
केंद्र सरकार ने निर्यात उत्पादों पर शुल्क और कर छूट योजना "Remission of Duties and Taxes on Exported Products-RODTEP" के अंतर्गत नई दरों और गाइडलाइंस की घोषणा कर दी है। सरकार के इस फैसले से निर्यात को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। RODTEP स्कीम के लिए दरों की घोषणा करते हुए वाणिज्य सचिव बी.वि.आर सुब्रमण्यम ने कहा कि इस योजना से एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही वैश्विक स्तर पर प्रतियोगिता बढ़ने से क्वालिटी में भी इजाफा होगा। केंद्र सरकार ने पूर्व वाणिज्य एवं गृह सचिव जीके पिल्लई की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश के आधार पर 8,555 उत्पादों पर नई दरें तय की है। वित्त मंत्रालय ने देश के घटते निर्यात को बढ़ने के लिए करों और शुल्कों की प्रति पूर्ति के लिए मार्च, 2020 में निर्यात उत्पाद योजना पर शुल्कों और करों की छूट को मंज़ूरी दी थी। लेकिन कर छूट की दरें स्पष्ट न होने से निर्यातक इसका लाभ नहीं उठा पा रहे थे। अब केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2021 से सभी एक्सपोर्ट वस्तुओं के लिए टैक्स रिफंड योजना RODTEP के लाभ विस्तार करने का निर्णय लिया है। निर्यातकों को सरकार की नई निर्यात नीति और निर्यात उत्पादों पर शुल्कों तथा करों में छूट योजना पर स्पष्टता का इंतज़ार है। निर्यातकों को उम्मीद है कि RODTEP मौजूदा MEIS योजना की तुलना में निर्यात को पर्याप्त रूप से प्रोत्साहित करेगी।
निर्यात उत्पादों पर शुल्क और कर छूट योजना क्या है?
निर्यात उत्पादों पर शुल्क और कर छूट योजना 2020 में अंतराष्ट्रीय बाज़ारों में भारत के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए लांच किया गया था। इस योजना के तहत केंद्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर कर, शुल्क की प्रति पूर्ति के लिए एक तंत्र बनाया जाएगा। इस योजना से पहले किसी भी तंत्र के तहत प्रति पूर्ति नहीं की जाती थी। Merchandise Exports from India Scheme (MEIS) के स्थान पर RODTEP योजना को लाया गया है। MEIS को भारत में उत्पादित वस्तुओं के निर्यात में शामिल बुनियादी सुविधाओं और संबंधित लागतों की भरपाई के लिए पेश किया गया था। MEIS योजना WTO अनुपालन के अनुकूल नहीं थी इसलिए इसकी जगह RODTEP योजना को लाया गया। विदेश व्यापार महा-निदेशालय "DGFT" की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार सरकार ने 1 जनवरी, 2021 से RODTEP योजना का लाभ सभी उत्पादों पर देने का फैसला किया है। विभिन्न क्षेत्रों के लिए दरें 0.5%, 2 5% और 4% है। इसके अलावा सरकार ने स्कीम के गाइडलाइंस का भी नोटिफिकेशन जारी किया गया है। वाणिज्य मंत्रालय ने बयान में कहा "केंद्र ने आज RODTEP के दिशानिर्देशों और दरों को अधिसूचित कर दिया है। RODTEP स्कीम के तहत एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए कई सारे केंद्रीय और राज्य के शुल्कों का रिफंड किया जाता है। सरकार ने अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा के लगभग दो साल बाद आज रिफंड दरें बताई है। सरकार ने इसके लिए 12,400 करोड़ का प्रावधान किया है।
योजना का लाभ और चिंताए
RODTEP योजना के तहत भारत के निर्यातक निर्यात के लिए अंतराष्ट्रीय मानकों को पूरा करेंगे। यह अंतराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों के मूल्य को बढ़ावा देगा। यह प्रमाण और सस्ते परिक्षण के माध्यम से किया जा रहा है जो अंतराष्ट्रीय संगठनों पर निर्भर होने के बजाय इस योजना के तहत प्रदान किया जाएगा। MEIS की जगह RODTEP योजना ने इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए एक स्वचालित मार्ग बनाया है। इनपुट टैक्स क्रेडिट उपभोग सामग्रियों, कच्चे माल की खरीद पर भुगतान किए गए करों की प्रति पूर्ति के लिए प्रदान किया जाता है। इसलिए यह दोहरे कराधान से बचने में मदत करता है। विभिन्न क्षेत्रों के लिए दरें 0.5%, 2.5% और 4% है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार यह दरें 8,555 उत्पादों के लिए है। मालूम हो कि इस योजना के तहत निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए निर्यातकों को विभिन्न केंद्रीय और राज्य शुल्कों का रिफंड दिया जाता है। प्लास्टिक निर्यातकों ने कुछ उत्पाद श्रेणियों के निर्यात नियमों में स्पष्टता की मांग की है क्योंकि इन उत्पादों से संबंधित निर्यात नियमों में प्लास्टिक तथा टेक्सटाइल क्षेत्र के बीच अभिव्यापन है। 2-4 दिसंबर, 2019 तक मुंबई में संपन्न हुई भारत की सबसे बड़ी निर्यात सोर्सिंग प्रदर्शनी [APINDIAN 2019] आयोजित की गई। The Plastic Export Promotion Council-PLEXCONCIL के अनुसार टेक्सटाइल उद्योग को MEIS निर्यातकों ने मौजूदा निर्यात प्रोत्साहन तथा हाल में आधारभूत वस्तुओं के निर्यात मानदंडों पर चिंता जताई है। Chemical and Allied Export Promotion of India के अनुसार निर्यातकों ने सरकार से विनिर्माण उद्योग के आधारभूत ढांचे के विकास और मुक्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मानदंडों पर ध्यान केंद्रित करने तथा बुनियादी ढांचा क्षेत्र एवं स्मार्ट सिटी मिशन को अधिक बजट आवंटित करने के लिए कहा है।
वैश्विक बाज़ारों में मांग और खपत बढ़ने से भारत के निर्यात में लगातार तेजी आ रही है। जुलाई में निर्यात करीब 50% बढ़ा है जबकि आयत में 63% तेजी आई। इस कारण से कुल व्यापार घाटा बढ़कर 11 अरब डॉलर पहुँच गया। वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग उत्पादों और रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के दमदार प्रदर्शन से जुलाई में कुल निर्यात 49.85% बढ़कर 35.43 अरब डॉलर पहुँच गया। जुलाई, 2020 में महज 23.78 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई तक सालाना आधार पर निर्यात में 74.5% तेजी आई कुल 130.82 अरब डॉलर का निर्यात हुआ। पिछले साल यह आंकड़ा 75 अरब डॉलर था। हालांकि इन चार महीनों में आयात भी 94% बढ़कर 172.5 अरब डॉलर रहा है। निर्यात उत्पाद योजना के तहत एक्सपोर्टर्स को कई सारे केंद्रीय, राज्य और स्थानीय शुल्कों और करों का रिफंड किया जाएगा। इससे भारतीय एक्सपोर्टर्स का नुकसान कम होगा। इसमें किए जाने वाले रिफंड को सीधे एक्सपोर्टर्स के बही खाते में सीमा शुल्क के साथ जमा किया जाएगा और आयातित वस्तुओं पर मूल सीमा शुल्क का भुगतान किया जाएगा। क्रेडिट की गई राशि को अन्य आयातकों को भी हस्तांतरित किया जा सकेगा। पूर्व वाणिज्य एवं गृह सचिव जीके पिल्लई की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश के आधार पर वाणिज्य विभाग ने RODTEP योजना की दरों को अधिसूचित किया है। निर्यात उत्पादों पर शुल्क और कर छूट योजना के तहत एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय और राज्य के शुल्कों का रिफंड किया जाता हैं। केंद्र ने इस योजना की घोषणा के लगभग दो साल बाद आज रिफंड दरें बताई है।