क्या है प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना आईये जानते है

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना
क्या है प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना आईये जानते है
क्या है प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना आईये जानते है

क्या है प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना आईये जानते है

1 जून, 2020 को केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की शुरुआत की जिसको प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि के नाम से भी जाना जाता है। यह योजना आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा रेहड़ी और पटरी को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने से जुडी है। योजना के तहत रेहड़ी और पटरी वालों को 10,000 बैंक लोन दिया जायेगा जिससे वह अपना काम शुरू कर सके।

2020 में कोविड-19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन में सबसे ज़्यादा मार उन लोगों को झेलनी पड़ी जो लोग सुबह कमाने पर जाते तभी शाम को अपना पेट भर पाते। इस ही श्रेणी में रेहड़ी और पटरी वाले भी आते हैं जो अपने छोटे-छोटे व्यवसाय सड़क के किनारे लगते है और उस ही से अपने परिवार का भरण-पोषण करते है।

ऐसे ही छोटे-छोटे व्यवसाय करने वाले लोगों को ध्यान में रखते हुए और कोरोना के घाव झेल रहे इन गरीब वर्ग के लोगों के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का शुभ आरंभ किया। भारत में इस योजना का लाभ लगभग 50 लाख से अधिक लोगों को प्राप्त होगा। इस योजना को स्पेशल क्रेडिट के नाम से भी जाना जाता है।

अभी तक इस योजना में कुल 71,683 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के लिए 5,000 करोड़ का बजट बनाया गया है।

क्या है प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना?

2020 में पूरा विश्व कोरोना से एक भयंकर जंग लड़ रहा था। बहुत से देश लॉकडाउन में थे तो ज़्यादातर ने क्वारंटाइन को अपनाया।

इस महामारी ने देश-विदेश की नींव हिला कर रख दी, अर्थव्यवस्था पर असहनीय वार किया जिसका असर यह हुआ कि बहुत से लोगों ने अपनी नौकरी गवा दी, बहुत से छोटे-बड़े उद्योग बंद हो गए और देश में आर्थिक मंदी की परेशानी बढ़ गई। जिसके बाद प्रधानमंत्री ने स्वनिधि योजना को शुरू करने की अनुमति दे दी।

पीएम स्वनिधि योजना की मुख्य विशेषता है कि सरकार द्वारा इसे बहुत ही सरल बनाया गया है। देश में ग्रामीण और शहरी सडकों के किनारे स्ट्रीट वेंडर जो फल-सब्जी बेचते है या रेहड़ी पर छोटी-मोटी दुकान लगते है इस योजना के तहत सरकार द्वारा 10,000 रुपये का लोन ले कर अपना काम फिर से शुरू कर सकते है।

इस योजना की मदत से भारत सरकार रेहड़ी-पटरी वाले श्रमिकों को आमदनी कमाने का मौका देना चाहती है और साथ ही अर्थव्यवस्था को वापस से पटरी पर लाना चाहती है। इस योजना को मुख्यता रेहड़ी-पटरी वालो और रोज़ाना वेतन भोगी श्रमिकों के लिए शुरू किया गया था ताकि कोरोना से थप पड़ी ज़िन्दगी और रुके हुए काम को फिर से शुरू किया जा सके।

सरकार द्वारा दिए गए लोन को एक साल के अंदर क़िस्त में लौटाना होगा। इस लोन को समय पर चुकाने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को सात प्रतिशत का वार्षिक ब्याज सब्सिडी के तौर पर अकाउंट में सरकार की ओर से ट्रांसफर किया जाएगा।

विभिन्न क्षेत्रों में वेंडर, हॉकर, ठेले वाले, रेहड़ी वाले, ठेली फल वाले आदि सहित 50 लाख से अधिक लोगों को इस योजना से लाभ प्रदान किया जाएगा।

कैसे करें योजना के लिए आवेदन?

केंद्र सरकार स्वनिधि योजना को कोरोना काल के दौरान लेकर आई। इच्छुक आवेदक इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। सरकार ने स्वनिधि योजना के लिए एक अलग से पोर्टल निकाला है जहाँ पर रजिस्टर हो कर इस योजना का हिस्सा बना जा सकता है।

इस योजना का लाभ लेने के लिए यहाँ पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है जिसके लिए ऑफिसियल वेबसाइट के होम पेज पर जाने के बाद कुछ विकल्प दिखेंगे जिसमें आवेदन की प्रक्रिया को तीन स्टेप्स में पूरा करना है।

होम पेज पर Planning to apply for loan विकल्प दिखाई देगा जिसे तीन स्टेप्स में पूरा करना है। सबसे पहले आवेदन फॉर्म के ऋण आवेदन आवश्यकताओं को समझना होगा फिर सुनिश्चित करना होगा कि मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा हुआ है या नहीं और आखिर में योजना से जुडी अपनी पात्रता स्थिति की जाँच करनी होगी।

फिर लोन एप्लीकेशन पोर्टल के कोने में और देखने का ऑप्शन मिलेगा जहाँ इस योजना का फॉर्म पीडीएफ के रूप में मिलेगा।

फॉर्म को निकलवाने के बाद उसमें सारी आवश्यक सुचना और दस्तावेज़ भर दें और सरकार द्वारा स्वनिधि योजना हेतु निर्धारित केंद्रों पर जाकर अपना फॉर्म जमा करवा दें। अगर आप सभी नियम व शर्तों पर खरे उतरे तो आप इस योजना से जुड़ जायेंगे और इसका लाभ उठा पाएंगे।


इस योजना से खोखा चलाने वाले छोटे व्यवसायी, ब्रेड पकोड़ा, मोमो, चाऊमीन, अंडे आदि बेचने वाले, सड़क के किनारे स्टेशनरी का सामान बेचने वाले, छोटे कारीगर, सभी प्रकार के छोटे-मोते खुदरा दुकान वाले कारोबारी, नाई की दुकान चलाने वाले, जूता पोलिश व बनाने वाले मोची, पान बेचने वाले, सड़क के किनारे या रेहड़ी पर फल बेचने वाले, कपड़े धोने वाले, चाय का ठेला लगाने वाले, गली-गली कपड़े बेचने वाले आदि जुड़ सकते है और इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के माध्यम से कैशबैक सुविधा प्रदान करके विक्रेताओं को डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

डिजिटल माध्यम से किए गए लेनदेन की वजह से विक्रेताओं के क्रेडिट स्कोर में भी बढ़ोतरी होगी जिससे उन्हें भविष्य में लोन लेने में आसानी होगी। एक महीने में 50 एलिजिबल ट्रांज़ेक्शन करने पर 50 रुपए का कैशबैक, इसके बाद अगले 50 ट्रांज़ेक्शन करने पर 25 रुपए और फिर 100 रुपए से ज़्यादा पर 25 रुपए प्राप्त होंगे।

कुल मिलाकर विक्रेताओं को 100 रुपए का कैशबैक एक माह में प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत 24 लाख एप्लीकेशन सरकार को प्राप्त हुए है जिसमें से 5,57,000 निवेदन पत्र उत्तर प्रदेश से प्राप्त किए गए है। इन पत्रों में से 3.27 लाख एप्लीकेशन को सरकार ने मंज़ूरी दे दी और 1.87 लाख रुपए स्ट्रीट वेंडर को प्रदान किए गए है।

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