सावधान: इस साइबर अटैक से हैक हो सकता है आपका ‘डिजिटल पेमेंट अकाउंट’  

सावधान: इस साइबर अटैक से हैक हो सकता है आपका 'डिजिटल पेमेंट अकाउंट'     

Ashish Urmaliya | The CEO Magazine

भारत में हुई नोटबंदी के बाद ऑनलाइन बैंकिंग प्रक्रिया में काफी उछाल देखने को मिला है. ज्यादातर लोग ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर रहे हैं और करें भी क्यों ना, लेन-देन की यह प्रक्रिया काफी आसान जो है. लेकिन बता दें, डिजिटल पेमेंट प्रक्रिया जितनी सरल व लाभकारी है उतनी ही नुकसानदायक भी. इंटरनेट स्कैमर्स और हैकर्स के चलते यूजर्स को आये दिन लाखों-करोड़ों रूपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है.

अगर आप भी पेटीएम, गूगल पे, अमेज़न व अन्य किसी भी तरह का ऑनलाइन पेमेंट अकाउंट इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपका अकाउंट भी खतरे में पड़ सकता है. आपको इस खतरे से बचाने के लिए  ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी कंपनी Kaspersky Lab ने कुछ टिप्स बताए हैं जो आपके अकाउंट्स को सुरक्षित रखने में आपकी मदद करेंगे। जानिए-

1- आमतौर पर आपको खुद के द्वारा किये गए सभी ट्रांजैक्शन याद होते हैं. लेकिन, ट्रांजैक्शन्स याद नहीं हैं, तो फिर भी इस बात का ध्यान ज़रूर रखें कि आपके अकाउंट से कोई छोटा सा भी अनधिकृत ट्रांसफर न हो.

2- आपके अकाउंट डीटेल्स बदले बिना भी अगर आपके पास अकाउंट से जुडी कोई भी जानकारी बदले जाने का मेल आता है तो सतर्क हो जाएं। यहां आपका अकाउंट हैक हो चुका है.

3- कोई भी बैंक व सर्विस प्रोवाइडर कॉल या मैसेज करके आपके खाते की निजी जानकारी नहीं मांगता। आमतौर पर कॉल कभी भी नहीं करता। अगर ऐसा अचानक से होने लगे तो समझ जायें कि आपका अकाउंट खतरे में है.

4- हैकर्स द्वारा भेजे गए संदिग्ध मेल के किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें। इस तरह के मेल्स हूबहू सर्विस प्रोवाइडर्स के मेल की तरह प्रदर्शित हो सकते हैं.

5- अगर आप किसी भी ऑनलाइन पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर के साथ ऑनलाइन कम्युनिकेशन करते हैं तो एकबार कॉल के जरिये क्रॉस चेक जरूर कर लें.

6- सर्विस प्रोवाइडर कंपनी का पब्लिक नंबर सेव करके रखें, अन्य किसी तरह की कॉल्स पर कोई भी जानकारी साझा न करें।

ये सभी सावधानियां बरतने के बाद सुनिश्चित करें कि, ऑनलाइन बैंकिंग के लिए आपके पास  एक बढ़िया सिक्योरिटी प्रोग्राम हो. जैसे-जैसे ऑनलाइन सुविधाएं बढ़ती जा रही हैं वैसे ही वैसे साइबर क्रिमिनल्स के फ्रॉड के तरीके भी. आज कल एक नए तरह का साइबर अटैक चर्चा में है जिसे 'मैन-इन-द-ब्राउज़र अटैक' का नाम दिया जा रहा है. इसके जरिये कंप्यूटर में मौजूद मैलवेयर द्वारा आपके वेबपेजेस को मॉडिफाई कर दिया जाता है और आपकी ऑनलाइन बैंकिंग गतिविधि को कंट्रोल कर लिया जाता है. दरअसल, जब भी आप कंप्यूटर पर अपने सर्विस प्रोवाइडर का वेब एड्रेस खोज रहे होते हैं या उस पर लॉग-इन कर रहे होते हैं तभी साइबर क्रिमिनल्स आपके ट्रांजैक्शन को इंटरसेप्ट कर आपकी फाइनैंशल डीटेल्स चुरा लेते हैं।

किसी भी तरह के साइबर क्राइम से खुद को बचाने के लिए आपको एडवांस्ड इंटरनेट सिक्योरिटी सूट का इस्तेमाल करना बेहद ज़रूरी है. ट्रांजैक्शन करते समय ध्यान रखें कि उपयोग हो रहा इंटरनेट कनेक्शन प्राइवेट और सुरक्षित है. ट्रांजैक्शन करते वक्त किसी भी तरह की वाई-फाई सुविधा का इस्तेमाल ना करें।

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