
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने और संक्रमितों की सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति निधि में रहत" पीएम-केयर्स कोष का गठन किया है। उन्होंने कहा कि यह एक स्वस्थ भारत बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा और जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग इस फंड में दान कर सकतें हैं। प्रधानमंत्री मोदी इस ट्रस्ट के अध्यक्ष है और इसके सदस्यों में रक्षा मंत्री गृहमंत्री और वित्त मंत्री शामिल है। प्रधानमंत्री ने इस कोष में लोगों से दान देने की अपील की है। इस फंड में कितना पैसा आ रहा है और उसे कहा खर्च किया जा रहा है इसका हिसाब किताब पब्लिक नहीं हैं। जब सुचना के अधिकार कानून के तहत इस फंड से जुडी जानकारी मांगी गई तो मालूम हुआ यह आर.टी.आई के दायरे में नहीं आता। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बनाए गए "पीएम-केयर्स फंड" पर शुरू से ही सवाल खड़े हो रहें हैं। राहुल गाँधी तो इसका ऑडिट करवाने की मांग तक कर चुके है। R.T.I दाखिल होने के बाद 30 दिन के भीतर ही उसका जवाब देना ज़रूरी है, लेकिन यहां इसमें भी देरी हुई। 29 मई को पी.एम.ओ ने इसका जवाब देते हुए कहा "पीएम केयर्स फंड पब्लिक अथॉरिटी नहीं है, लिहाज़ा इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती।" पीएम केयर्स फंड एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट "Public Charitable Trust" है जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री है। अन्य सदस्यों के रूप में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्तीय मंत्री शामिल है। कोष में राशि की सीमा निर्धारित नहीं की गई है जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग योगदान करने में समक्ष होंगे। कोष आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मज़बूत और नागरिकों की सुरक्षा हेतु अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा।
क्या है प्रधानमंत्री केयर्स योजना?
28 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम-केयर्स फंड का ऐलान किया था ताकि कोरोना से लड़ने के लिए लोग अपनी इच्छा से डोनेट कर सकें। लेकिन, तीन दिन बाद ही 1 अप्रैल को ही एक R.T.I दाखिल हुई जिसमें इस फंड से जुडी सभी जानकारी मांगी गई। इस फंड में 28 मार्च के बाद से 4 जून तक 9,690.07 करोड़ रूपए का डोनेशन आ चूका है। यह डोनेनशन बॉलीवुड सेलिब्रिटी, प्राइवेट कंपनियां, प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों, सरकारी संस्थाएं, केंद्र मंत्रालय के अधीन आने वाले कंपनियां या संस्थाएं, सरकारी कर्मचारियों, खेल सस्थाएं और खिलाडियों, कुछ एनजीओं और कुछ लोगों से मिला है। इसमें से भी सबसे ज़्यादा 5,349 करोड़ रूपए सरकारी संस्थाओं, सरकारी कर्मचारियों की एक दिन की तनख्वाह से मिले है। जबकि निजी संस्थाओं और कॉर्पोरेट और कारोबारियों से 4,223 करोड़ रूपए से ज़्यादा का डोनेशन आया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा "IAS" एसोसिएशन कोरोना से निपटने के लिए प्रारंभिक योगदान के रूप में पीएम केयर्स फंड में 21 लाख रूपए का सहयोग देगा। साथ ही एसोसिएशन के सभी सदस्य कम से कम एक दिन के वेतन का भी योगदान देंगे।
क्या है पीएम एन.आर.एफ?
आज़ादी के बाद बंटवारे में पाकिस्तान से भारत लौट रहे लोगों की मदत के लिए जनवरी 1948 में उस समय के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लोगों की अपील पर “प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष” यानी प्राइज़ मिनिस्टर नेशनल रिलीफ फंड बनाया था। लेकिन, अब इस फंड के पैसों का इस्तेमाल बाढ़, तूफ़ान, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिजनों या बड़ी दुर्घटनाओं या दंगों के पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए होता है। यह फंड पूरी तरह से जनता के पैसों से ही बना है और इसमें सरकार किसी भी तरह से कोई सहायता नहीं करती यानी सरकार की तरफ से इस फंड में कुछ नहीं दिया जाता। पीएम एन.आर.एफ की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक 16 दिसंबर, 2019 तक इसमें 3,800 करोड़ रूपए जमा थे। वित्त वर्ष 2018-19 में इस फंड में इस फंड में 738.18 करोड़ रूपए आए थे, जिसमें से सरकार ने 212.50 करोड़ रूपए ही खर्च किए थे। 13 मई को पी.एम.ओ की तरफ से बताया गया कि पीएम-केयर्स फंड में आए डोनेशन से 3,100 करोड़ रूपए रिलीज किए गए है। इनमें से 2 हज़ार करोड़ रूपए से 50 हज़ार “मेड इन इंडिया” वेंटिलेटर ख़रीदे जाएंगे। जबकि बाकी के हज़ार करोड़ रूपए प्रवासी मज़दूरों और करोड़ रूपए वैक्सीन की रिसर्च पर खर्च होंगे। इस बारे में पीएम मोदी ने साफ़-साफ़ कहा है कि हम दान की छोटी से छोटी राशि स्वीकार करते हैं। हर कोई अपनी क्षमता के अनुसार दान कर सकते है। इस फंड का इस्तेमाल आने वाले दिनों में अन्य आपदाओं के समय भी किया जाएगा।
अपने ट्वीट में पीएम मोदी ने देशभर से लोगों ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करने की इच्छा जाहिर की है। इस भावना का सम्मान करते हुए "PM's Citizen Assistance and Relief in emergency situations fund" का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ भारत के निर्माण में यह फंड बेहद कारगर साबित होगा। पीएम मोदी ने देशवासियों से फंड में अंशदान की अपील करते हुए कहा है कि इसमें माइक्रो डोनेशन को भी स्वीकार किया जाएगा। यह आपदा प्रबंधन के लिए क्षमता को मज़बूत करेगा साथ ही नागरिकों की सुरक्षा पर रिसर्च को भी प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने जनता का आह्वान करते हुए कहा है कि अपनी भावी पीढ़ियों के लिए हम भारत को स्वस्थ और समृद्ध बनाने में कोई कसर न छोड़े। पीएम केयर्स फंड में डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग UPI, R.T.G.S या NEFT के इस्तेमाल से भी दान दे सकते हैं। इस कोष में दी जाने वाली दान राशि पर धारा 80G के तहत आयकर से छूट दी जाएगी। नागरिक और संगठन वेबसाइट पीएम इंडिया GOV.in की साइट पर जाकर पीएम केयर्स फंड में दान देने की विस्तृत जानकारी ले सकते है।