
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था उस देश के उत्पादन पर टिकी होती है। जितना उत्पादन होगा उतना ही रोज़गार उत्पन्न होगा और उतना ही निर्यात भी बढ़ेगा। आयात-निर्यात की प्रक्रिया विदेशी मुद्रा को देश में लाती है जो बड़े-छोटे उद्योग को बढ़ने में मदत करती है। और उद्योग में वृद्धि का सीधा संबंध रोज़गार से होता है।
इतना ही नहीं उत्पादन से बाज़ार में मांग की आपूर्ति होती है जो वस्तुओं के दाम में गिरावट लती है। जिससे लोगों की आय में बचत होती है और वह निवेश को बढ़ावा देती है। निवेश में घरेलू निवेश और विदेशी निवेश दोनों आते हैं। घरेलू निवेश प्रति व्यक्ति विकास में वृद्धि लाती है तो वही विदेशी निवेश देश के विकास में मदत करता है।
उत्पादन किसी भी क्षेत्र में हो सकता है। 2017 में केंद्र सरकार ने देश को वस्त्र उत्पादन के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए समर्थ योजना का शुभ आरम्भ किया। इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा लोगों को वस्त्र उत्पादन से सम्बंधित प्रक्रिया सिखाई जाएगी। इस योजना को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य देश को वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है।
इस योजना के अंतर्गत देश के लोगों का वस्त्र उत्पादन के क्षेत्र में कौशल विकास किया जाएगा और भारत की वस्त्र कारोबार में वैश्विक हिस्सेदारी बढ़ेगी। इस योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद नौकरी भी दी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में समर्थ योजना लागू किया जिसमें लगभग 3 साल में 10 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया। ताकि 10 लाख लोगों को रोज़गार प्राप्त हो सके। इस योजना को वस्त्र उत्पादन की वृद्धि के लिए लागू किया गया है जिससे कपडा उत्पादन को भी बढ़ावा मिल सके और साथ ही रोज़गार के अवसर भी उत्पन्न हो सके।
भारत सरकार ने 18 राज्यों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया है जिसके तहत सभी राज्यों के 4 लाख लोगों को वस्त्र उद्योग से जुड़े हुनर सिखाए जाएंगे। इस योजना में अरुणाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, मिजोरम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम, मध्य प्रदेश आदि जैसे राज्य शामिल है।
इस योजना के तहत वस्त्र से जुड़े जिन क्षेत्रों में लोगों को कुशल बनाया जाएगा उसमें तैयार परिधान, बुने हुए कपडे, धातु हस्तकला, हथकरथा, हस्तकला और कालीन आदि शामिल है। इस योजना का विस्तृत उद्देश्य कताई और बुनाई को छोड़कर वस्त्र क्षेत्र की समूची उपयोगिता श्रृंखला को शामिल करते हुए वस्त्र क्षेत्र में युवाओं को लाभकारी और निरंतर रोजगार प्रदान करने का कौशल देना है जिससे रोज़गार का व्यापक निर्माण हो सके।
और चाइनीज़ बाज़ार में आई गिरावट के कारण बाज़ार को कैप्चर करने में मदत मिल सके।
समर्थ योजना को विश्व स्तर पर चलाया जाएगा जिसमें सभी को कपडा उत्पादन के बारे में बताया जाएगा और प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षित उम्मीदवारों को खुद का कपडा उद्योग शुरू करने की अनुमति भी है जिससे विश्व व्यापार में समर्थ योजना की हिस्सेदारी बढ़ेगी।
जो समर्थ योजना में प्रशिक्षण प्राप्त कर लेंगे उन्हें सरकार द्वारा नौकरियां देने का भी प्रावधान है। इस योजना से जुड़ने के लिए ऑनलाइन या ऑफ़लाइन दोनों तरह से आवेदन किया जा सकता है। योजना से जुड़ी जानकारी के लिए सरकार ने आधिकारिक नोटिफिकेशन और आधिकारिक वेबसाइट शुरू की है।
इस योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जा कर भी जानकारी ली जा सकती हैं। साथ ही एक हेल्पलाइन नंबर भी निकाला है जिससे समस्या या दुविधा का समाधान लिया जा सकता है। समर्थ योजना का हेल्पलाइन नंबर 1800 258 7150 है और इ-मेल है।
वस्त्र क्षेत्र में काम करने वाली 75% महिलाएं है। इस बात को ध्यान में रखते हुए योजना के अंतर्गत महिलाओं पर फोकस किया गया है। केंद्र सरकार की तरफ से यह संदेश दिया गया है कि महिलाओं के लिए यह एक कुशल अफसर है जिसका महिलाओं को फायदा उठाने की कोशिश करनी चाहिए।
भारत की वैश्विक बाज़ार में वस्त्र क्षेत्र में हिस्सेदारी बढ़ेगी और आने वाले समय में वस्त्र उद्योग में 16 लाख कामगारों की ज़रूरत पड़ेगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए अगले 3 साल में इस योजना के अंतर्गत 10 लाख लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश को वस्त्र उत्पादन के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है। इस योजना के माध्यम से देश के लोगों का कौशल विकास किया जाएगा जिससे उन्हें नौकरियां प्राप्त होगी और अपना व्यवसाय करने में भी सक्षम बनेंगे। इस माध्यम से बेरोज़गारी दर में कमी आएगी और भारत वैश्विक स्तर पर वस्त्र क्षेत्र में तरक्की कर पाएगा।
20 दिसंबर, 2017 को इस योजना का शुभ आरम्भ केंद्र सरकार द्वारा किया गया। इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा देश के लोगों को वस्त्र उत्पादन से जुडी प्रक्रिया सिखाई जाएगी। इस योजना के माध्यम से लोग कौशल विकास के बाद अपना कारोबार भी शुरू कर सकते है और इस योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग प्राप्त किए गए लोगों को सरकार नौकरी भी देगी।
और तो और इस योजना के माध्यम से बेरोज़गारी की दरों में कमी आएगी और देश को वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में बढ़ोतरी मिलेगी। इस योजना के माध्यम से भारत की वैश्विक स्तर पर वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में हिस्सेदारी बढ़ेगी। यह योजना भारत के 18 राज्यों में सफलतापूर्वक चल रहा है। इस योजना में महिलाओं पर ज़्यादा ध्यान दिया जाएगा।
समर्थ योजना के अंतर्गत आने वाले 3 साल में 10 लाख लोगों को परीक्षण देने का उद्देश्य निर्धारित किया गया है। वस्त्र उद्योग के अलावा समर्थ योजना में हथकरथा, रेशम उत्पादन, धातु हस्तकला, भुने हुए कपडे, कालीन आदि वस्तु बनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।