वास्थ्य के प्रति भारत के लोगों की सोच और स्वभाव में परिवर्तन लाना और साफ़-सफाई की प्रक्रिया का पालन करना अभियान का हिस्सा है। स्वच्छता अभियान की विशेषताओं में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में वैश्विक जागरूकता लाना और सामान्य लोगों को स्वास्थ्य से जोड़ना और इसमें काम करने वाले लोगों को स्थानीय स्तर पर कचरे के निष्पादन का नियंत्रण करना, ख़ाका तैयार करने में मदत करना आता है।

इस योजना के अंदर पुरे भारत में साफ़-सफाई की सुविधा को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्रों की हिस्सेदारी को बढ़ाना, भारत को स्वच्छ और हरियाली युक्त बनाना, ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से समुदायों और पंचायती राज संस्थानों को निरंतर साफ़-सफाई के प्रति जागरूक करना आता है।

कहा जा सकता है कि इस अभियान का लक्ष्य काफी हद तक पूरा हुआ है। इस अभियान के तहत देश के लगभग सभी पेट्रोल पंपों(petrol pumps) के पास शौचालय का निर्माण करवाया गया। देश के 700 से ज़्यादा जिले इस अभियान के तहत स्वच्छता पर काम कर रहे है।

स्वच्छ भारत अभियान पर अभी तक लगभग 332.64 करोड़ रूपए का बजट पास किया जा चूका है। योजना के तहत हर नागरिक के लिए घर में या घर के निकट शौचालय की व्यवस्था के उद्देश्य से सब्सिडी की सुविधा प्रदान की गई है।

जिसके अंतर्गत नए शौचालय बनवाने पर शहरी क्षेत्र में 75% तक की राशि सरकार देगी और ग्रामीण क्षेत्रों में 12,000 रूपए उपलब्ध कराएगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन फॉर्म(online form) भरा जा सकता है। स्वच्छ भारत अभियान के ऑफिसियल वेबसाइट पर जा कर फॉर्म भरना है। फिर लिस्ट में नाम आने पर योजना का लाभ उठाया जा सकता है।

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