क्या है आत्मनिर्भर भारत योजना? कैसे बनाएगा देश को आत्मनिर्भर और बड़ी अर्थव्यवस्था?

Atmanirbhar Bharat (आत्मनिर्भर भारत)
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क्या है आत्मनिर्भर भारत योजना? कैसे बनाएगा देश को आत्मनिर्भर और बड़ी अर्थव्यवस्था?

कोरोना महामारी से 2020 में विश्व अर्थव्यवस्था डामाडोल होने लगी। कई बड़े देश और शहर लॉकडाउन में जाने लगे। अम्रेरीका जैसी सर्वोच्च शक्ति रखने वाला देश भी कोरोना से अपनी अर्थव्यवस्था को नहीं बचा पाया। भारत जैसा विकासशील देश थप पड़ने लगा, बेरोज़गारी, महंगाई, आर्थिक मंदी जैसी परेशानी एक साथ आने लगी। बहुत से उद्योग बंद हो गए, विदेशी आयात-निर्यात पर असर होने लगा। जिसके बाद भारत के प्रधानमंत्री ने 12 मई, 2020 को आत्मनिर्भर भारत योजना की घोषणा कर दी ताकि इस योजना से 130 करोड़ लोग आत्मनिर्भर हो और देश कोरोना वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए। इस अभियान में मुख्यता देश के रोज़गार पर ध्यान दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस योजना के लिए 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा कर दी जो देश की जीडीपी का 10 प्रतिशत है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पांच स्तंभों को मज़बूत बनाने पर ज़्यादा ध्यान दिया जाएगा जिसमें अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्टक्टर, प्रौद्योगिकी, गतिशील जनसांख्यिकी और मांग शामिल है।

क्या है आत्मनिर्भर भारत योजना?

देश की डामाडोल अर्थव्यवस्था को देखते हुए और अर्थव्यवस्था के विकास के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना का शुभ आरम्भ किया। जिसके माध्यम से भारत को विश्व अर्थव्यवस्था के बड़े और अधिक हिस्से में शामिल किया जाए और एक कुशल तथा स्व-उत्पादक बना सके। इस योजना की अच्छी बात यह है कि भारत के निर्माण में वैश्वीकरण का बहिष्कार नहीं किया जाएगा बल्कि दुनिया की विकास में मदत की जाएगी। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्योगों के विकास के लिए घोषणाएँ की गई और गरीबों, श्रमिकों और किसानों के लिए भी अनेक घोषणाएँ हुई। इस अभियान का लक्ष्य भारत को चिकित्सा, वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक, खिलौने और कृषि जैसे क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाना है। जिससे देश ना केवल आत्मनिर्भर बन सके बल्कि बड़े स्तर पर निर्यात करने में भी सक्षम हो सके। आत्मनिर्भर भारत योजना के अर्थ को भारत सरकार ने कुछ इस तरह देश के आगे रखा है कि हमें जिन वस्तुओं और संसाधनों की ज़रूरत है उन्हें भारत में तैयार करने की क्षमता होनी चाहिए ताकि समय आने पर और भारत के विकास के लिए हम खुद पर निर्भर रहे। यह अभियान सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता और अलग-अलग वर्गों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए चलाया गया था। साथ ही देश के टैलेंट को समझें, बेहतर उत्पादन और सप्लाई चैन को मज़बूत बनाए। त्मनिर्भर भारत अभियान का यह मतलब नहीं है कि भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से अलग होना चाहता है बल्कि इस अभियान से भारत अन्य देशों को बड़े स्तर पर सामानों की आपूर्ति करने में भी सक्षम बनाना चाहता है।

कैसे करें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन?

इस योजना से जुड़ने का रास्ता आसान करने के लिए भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना की ऑफिसियल वेबसाइट लॉंच कर दी। ताकि नागरिक खुद को ऑनलाइन रजिस्टर कर इस योजना का लाभ उठा सकते। रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले आत्मनिर्भर भारत योजना की ऑफिसियल वेबसाइट aatmanirbharbharat.mygov.in पर जा कर होम पेज पर जाना है और रजिस्ट्रेशन के लिंक को खोलना है। लिंक खोलने के साथ-साथ आवेदन फॉर्म भी खुल जायेगा जिसमें अपना नाम, मोबाइल नंबर, ई-मेल, जन्मतिथि और लिंग भरना होगा। फिर क्रिएट अकाउंट पर जा कर रजिस्टर मोबाइल नंबर का ओटीपी भरना है जिसके बाद ई-मेल पर ओटीपी और पासवर्ड आ जायेगा और रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा। इस योजना के तहत मनोदर्पण योजना शुरू की गई है जिसके तहत केंद्र सरकार ने एक टोल फ्री नंबर 8448440632 जारी किया है। इस नंबर की सहायता से देश के लोग अपने बच्चों की पढाई में जो भी परेशानी आती है उसका समाधान इस नंबर पर संपर्क कर प्राप्त कर सकते है।

योजना की बड़ी घोषणाएं और लोगों को मिलने वाला लाभ

महामारी को देखते हुए अभियान के पहले चरण में केंद्र सरकार ने 1.75 लाख करोड़ का राहत पैकेज घोषित कर दिया। जिसको गरीब कल्याण रहत पैकेज के नाम से जाना जाता है।

इस चरण में 80 करोड़ देशवासियों को नवम्बर 2020 तक फ्री राशन मिलने, मनरेगा मज़दूरी बढ़ाने, मेडिकल टीम को 50 लाख रुपए का बिमा कवर, विधवाओं, दिव्यांका और वरिष्ठ नागरिकों को 3 महीने तक 1 हज़ार रुपए देने, उज्जवला योजना लाभार्थिओं को फ्री गैस सिलेंडर देने, महिला जान धन खाता धारकों को 1500 रुपए देने, स्वयं सहायता समूहों की लोन लेने की सिमा को 20 लाख तक करने और 15 हज़ार से कम सैलरी पाने वाले PF खाता धारकों को मदत करने की घोषणा की गई।

उसके बाद 12 अक्टूबर, 2020 को आत्मनिर्भर भारत अभियान का दूसरा चरण शुरू किया गया। इस चरण में देश के अलग-अलग क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने और स्वास्थ सेवाओं को बेहतर करने के लिए राहत पैकेज का इस्तेमाल किया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 नवम्बर, 2020 को देश की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए कोरोना काल के तीसरे सबसे बड़े राहत पैकेज का एलान किया। 2.65 लाख करोड़ के इस रहत पैकेज को आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 का नाम दिया गया जिसमें रोज़गार और कृषि के साथ-साथ महामारी से प्रभावित 26 अन्य क्षेत्रों के लिए 12 बड़ी घोषणाएं की गई। किसानों को फर्टिलाइज़र सब्सिडी देने के लिए 65 हज़ार का उपयोग हुआ तो वही 1 मार्च, 2020 से 30 सितंबर, 2020 के बीच जिनकी नौकरी चली गयी उन्हें रोज़गार और आर्थिक सहायता मिलेगी। आत्मनिर्भर भारत के तीसरे राहत पैकेज में मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना को 18 हज़ार करोड़ रुपए दिए ताकि शहर में घर बनवाने वाले और घर खरीदने वाले 30 परिवारों को फायदा हो। तो वही वित्त मंत्री ने कहा कि इस सहायता राशि से 78 लाख लोगों को रोज़गार मिलेगा। ऐसे ही बहुत से क्षेत्र है जहाँ भारत सरकार ने आत्मनिर्भर योजना से लोगों के हित में काम किया।

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