
भारत को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए मोदी सरकार ने डिजिटल इंडिया प्रोग्राम शुरू किया। भारत को डिजिटल तौर पर सशक्त बनाने के लिए शुरू किए गए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत शिक्षा, अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य सेवाओं और सरकारी दफ्तरों को देश की राजधानी से जोड़ा जा रहा है। यह योजना भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने की दृष्टि के साथ प्रौद्योगिकी की ओर बढ़ता कदम है। सरकार कई मंत्रालयों और सरकारी विभागों से मिलकर एक पारिस्थितिक तंत्र स्थापित किया है जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सुचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा चलाया गया है। भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के पहले चरण में 2.5 लाख गांवों में बॉर्डबैंक सेवा उपलब्ध कराने की पहल की है। इसके माध्यम से आम आदमी सरकार से सीधे जुड़ सकेगा। इसके साथ ही सरकार देश भर में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है ताकि आम आदमी को किसी भी काम के लिए इंतज़ार ना करना पड़े। अगर लोगों की ज़रूरत के सभी काम ऑनलाइन होने लगे तो कागज़ की भारी बचत होगी जिससे पर्यावरण को भी फायदा होने की उम्मीद है। डिजिटल इंडिया योजना का एक उद्देश्य ग्रामीण इलाकों को हाई स्पीड इंटरनेट के माध्यम से जोड़ना भी है। भारत सरकार ने 2006 में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना की शुरुआत की थी। विभिन्न डोमेन को कवर करने वाले 31 मिशन मोड प्रोजेक्ट शुरू किया गया। देश भर में कई ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन के बावजूद ई-गवर्नेंस एक पुरे के रूप में वांछित प्रभाव बनाने और अपने सभी उद्देश्यों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं। यह महसूस किया गया है कि देश में ई-शासन को सुनिश्चित करने के लिए बहुत ज़्यादा आवश्यकता और नौकरी के अवसरों को शामिल करने वाले समावेशी विकास को बढ़ावा देता है। इसके अलावा देश में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को मज़बूत करने की आवश्यकता है।
क्या है डिजिटल इंडिया मिशन?
डिजिटल इंडिया मिशन के तहत भारत को डिजिटल सक्षम बनाना है। जिसके लक्ष्य है भारत को सुरक्षित स्थिर डिजिटल बुनियादी ढांचे का विकास, सरकारी सेवाओं को डिजिटल रूप से वितरित करना और नागरिकों को डिजिटल साक्षरता प्रदान करना है। इस योजना का आरंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जुलाई, 2015 को किया था। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम वास्तव में भारत सरकार की एक अंब्रेला योजना है जिसमें बहुत से सरकारी मंत्रालय और विभाग शामिल है। यह वास्तव में बहुत से विचारों को एक बनाकर देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने के लिए लागू की जाने वाली योजना है। डिजिटल इंडिया के रूप में भारत सरकार ब्रॉडबैंड हाईवे, मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए यूनिवर्सल एक्सेस, पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम, इलेक्ट्रॉनिक्स मेन्युफॅक्चरिंग जॉब के लिए आईटी अगली हार्वेस्ट प्रोग्राम आदि जैसे कार्यक्रम चलाना चाहती है। कोविद-19 महामारी के दौर में डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के कारण ही लोग घर से काम करने, डिजिटल पेमेंट पाने छात्र टीबी, मरीज़ टेली-कंसल्पटेशन से डॉक्टर की सलाह लेने और ग्रामीण इलाके के किसान सीधे अपने बैंक खाते में पीएम-किसान जैसी योजना का लाभ पा रहे है। डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत “माई गाँव मोबाइल एप” बनाया गया है जहाँ नागरिक अपने विचारों को साझा कर सकते है और समाज एवं पुरे देश के विभिन्न मुद्दों और समस्याओं से जुड़े सुझाव एवं प्रस्ताव दे सकते है। स्वच्छ भारत मिशन एप को लोगों के बीच स्वछता अभियान के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करके, स्वच्छ भारत मिशन से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों से जुड़ने के लिए विकसित किया गया है। भारत सरकार डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा दे रही है। डिजिटल साक्षरता की मदत से भारत पारंपरिक अर्थव्यवस्था से डिजिटल अर्थव्यवस्था की तरफ तेजी से बढ़ सकता है। किसी देश के नागरिकों द्वारा सामान्य जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में दैनिक कामकाज के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की क्षमता को डिजिटल साक्षरता कहा जाता है। .
योजना का उद्देश्य
देश की ज़्यादा सड़कों को हाईवे की तर्ज़ पर ब्रॉडबैंड हाईवे से शहरों को जोड़ना, देश के ग्रामीण क्षेत्रों में सभी नागरिकों को टेलीफोन सेवाओं तक पहुंचना है ताकि उन्हें दूसरे स्थानों पर बात करने की सुविधा मिल सके, देश के बहुत से ऐसे ग्रामीण क्षेत्र है जहाँ पैट मोबाइल नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध नहीं है, देश में ज़्यादा से ज़्यादा नागरिकों को सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम के तहत इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराना और ई-गवर्नेंस तकनीक के माध्यम से शासन-प्रशासन में सुधार लाना इस योजना के उद्देश्य हैं। इस योजना के लक्ष्य में ई-क्रांति के तहत देश की ज़्यादा से ज़्यादा सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप में लोगों को मुहैया कराना ताकि उनका काम तेज़ी से हो सके, देश के सभी नागरिकों को देश से जुडी सभी इंफॉर्मेशन उपलब्ध कराना है ताकि वह उन्हें अपनी ज़रूरत के अनुसार इंफॉर्मेशन का फायदा मिल सके, देश में विदेशों से आने वाले प्रोडक्टस इलेक्ट्रॉनिक या किसी भी प्रकार के प्रोडक्टस के कल पुर्जों के आयात में कमी करके देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है ताकि देश की जी.डी.पी में सुधार किया जा सके, देश में इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना है क्योंकि आने वाले समय में इस इंडस्ट्रीज़ का प्रभाव तेज़ी से बढ़ता जा रहा है जिससे युवाओं के लिए जॉब के नए अवसर बढ़ रहे है, डिजिटल इंडिया में कृषि विभाग को जोड़ा गया है ताकि कृषि को डिजिटल तकनीक के माध्यम से आसान बनाकर ज़्यादा पैदावार की जा सके आदि आते है। हाई स्पीड इंटरनेट सुविधा, मोबाइल फ़ोन और बैंक अकाउंट, कॉमन सर्विस सेंटर, सार्वजनिक क्लाउड पर निजी स्पेस को छांटना और सुरक्षित साइबर स्पेस प्रदान कराना इस योजना का उद्देश्य है। साथ ही सुचना संसाधन और तकनीक विकसित करने के लिए भारतीय भाषाओं के ज़रिए प्रौद्योगिकी विकास शुरू करना भी शामिल है।
डिजिटल इंडिया मुहिम से सबसे बड़ी चुनौती है कि इतनी बड़ी आबादी को इंटरनेट से कैसे जोड़ा जाएगा और इतने बड़े डाटाबेस को कैसे रखा जाएगा उसकी सुरक्षा कैसे हो, सरकार को चाहिए इसके लिए आईटी एक्ट में संशोधन करना पड़ेगा साथ ही साइबर अपराध पर अंकुश लगाना होगा। क्योंकि देश में साइबर अपराध तेज़ी से बढ़ रहे है लेकिन हमारे देश इन पर रोक लगाने में अभी पूरी तरह से नाकाम है। जब तक देश में साइबर अपराध नहीं रोके जाएंगे तब तक देश में डिजिटल मिशन का सपना अधूरा माना जाएगा। इसलिए डिजिटल इंडिया मिशन को सफल बनाने के लिए साइबर अपराध रोकने के तरीके सुझाने होंगे।