राजा से जुड़ा है इस ज़िले का इतिहास , आइए जानते है हमीरपुर ज़िले के बारे में

राजा से जुड़ा है इस ज़िले का इतिहास , आइए जानते है हमीरपुर ज़िले के बारे में.
राजा से जुड़ा है इस ज़िले का इतिहास , आइए जानते है हमीरपुर ज़िले के बारे में.
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राजा से जुड़ा है इस ज़िले का इतिहास , आइए जानते है हमीरपुर ज़िले के बारे में

उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के बुंदेलखंड(Bundelkhand) का हमीरपुर जिला (hamirpur district) यमुना और बेतवा के संगम के पास बसा हुआ है। बेतवा(Betwa) के तट पर मोटे रेत मिलते है जिसका निर्यात उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के कई भागो में होता है। जिला मुख्यालय हमीरपुर ही है जो कानपुर(Kanpur) से लगभग 68 किमी की दूरी पर स्थित है। हमीरपुर उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ(Lucknow) से 150 किमी की दूरी पर है।

जिले में चार तहसील हमीरपुर(hamirpur district), मोदहा(Modha), राठ(Rath) और सरीला(sareela) है और 7 ब्लॉक क़ुरारा(7 Block Kurara), सुमेरपुर(Sumerpur), मौदहा(Maudaha), मुस्करा(Muskra), राठ(Rath), सरीला(sareela) और गोहाण्ड(Gohand) है। हमीरपुर के उत्तर में कानपुर नगर(Kanpur Nagar) और फतेहपुर (Fatehpur) जिला स्थित है, पूर्व में बांदा(Banda) और महोबा और पश्चिम में झाँसी(Jhansi) है। भौगोलिक दृष्टि से छोटा सा जिला हमीरपुर अपने अंदर एक बड़ा और समृद्ध इतिहास समेटे हुए है।

इतिहास

राजा हमीरपुर ने हमीरपुर क़स्बा बसाया था जो कांगड़ा(Kangra) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यह जिला सबसे पहले सितंबर 1972 में अस्तित्व में आया। हमीरपुर का इतिहास राजा हमीरपुर चंद (Raja Hamirpur Chand) के शासन काल से जुड़ा है, जिन्होंने 18वीं शताब्दी में हीरानगर(Hiranagar) के पास एक दुर्ग का निर्माण करवाया जिसके नाम से जिले का नाम हमीरपुर पड़ा।

राजा हमीरपुर चंद(Raja Hamirpur Chand) 1740 से 1780 तक कांगड़ा(Kangra) रियासत के शासक रहे और 1888 में हमीरपुर में एक बड़े तहसील भवन का निर्माण हुआ। 1761 से 1773 के बीच हमीरपुर जिले में सुजानपुर नगर की स्थापना की नीव रखी गई जो हमीरपुर के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है।

हमीरपुर में महाराज संसाद चंद(Maharaj Sansad Chand) ने अपने शासन काल में कला से परिपूर्ण मंदिरों का निर्माण करवाया। जिसमें मुरली मनोहर मंदिर(Murali manohar temple), गौरी शंकर व नर्वदेश्वर मंदिर मुख्य है। मशहूर मिरियां का किला (Miyan's Fort) हमीरपुर से 15 किमी की दूरी पर है और महल गाँव(Mahal village) के बीच की पहाड़ी पर स्थित है।

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घूमने की जगह

ऐतिहासिक रूप से परिपूर्ण जिला हमीरपुर में घूमने की बहुत सारी जगह है। यहाँ आपको देखने के लिए कला से परिपूर्ण मंदिर, ऐतिहासिक स्थल और सुंदर दृश्य मिलेंगे। स्वतंत्रता आंदोलनों में इस जगह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

1) कल्पवृक्ष हमीरपुर:- हमीरपुर में स्थित कल्पवृक्ष(Kalpavriksha) बहुत ही कम जगहों पर पाया जाता है। लोगों की मान्यताओं के अनुसार यह पेड़ लोगों की इच्छाएं पूरी करता है जिसके कारन बहुत सारे लोग यहाँ दर्शन के लिए आते है।

इस पेड़ की मान्यता जितनी सुंदर है उतना ही सुंदर वृक्ष का नज़ारा है। कल्पवृक्ष यमुना नदी के किनारे स्थित है जहाँ से यमुना का सुंदर नज़ारा देखने को मिलता है। वृक्ष के पास ही माँ भद्र काली का मंदिर बना हुआ है जहाँ माँ के दर्शन करने पर्यटक आते है।

2) पातालेश्वर और चौरा देवी मंदिर:- हमीरपुर में बहुत मान्यता रखने वाला पातालेश्वर मंदिर(Pataleshwar cave temple) भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था। कहा जाता है मंदिर यमुना नदी में आए बाढ़ के कारन पूरी तरह से दब गया था लेकिन मंदिर को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। फिर इस मंदिर का पुननिर्माण किया गया। मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग के दर्शन करने को मिलते है जिनकी स्थापना प्राचीन काल में हुई थी।

मंदिर में शिवलिंग के साथ-साथ पंचमुखी हनुमान और दुर्गा जी के दर्शन करने को मिल जाएंगे। अगर बात करें चौरा देवी मंदिर की तो यह हमीरपुर का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है जहाँ लोग माँ चौरा देवी के दर्शन के लिए आते है।

यह मंदिर हमीरपुर के मुख्य शहर में स्थित है। मंदिर चारों तरफ से पेड़-पौधे से घिरा है और मंदिर के पास ही यमुना नदी बहती है जिसका दृश्य मन को शांत करता है और देखने में बहुत सुंदर लगता है।

3) यमुना और बेतवा संगम:- अगर आप ठंडी हवा और शांति के प्रेमी है तो हमीरपुर में यमुना और बेतवा नदी का संगम स्थल आपके लिए ही है। हमीरपुर का प्रमुख पर्यटन स्थल यमुना और बेतवा नदी का संगम(Confluence of Yamuna and Betwa rivers) देखने में बहुत सुंदर है।

इस संगम स्थल पर मिल कर बेतवा नदी ख़त्म हो जाती है और आगे यमुना नदी बहती है। यहाँ पर्यटक सुंदर स्थान का आनंद लेने के साथ-साथ नहाने भी आते है। यह जगह हमीरपुर से करीब 7 किमी की दूरी पर है।

4) चौपारा मंदिर:- हमीरपुर का चौपारा मंदिर(Chaupara Temple) जिसे श्री चौप रेश्वर राम धाम(Shri Chaup Reshwar Ram Dham) के नाम से भी जाना जाता है, हमीरपुर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मंदिर में आने के बाद सबसे पहले एक सुंदर सा सीताराम द्वार देखने को मिलता है।

तो मंदिर के अंदर आपको तालाब भी देखने को मिलता है जिसके बीच में शंकर जी, पार्वती जी, गणेश जी और कार्तिके जी की मूर्ति उनके वाहनों के साथ स्थापित है। इस मूर्ति तक जाने के लिए एक पुल बना हुआ है।

इस भव्य मंदिर में बहुत सारे और भी मंदिर है जिसमें श्री राम मंदिर भी शामिल है। मंदिर के गर्भ ग्रह में माँ जानकी, भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान जी की मुर्गियाँ स्थापित है। मंदिर के साथ-साथ यहाँ बच्चों के लिए पार्क बना है जहाँ उनके खेलने के लिए झूला और फिसल पट्टी लगी हुई है।

शिवरात्रि के समय यहाँ पर्यटकों की बहुत भीड़ लगती है ताकि वह भगवन शिव के दर्शन कर उनका आशीर्वाद ले सके।

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कैसे जाए और कहा रुके??

हमीरपुर जाना बहुत आसान और सुविधा जनक है।

अगर ट्रेन से जाने की बात करें तो हमीरपुर का रेलवे स्टेशन(railway station) हमीरपुर रोड बड़े शहरों से रेल के माध्यम से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इस लिए पर्यटकों को आने जाने में कोई परेशानी नहीं होती।

हमीरपुर का खुद का कोई हवाई अड्डा(Airport) नहीं है इस लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डे कानपुर एयरपोर्ट(Kanpur Airport) पर उतर कर टैक्सी या निजी वाहन से यात्रा करनी होती है।

अगर बात करें रोड से हमीरपुर जाने की तो यह जिला सड़क मार्ग से देश के बड़े-बड़े शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है। तो यहाँ आने के लिए बस, टैक्सी, निजी साधन या गाड़ी बुक कर के यात्रा की जा सकती है।

यहाँ ठहरने के लिए लो-बजट से हाई-बजट के होटल मिल जायेंगे जिसे अपनी सुविधा से अनुसार बुक किया जा सकता है।

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