
देश में यातायात को सुचारु रूप से चलाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा सेतु भारतम योजना की शुरुआत की गई है। ढांचागत मुद्दों को सुधारने के सरकार के निरंतर प्रयासों के बीच, सेतु भारतम परियोजना संरचनात्मक खामियों को दूर और राजमार्गों के उन्नयन के द्वारा परिपूर्ण रही है। 102 अरब रूपए की परियोजना सेतु भारतम परियोजना का मुख्य फोकस सड़क सुरक्षा को बढ़ाना है। इसके तहत बनाए गए 208 ओवर और अंडर ब्रिज यात्रियों को यात्रा करने में सुविधा प्रदान करते है। इस परियोजना का शुभारंभ 4 मार्च, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। इस योजना के तहत सभी रेलवे क्रॉसिंग और राष्ट्रीय राजमार्गों पर पुल बनाए जाएंगे साथ ही नए पुलों और रेलवे क्रॉसिंग का निर्माण भी किया जाएगा। पुल बनने से ट्रैफिक की समस्या कम होगी। इससे यात्रा में लगने वाले समय की भी बचत होगी। सेतु भारतम योजना एक विकास परियोजना है और यह एक साथ कई क्षेत्रों का विकास करेगी। इससे रोज़गार तो सृजित होंगे ही साथ ही देश के सड़क परिवहन और उसकी आधारभूत संरचना में भी सुधार होगा। सेतु भारतम योजना राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे क्रॉसिंग से मुक्त बनाने की दिशा में एक पहल है। यह परियोजना राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय राजमार्गों पर केंद्रित है। देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए पुलों का निर्माण करना है। इस योजना के अंतर्गत पुराने पुलों और रेलवे क्रॉसिंग की मरम्मत की जाएगी। इस योजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर पुलों का निर्माण कर उन पर ट्रैफिक का भार कम किया जाएगा।
क्या है सेतु भारतम योजना?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 मार्च, 2016 को 102 बिलियन के बचट में इस योजना को लॉन्च किया गया था। इस परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर मानव रहित रेलवे लेवल क्रॉसिंग से मुक्त करना है। ऐसा लेवल क्रॉसिंग पर लगातार दुर्घटनामों और जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए किया जा रहा है। 208 रेलवे ओवर ब्रिज “ROB” या रेलवे अंडर ब्रिज “RUB” कार्यक्रम के हिस्से के रूप में 20,800 करोड़ रूपए की लागत से बनाए जाएंगे। सेतु भारतम योजना सड़क सुरक्षा के महत्व की ओर ध्यान देने के साथ शुरू की गई थी। योजना का पहला उद्देश्य उचित योजना और कार्यान्वयन के साथ मज़बूत बुनियादी ढांचे का विकास करना है। इस परियोजना का लक्ष्य पुराने और असुरक्षित पुलों के नवीनीकरण के साथ-साथ नए पुलों का निर्माण करना होगा। परियोजना के तहत भारतीयम पुल प्रबंधन प्रणाली “IBMS” की स्थापना सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत नोएडा में “इंडियन एकेडमी फॉर हाईवे इंजीनियर” में की गई थी। परियोजना निरीक्षण इकाइयों के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी पुलों का सर्वेक्षण करेगी। इस उद्देश्य के लिए लगभग 11 फर्मों की स्थापना की गई और लगभग 50,000 पुलों का सफलतापूर्वक आविष्कार किया गया था। इस योजना में राष्ट्रीय राजमार्गों पर पुलों का निर्माण कर उन ट्रैफिक का भार कम किया जाएगा। बल्कि इससे यात्रा में लगने वाले समय की भी बचत होगी। सेतु भारतम के लिए केंद्र सरकार ने जो बजट आवंटित किया वह 102 बिलियन है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि एक बिलियन 100 करोड़ होता है। इस योजना में 208 पुलों का निर्माण किया जाएगा जिनमें रेलवे ओवरब्रिज और अंडरब्रिज भी शामिल है। इसके अंतर्गत पुराने पुलों की मरम्मत पर 300 मिलियन खर्च होंगे। इस परियोजना के तहत देश भर में रेलवे ट्रैक के नीचे और ऊपर पुलों का निर्माण करना है। पुलों के सफल निर्माण के लिए वैज्ञानिक तकनीकों जैसे आयु, दूरी, देशांत, अक्षांश सामग्री और डिजाइन का उपयोग करना है। नए पुलों के मानचित्रण और निर्माण में तकनीक उपयोगी साबित होगी।
योजना का उद्देश्य और महत्व
सेतु भारतम योजना राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे क्रॉसिंग से मुक्त बनाने की दिशा में एक पहल थी। राष्ट्रव्यापी फोकस यह परियोजना राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय राजमार्गों पर केंद्रित थी। देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए पुलों का निर्माण एक प्राथमिक उद्देश्य था। रेलवे ट्रैक ब्रिज परियोजना का उद्देश्य लगभग 280 का निर्माण करना है और देश भर में रेलवे ट्रैक के नीचे और ऊपर पुल का निर्माण करना है। इस उद्देश्य के लिए गठित टीम की मदत से विभिन्न राज्यों को कवर किया गया है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी इस परियोजना का उद्देश्य पुलों के सफल निर्माण के लिए वैज्ञानिक तकनीकों जैसे आयु, दूरी, देशांतर, अक्षांश सामग्री और डिजाइन का उपयोग करना है। नए पुलों के मानचित्रण और निर्माण में तकनीक उपयोगी साबित हुई है। ब्रिज मैपिंग 2016 में प्रोजेक्ट की शुरुआत करते हुए इंडियन ब्रिज मैनेजमेंट सिस्टम के तहत देश भर के 1,50,000 पुलों की मैपिंग की जाएगी। यात्रा में आसानी होगी, पुल होने से ट्रैफिक की समस्या कम होगी और इससे यात्रियों को गाड़ी चलाने के लिए ज़्यादा जगह मिलेगी। सुरक्षित यात्रा, सुरक्षित रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग पुल होने से यात्रियों में सुरक्षा की भावना भी आएगी। राजमार्ग और रेलवे ट्रैक आमतौर पर दुर्घटना का स्थान होते हैं। पुलों के निर्माण से इस समस्या का समाधान होगा। परियोजना के प्रमुख उद्देश्यों में से एक पुलों की गुणवत्ता में सुधार करना था। पुलों की ग्रेडिंग योजना ने एक टीम के गठन की अनुमति दी जिसे पुलों की गुणवत्ता की जांच करने और उन्हें ग्रेड देने के लिए सौंपा गया था। सेतु भारतम का उद्देश्य है कि देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को 2019 तक रेलवे क्रोस्सिंग्स से मुक्त किया जाए ताकि वहां होने वाले हादसों को रोका जा सके और इससे जो जान-माल का नुकसान होता है वह भी कम हो। साथ ही सड़क परिवहन को सुरक्षित और तेज बनाना भी इसका उद्देश्य है।
सरकार ने इस मेगा और महत्वकांशी परियोजना की शुरुआत साल 2016 में की थी। इस परियोजना को शुरू किया गया था और इस परियोजना को रिकॉर्ड समय में पूरा किया जाना था। परियोजना का लक्ष्य 2019 के अंत तक परियोजना को पुरा करना था। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल रहा और यह परियोजना साल 2019 में पूरी हुई। मार्च 2020 तक योजना के कार्यान्वयन के कारण 50% से ज़्यादा सड़क हताहतों में कमी देखी गई थी। सेतु भारतम योजना को देश के बुनियादी ढांचे में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। पहले की तुलना में सड़क हादसों में कमी आई है। उम्मीद है कि सरकार और नागरिकों की मदत से आने वाले सालों में इसकी उम्मीद की जा सकती है। इस योजना की प्राथमिकता पुलों की गुणवत्ता को सुधारना है। खराब गुणवत्ता वाले पुल कई दुर्घटनाओं का कारन बन रहें थे। गुणवत्ता जितनी कम होगी पुल के उन्नयन पर उतना ही ज़्यादा ध्यान दिया जाएगा। परियोजना के तहत भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली “IBMS” की स्थापना सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत नोएडा में इंडिया एकेडमी फॉर हाईवे इंजीनियर में की गई है। परियोजना निरीक्षण इकाइयों के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी पुलों का निरीक्षण करना इसका उद्देश्य है। इस योजना ने एक टीम की स्थापना की अनुमति दी है जिसे पुलों की गुणवत्ता की जांच करने और उन्हें ग्रेड देने के लिए सौंपा गया है।