
देश से बेरोज़गारी हटाने के लिए और युवाओं का विकास करने के लिए 15 जुलाई, 2015 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कौशल विकास योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत देश में हर साल लगभग 24 लाख युवाओं को स्किल आधारित ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया। स्किल इंडिया मिशन का उद्देश्य देश भर में कौशल विकास योजनाओं को एकीकृत कर उनकी निगरानी करना है। इस मिशन के अंतर्गत युवाओं को उद्योग से संबंधित कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वह खुद का रोज़गार शुरू कर सकें। इस योजना के तहत कम पढ़े लिखे या फिर 10वीं-12वीं बीच में छोड़ने वाले युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना का लक्ष्य 2022 तक भारत में 40 से ज़्यादा लोगों को विभिन्न कौशल में प्रशिक्षित करना है और देश युवाओं को पर्याप्त कौशल सेट के साथ सशक्त बनाना है। इस योजना पर पुरे देश में ज़ोर-शोर से काम हो रहा है। स्किल इंडिया मिशन भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है। भारत के प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं में नौकरी करने की अपेक्षा बढ़ाने और उनमें औद्योगिक व उद्यमशीलता के कौशल को विकसित करने के उद्देश्य से स्किल इंडिया के साथ डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी कई प्रभावी योजनाओं की भी शुरुआत की है। इस मिशन के अंतर्गत 4 अन्य योजनाओं राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन, कौशल विकास उद्यमिता के लिए राष्ट्रीय नीति, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और कौशल ऋण योजना को शामिल किया गया है।
क्या है स्किल इंडिया मिशन?
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आते ही देश के विकास के लिए बहुत सारी योजनाओं की शुरुआत की जैसे "डिजिटल इंडिया", "मेक इन इंडिया" आदि। इन योजनाओं को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य देश को विकास की तरफ ले जाना और देश की युवा पीढ़ी की विकास में सहायता करना है। जिसके लिए प्रधानमंत्री ने "कौशल भारत" या "स्किल इंडिया मिशन" का शुभ आरम्भ किया। इस मिशन को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 2015 में मान्यता मिली लेकिन आधिकारिक तौर पर इस मिशन को प्रधानमंत्री द्वारा 15 जुलाई, 2015 को अंतराष्ट्रीय युवा कौशल दिवस के अवसर पर लांच किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय युवाओं के कौशल के विकास के लिए अवसर, स्थान और स्कोप बनाना है और उन क्षेत्रों में जहाँ कई सालों से विकास नहीं हुआ है उसे अधिक विकसित करना है साथ ही कौशल विकास के लिए नए क्षेत्रों की पहचान करना है। इसके अलावा कौशल विकास योजना का उद्देश्य 2022 तक भारत में लगभग 40 करोड़ युवाओं को कौशल विकास के लिए प्रशिक्षित करना है। इस योजना के लिए एक प्रतीक चिन्ह या टैग लाइन "कौशल भारत-कुशल भारत" का अनावरण भी किया गया।
भारत सरकार इस मिशन के तहत दिए जाने वाले प्रशिक्षण को अंतराष्ट्रीय मापदंडों के अनुसार लाना चाहती है ताकि युवाओं को हर साल वर्क फ़ोर्स में शामिल किया जा सके। योजना के तहत कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, फर्नीचर एंड फिटिंग, हेलीक्राफ्ट और लेदर तकनीक जैसे लगभग 40 तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को रोज़गार देने के साथ ही उन्हें इस काबिल बनाना है कि वह खुद भी दूसरों के लिए रोज़गार उत्पन्न कर सकें। कौशल विकास योजना के ज़रिए सरकार का लक्ष्य हर पांच साल में एक करोड़ से ज़्यादा लोगों को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। उद्योग की मांग को देखते हुए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत परिणामी प्रशिक्षण के लिए एक रूपरेखा तैयार की जाएगी और गैर-संगठित क्षेत्रों जैसे निर्माण क्षेत्र में कौशल विकास के लिए क्षमता का निर्माण किया जाएगा। वही इस योजना के तहत देश के युवा जिस कौशल को परंपरागत रूप से जानते है उनके उस कौशल को और निखार कर व प्रशिक्षित कर के सरकार द्वारा मान्यता प्रदान की जाएगी। कॉशन प्रशिक्षण के मूल्य पर सामाजिक जागरूकता पैदा करने और युवाओं के बीच कौशल के मूल्य का प्रचार करने का प्रावधान इस योजना में है और तो और सभी तकनीकी संस्थाओं को विश्व में बदलती तकनीक के हिसाब से ढालना भी इसमें आता है।
स्किल इंडिया मिशन से कैसे जुड़े?
स्किल इंडिया मिशन से जुड़ने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट pmkvyofficial.org पर जा कर Find a training center के विकल्प पर अपनी सुविधा और इच्छा के अनुसार क्षेत्र चुनना होगा। उसके बाद जिस विषय में ट्रेनिंग लेना चाहे उसे चुनना है जिसमे कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, फर्नीचर एंड फिटिंग, हेलीक्राफ्ट और लेदर तकनीक आदि विकल्प मौजूद है। इसके बाद सेंटर का पता आपको मिल जाएगा जहाँ एडमिशन लेने के बाद कोर्स की अवधि व पाठ्यक्रम के हिसाब से ट्रेनिंग दी जाएगी। सरकार ने योजना से जुडी जानकारी प्राप्त करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 8800055555 भी जारी किया है। इस मिशन में सिलबस को 5 मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया गया है जिसमे प्रबंधन और विकास कार्यक्रम, प्रशिक्षक का प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, कौशल विकास कार्यक्रम, अन्य कौशल-सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देना, क्लस्टर विकास, एमएसएमई के लिए ऋण रणनीति शामिल है। इस योजना के तहत सर्टिफिकेट लेने वाले युवाओं को 2 लाख रूपए का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा प्रदान किया जाएगा जिसकी अवधि 3 साल की होगी।
स्किल इंडिया मिशन की विशेषता
इस योजना की विशेषताओं में युवाओं के कौशल पर ज़ोर देना शामिल है ताकि उनके रोज़गार पाने और खुद का उद्योग शुरू करने में सुधार हो सके। इस योजना के तहत पारम्परिक तरीके से सभी व्यवसायों जैसे बढ़ई, मोची, वेल्डर, लोहार, राज मिस्त्री, नर्स, दर्ज़ी आदि के लिए प्रशिक्षण, समर्थन और मार्गदर्शन का प्रावधान है। और नए क्षेत्र जैसे रियाल स्टेट, निर्माण, वस्त्र, धातु उद्योग, बैंकिंग और पर्यटन पर ज़्यादा ध्यान दिया जाएगा। इसका प्रशिक्षण प्रोग्राम अंतराष्ट्रीय स्तर पर किया जायेगा ताकि देश के साथ-साथ विदेशी मांगो को भी पूरा किया जा सके। इसके अलावा इस योजना की विशेषताओं में "ग्रामीण भारत कौशल" नामक हॉलमार्क बनाना भी आता है जिससे प्रशिक्षण की प्रक्रिया को प्रमाणित किया जा सके। "कौशल भारत" के काम करने के तरीके में बदलाव किया जाएगा जिसमे खेल, ग्रुप डिस्कशन, ब्रेन्डस्टोर्मिं सेशन, प्रैक्टिकल अनुभव, केस स्टडी आदि शामिल है।