जानें क्या है सरकार की कपड़ा उद्योग को बढ़ाने की रणनीति, छोटे व्यापर कैसे रहेंगे फायदे में?

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जानें क्या है सरकार की कपड़ा उद्योग को बढ़ाने की रणनीति, छोटे व्यापर कैसे रहेंगे फायदे में

जानें क्या है सरकार की कपड़ा उद्योग को बढ़ाने की रणनीति, छोटे व्यापर कैसे रहेंगे फायदे में?

पुरे भारत वर्ष में महिलाओं को रोज़गार प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने सोलर चरखा योजना(Solar Charkha Mission) नाम से एक नई योजना की शुरुआत की है। जिसके द्वारा पुरे देश में 5 करोड़ महिलाओं को रोज़गार प्रदान किया जाएगा। इस योजना की शुरुआत सबसे पहले महाराष्ट्र(Maharashtra) के बीड जिला(Beed District) से की गई।

महाराष्ट्र(Maharashtra) में इस योजना की शुरुआत करने का मुख्य कारन वहाँ वस्त्र उद्योग के लिए अनुकूल परिस्थितियां है। इस योजना के द्वारा हर एक पंचायत में लगभग 1100 महिलाओं को रोज़गार दिया जाएगा जिससे पुरे भारत में बहुत सारी महिलाओं को रोज़गार के अवसर मिलेंगे। इस योजना से खादी को प्रोत्साहन मिलेगा जिससे देश को कला और शिल्प क्षेत्र में भी अपनी खोई प्रतिभा वापस मिलेगी।

इस योजना का शुभारंभ भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(President Ramnath Kovind) द्वारा 27 जून, 2018 को किया गया। इस योजना का संचालन माइको स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज एमएसएमई मंत्रालय(MICO Small and Medium Enterprises Ministry of MSME) द्वारा किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत पहले 2 वर्षों में कुल 550 करोड़ रूपए सरकार सब्सिडी(subsidy) के रूप में खर्च करेगा।

जिससे देश में करीब 5 करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया जाएगा। इस मिशन में देश भर से 5 करोड़ महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही इस योजना द्वारा एक लाख से भी ज़्यादा लोगों को नौकरियां प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। यह मिशन 50 समूह को कवर करेगा और यह मिशन 400 से 2000 कारीगरों को नियुक्त कर सकता है।

इस योजना के तहत ग्रामीण लोग प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे और कपड़े का उत्पादन करके बेहतर आजीविका कमाने में सक्षम होंगे। इस अभियान में करघे और स्पिंडल(looms and spindles) पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलाए जाएंगे।

क्या है सोलर चरखा मिशन?

भारत सरकार महिला सशक्तिकरण को लेकर काफी गंभीर है जिसके लिए सरकार ने कई ऐसी योजनाओं को शुरू किया है जो महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में सहायता करते है। ऐसी ही एक योजना की शुरुआत 27 जून, 2018 को की गई जिसका नाम सोलर चरखा मिशन(Solar Charkha Mission) रखा गया है।

योजना का शुभारंभ भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा किया गया। इस योजना का संचालन माइक्रो स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज एमएसएमई मंत्रालय(MICO Small and Medium Enterprises Ministry of MSME) द्वारा किया जाएग। लगभग 5 करोड़ महिलाओं को इस स्कीम से जोड़ा जाएगा इसके अलावा सेल्फ हेल्प ग्रुप को इस स्कीम से जोड़ा जाएगा।

अब तक सरकार ने लगभग 550 करोड़ रूपए की सब्सिडी मंजूर कर दी है जो 50 कलस्टर को दी जाएगी और प्रत्येक कलस्टर में 400 से 2000 शिल्पी को शामिल किया जाएगा।

सरकार के मुताबिक इस स्कीम(scheme) के लॉन्च(launch) होने के दो साल के अंदर हमारे देश में एक लाख जॉब्स भी उत्पन्न होंगी जिससे कारीगरों के जीवन स्तर को और बेहतर बनाया जा सकेगा। इस योजना को 2018 में शुरू करने से पहले 2016 में इसका छोटा प्रारूप बिहार(Bihar) नवादा जिले(Nawada Disrict) के गांव खंडवा(Khandva Village) में लागू किया गया था।

वहां मिली सफलता के बाद इस योजना को पुरे देश में लागू करने का फैसला लिया गया है। सोलर चरखा मिशन स्कीम देश में कारीगरों को रोज़गार के अच्छे अवसर देगा। इस योजना के माध्यम से सरकार महिलाओं को सशक्त करना और व्यवसाय पर ज़ोर देते हुए उनका विकास करना चाहती है।

यह योजना गांव में रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिए शुरू किया गया है जिससे ग्रामीणों में रोज़गार पैदा हो सकेंगे। सरकार के मुताबिक योजना की शुरुआत में 10 लाख रोज़गार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।

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योजना का उद्देश्य और विशेषताएं

सोलर चरखा मिशन का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में महिलाओं को रोज़गार के अवसर प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रशिक्षण(Training) भी दिया जाएगा जिससे सभी लोग अपने कार्य के लिए बेहतर तैयार होकर अच्छा प्रदर्शन कर सके। इस योजना का दूसरा मुख्य उद्देश्य खादी नामक पूर्व प्रचलित प्राकृतिक कपड़े को देश में बढ़ावा देना है।

जिससे खादी को देश में फिर से प्रचलित किया जा सके और साथ ही देश की पुरानी प्रतिभा को भी पुनर्जीवित किया जा सकेगा। खादी कपड़ा भारत की अर्थव्यवस्था(economy) के साथ-साथ पर्यावरण के लिहाज़ से भी उपयोगी है। इसके उपयोग से भारत की अर्थव्यवस्था तो सुधरेगी ही साथ ही इसका उपयोग पर्यावरण के लिहाज़ से भी अनुकूल रहेगा।

इस योजना के अंदर देश में आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगों की सहायता करना शामिल है। इस योजना के द्वारा स्थानीय स्तर पर उद्यमों को बढ़ावा दिया जाना मुमकिन होगा। इस योजना से ना केवल खादी को बढ़ावा मिलेगा या केवल महिलाओं को रोज़गार मिलेगा बल्कि यह भविष्य के लिए भी एक प्राकृतिक मॉडल(natural model) साबित होगा।

इस योजना के अंतर्गत सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य इस योजना को सतत ही चलना और सामान्य लोगों को इसका लाभ देना है। इस योजना से लोगों को आर्थिक विकास में सहायता मिलेगी इस के साथ सामाजिक विकास भी संभव होगा।

इस योजना के अंतर्गत कम से कम 8 लाख महिला उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और 5 करोड़ महिला उम्मीदवारों को रोज़गार दिया जाएगा जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

योजना के तहत 50 कलस्टर के शिल्पकारों को सब्सिडी(subsidy) प्रदान की जाएगी, हर कलस्टर(cluster) में करीब 400 से 2000 तक कारीगर होंगे और 10 लाख रोज़गार प्रदान किया जाएगा। योजना के चलते हर पंचायत में लगभग 1100 नौकरियों के अवसर पैदा होंगे और इस योजना से देश के पुराने व्यवसाय जैसे कि खाद्य उत्पादन के व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा।

क्योंकि यह योजना सोलर एनर्जी(solar energy) पर काम करेगी जिससे वातावरण पर भी कोई नुकसान नहीं होगा। सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए पूरी प्रक्रिया तैयार कर ली है। यह योजना महिलाओं को भी नौकरी का अवसर देगा जिससे की उनका जीवन स्तर सुधर पाए।

इस योजना के चलते महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकेंगी और अपने परिवार का भरण-पोषण कर पाएंगी। सोलर चरखा योजना के कारण देश के कारीगरों का भी विकास होगा तथा उनका जीवन स्तर भी बेहतर हो पाएगा और यह योजना केंद्र सरकार की योजनाओं में शामिल है।

कैसे जुड़ें योजना से?

सोलर चरखा मिशन के तहत आवेदन ऑनलाइन मोड(Application online mode) में ही किया जा सकता है। अभी तक ऑफलाइन आवेदन करने की विधि उपलब्ध नहीं है। इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए ऑफिशियल वेबसाइट MSME पर जा कर Udyam Sakhi का होम पेज खोलना होगा जहाँ पर पूछी गई सारी जानकारी भर कर जमा करना होगा और ऑनलाइन आवेदन(online application) की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करने के लिए आवेदक के पास MSME सर्टिफिकेट(MSME Certificate) होना अनिवार्य है। हर व्यापार के मालिक को MSME डिपार्टमेंट(MSME Department) में पंजीकरण करवाना होगा तभी इस योजना का लाभ ले पाएंगे। यह योजना केवल भारत के मूल निवासियों के लिए है। इस योजना के लिए शुरुआत में 500 करोड़ रूपए का बजट तय किया गया है।

इन पैसों का इस्तेमाल आवेदकों के प्रशिक्षण और मशीनें खरीदने में किया जाएगा। इस योजना में माइक्रो स्माल एंड माइक्रो एंटरप्राइजेज मंत्रालय की ओर से 10,000 करोड़ रूपए निवेश करने की भी उम्मीद है। योजना को सरकार ने सिर्फ दो साल के लिए लागू किया है। इस दौरान योजना के प्रभाव को भी परखा जाएगा।

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