
भारत की वर्तमान जनसंख्या का लगभग 31% शहरों में बस्ता है जिसका सकल घरेलू उत्पाद में 63% का योगदान है। ऐसी उम्मीद है कि 2030 तक शहरी क्षेत्रों में भारत की आबादी का 40% रहेगा और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 75% का होगा। स्मार्ट सिटी मिशन देश के 100 शहरों का निर्माण करने के लिए एक शहरी विकास कार्यक्रम है। जिसे देश के प्रधानमंत्री ने 25 जून, 2015 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य शहरों में आधारभूत सुविधाओं का विकास करना है ताकि नागरिकों को स्वच्छ और स्थायी वातावरण दिया जा सके। योजना के तहत इन शहरों में तकनीक को बढ़ावा देने का काम होगा ताकि स्मार्ट परिणाम मिल सके। इस योजना की शुरुआत तकनीक की मदत से नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए किया गया था। यह योजना स्थानीय विकास को सक्षम करने और प्रोधौगिकी की मदत से नागरिकों के लिए बेहतर परिणामों के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए भारत सरकार द्वारा एक अभियान और नई पहल है। योजना के तहत 5,929 प्रोजेक्ट के लिए 1,78,492 करोड़ रूपए का बजट पास किया गया है। इस मिशन में शहरों का मार्गदर्शन करने के लिए कुछ पारिभाषिक सीमाओं की आवश्यकता है। इस मिशन का उद्देश्य ऐसे शहरों को बढ़ावा देना है जिनमें मूलभूत अवसंरचना है और अपने नागरिकों को शानदार गुणवत्ता वाला जीवन, स्वच्छ और स्थिर वातावरण और स्मार्ट समाधानों की प्रयोजनीयता देना है। इस योजना में स्थिर और समावेशी विकास पर ध्यान दिया गया है और कहा गया है कि छोटे क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया जाएगा, प्रतिकृति मॉडल बनाए जाएंगे जो बाकि आकांक्षी शहरों के लिए दीपस्तंभ का काम करेगा। सरकार की स्मार्ट सिटी योजना एक साहसी और नई पहल है।
क्या है स्मार्ट सिटी योजना?
स्मार्ट सिटी मिशन स्थानीय विकास को बढ़ाने और प्रौद्योगिकी की मदत से नागरिकों के लिए बेहतर परिणामों के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए भारत सरकार द्वारा एक अभियान और नई पहल है। इस मिशन का उद्देश्य ऐसे शहरों को बढ़ावा देना है जो मूल बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराए और अपने नागरिकों को एक सभ्य गुणवत्ता पूर्ण जीवन प्रदान करें। साथ ही एक स्वच्छ और टिकाऊ पर्यावरण एवं "स्मार्ट" समाधान के प्रयोग का मौका दें। भारत सरकार ने 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 25 जून, 2015 को स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत की। 100 स्मार्ट शहरों का चयन जनवरी 2016 से जून 2018 तक चयन के 4 दौर के माध्यम से पूरा किया गया है। एससीएम के तहत शहरों ने अपने चयन के बाद से काफी प्रगति दिखाई है। यह पूरी योजना का बजट 98,000 करोड़ रखा गया है। इस में आधा पैसा राज्य सरकार को भी देना पड़ेगा। भारत में स्मार्ट सिटी के सपने को पूरा करने के लिए नरेंद्र मोदी ने यह निर्णय लिया है कि वह 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करेंगे। अभी तक भारत सरकार ने 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 23,925.83 करोड़ रूपए जारी किए है जिसमें से 20,410.14 करोड़ रूपए स्मार्ट शहरों द्वारा उपयोग किए जा चुके है। जो कुल बजट का 85% है।
स्थानीय क्षेत्र के विकास को साकार कर और तकनीक का उपयोग कर विशेषकर ऐसी तकनीक जिसके स्मार्ट परिणाम मिले, आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है। शहरी क्षेत्रों की बढ़ती आबादी को समायोजित करने के लिए शहरों के इर्दगिर्द नए क्षेत्र विकसित किए जायेंगे। स्मार्ट समाधानों के इस्तेमाल से शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं में सुधार करने के लिए तकनीक, सुचना और आकड़ों का प्रयोग कर सकेंगे। इस तरह से व्यापक विकास से जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा, रोज़गार सृजित होगा और सभी विशेषकर गरीब और उपेक्षित लोगों की आय में बढ़ोतरी होगी जिससे शहर समावेशी बनेंगे। शहरी विकास मंत्रालय कार्यक्रम में फंडिंग के लिए शहरों का चयन करने के लिए चुनौती और प्रतिस्पर्धा विधि का उपयोग कर रहे है और क्षेत्र-आधारित विकास की कार्यनीति का इस्तेमाल कर रहे है। जो प्रतिस्पर्धा जो सहकारी संघवाद के भाव को दर्शाता है। निति निर्माताओं, योजना लागू करने वाले कार्यकर्ता और बाकि हितधारकों द्वारा अलग-अलग स्तरों पर फिर से संयोजन, पुनर्विकास और हरित-क्षेत्र के विकास की अवधारणाओं को समझने के लिए क्षमता सहायता की अपेक्षा होगी।
स्मार्ट योजना की विशेषता व फायदा
इस योजना के तहत कम से कम 15% इलाका शिक्षण संस्थान के लिए होना चाहिए और 1.25 लाख जनसंख्या के लिए कम से कम एक कॉलेज होना ज़रूरी है। 10 लाख की आबादी के लिए एक विश्वविद्यालय, एक मेडिकल कॉलेज, एक पैरामेडिकल कॉलेज और एक इंजीनियरिंग कॉलेज का होना अनिवार्य है। स्मार्ट सिटी में बिजली की सप्लाई और पानी की उपलब्धता 24 घटे और 7 दिन लगातार रहे। इसके तहत लोगों के यातायात का उचित प्रबंध होना चाहिए ताकि वह एक स्थान से दूसरे तक आसानी सें जा सके और लोगों के चलने के लिए कम से कम 2 मीटर चौड़ी पगडण्डी होनी ज़रूरी है। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से जो लोग घर बनाने लायक न हो उनके पास भी घर होने का प्रावधान है, शहर में सफाई की उचित व्यवस्था और कही भी गंदगी न होना भी शामिल है। इस योजना के तहत सारी सुविधा प्राप्त करने के लिए अधिक दूर नहीं जाना पड़ेगा और सरकार के कर्मों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की उपलब्धता दी जाएगी। सिंगल विंडो का मतलब है सरकारी विभाग के लिए जिस तरह से अलग-अलग ऑफिस जाना पड़ता है वहाँ पर सिर्फ एक ही ऑफिस होगा जहाँ से हर विभाग के कामों को पूरा किया जा सकेगा। लोगों की सुरक्षा के लिए हर वक्त सरकार की नज़र चारों तरफ होती है इसलिए 24 CCTV कैमरा के ज़रिए निगरानी की जाती है। सुंदर और अत्याधुनिक शहर तभी बनाया जा सकेगा जब सफाई बहुत ही उच्च स्तर की होगी। इस योजना के अंतर्गत सफाई के लिए काफी ध्यान दिया जाएगा। स्वच्छ भारत अभियान के साथ ही सरकार ने पहले ही सफाई को लेकर पुरे भारतवर्ष को जागरूक किया है। सफाई इंसान की नैतिक ज़िम्मेदारी है और सभी को इस में शामिल होना चाहिए।