Aarogya Setu

कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग
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कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए विकसित किए गए इस सरकारी मोबाइल एप पर प्राइवेसी और सेफ़्टी से जुड़े कुछ सवाल उठे थे। भारत सरकार ने "आरोग्य सेतु" मोबाइल एप के सोर्स कोड को सार्वजनिक करने की घोषणा की है जिसके बाद इस एप की जांच-परख कर पाना संभव होगा। लेकिन सोर्स कोड से जुडी भारत सरकार की घोषणा को लोगों ने डिजिटल अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने एक अच्छी पहल बताते हुए कहा है कि इससे मोबाइल एप इस्तेमाल कर रहे लोगों की सिक्योरिटी सुनिश्चित की जा सकेगी। भारत सरकार ने 2 अप्रैल, 2020 को "आरोग्य सेतु" मोबाइल एप लांच किया था और वर्तमान में करीब 11.5 करोड़ लोग इस का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें से सभी एन्ड्रॉयड यूज़र अब इस एप का सोर्स कोड देख सकेंगे। केंद्र सरकार ने बताया है कि आई.ओ.एस यानी एप्पल के मोबाइल फ़ोन इस्तेमाल करने वाले यूज़र्स के लिए भी जल्द सोर्स कोड रिलीज़ किया जाएगा। आरोग्य सेतु एप और आयुष्मान हेल्थ अकाउंट को जोड़ने की जानकारी नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने दी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल 20 करोड़ आरोग्य सेतु एप यूजर्स हैं जो अब यूनिक आयुष्मान भारत आईडी घर बैठे जनरेट कर सकेंगे। लोग कोविद राहत सुविधाओं के साथ ही अब इस एप के तहत नई स्कीम का लाभ ले सकेंगे। आरोग्य सेतु एप के ज़रिए अब अपनी आयुष्मान आईडी कार्ड जनरेट कर सकते हैं। सरकार ने एप में आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट "ABHA" खोलने की सुविधा के जुड़ने का फायदा यह है कि इसमें अपने सभी मेडिकल रिकॉर्ड भी रख सकते है। जिन्हें विशेषज्ञों डॉक्टर्स के साथ शेयर कर सकेंगे।

क्या है आयुष्मान भारत योजना?

सरकार द्वारा देश के आर्थिक रूप से कमज़ोर नागरिकों को विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती है। जिससे कि देश का कोई भी नागरिक अपनी आर्थिक स्थिति कमज़ोर होने के कारण उपचार से वंचित ना रहे। 25 सितंबर,2018 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन के अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ किया गया था। इस योजना के माध्यम से देश के नागरिकों को 5 लाख रूपए तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाया जाता है। इस योजना के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को 5 लाख रूपए तक का स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराया जाता है। योजना के सभी लाभार्थियों को “Empanelled hospital” के माध्यम से 5 लाख रूपए तक का मुफ्त इलाज प्रदान किया जाएगा। यह योजना देश के नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार लाने में कारगर साबित होगा। इस योजना को हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 23 सितंबर, 2018 को लांच किया गया था। सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत देश के 40 करोड़ से अधिक नागरिकों को कवर किया जाएगा। आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों द्वारा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन किया जा सकता है। इस योजना के संचालन से अब देश का कोई भी नागरिक आर्थिक तंगी होने के कारन अपना उपचार कराने से वंचित नहीं रहेगा। इसके अलावा इस योजना के संचालन से देश के नागरिकों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा।

ABHA नैशनल डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड के फायदे

आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट क्रिएट करना बेहद आसान हो गया है। आरोग्य सेतु एप के जरिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता बना सकते है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की नोडल एजेंसी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने दोनों के इंटीग्रेशन का ऐलान कर दिया है। आरोग्य सेतु एप के 21.4 करोड़ से ज़्यादा यूज़र्स है जो अपना अनूठा "ABHA" नंबर जेनरेट कर पाएंगे। आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट में अपने सभी मेडिकल रिकार्ड्स-डॉक्टर्स के प्रिस्क्रिप्शन, लैब रिपोर्ट्स हॉस्पिटल रिकॉर्ड्स वगैरह सेव कर सकते है। यह सारे दस्तावेज़ 14 अंको की हेल्थ आईडी के ज़रिए कहीं भी एक्सेस किए जा सकते है। डॉक्टर के सामने पूरी मेडिकल हिस्ट्री रखने के लिए बस यह ID बतानी होगी। इससे सबसे अच्छी डॉक्टरी सलाह मिलने में मदत मिलेगी। एक तरह से यह डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड है जिसमें आपकी पर्सनल हेल्थ हिस्ट्री होगी। किसी भी हेल्थ केयर सेंटर या डॉक्टर के जानकारी एक्सेस करने के लिए OTP की ज़रूरत होगी। मतलब बिना आपकी अनुमति के आपका मेडिकल डेटा कोई और एक्सेस नहीं कर सकेगा। अपने आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट कार्ड को डाउनलोड भी कर सकते है। इसमें एक यूनिक QR कोड होगा जिसे स्कैन करके OTP वेरिफिकेशन के बाद सारे रिकार्ड्स देखे जा सकते है। डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड में 4 ज़रूरी ब्लॉक-यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी, प्रोफेशनल रजिस्ट्री, हेल्थ फेसिलिटी रजिस्ट्री और इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड शामिल है। इसमें डेमोग्राफिक, लोकेशन, फैमिली, रिलेशनशिप संपर्क समेत कई जानकारियां एकत्र होंगी। यह एक तरह से किसी मरीज़ का डिजिटल ब्यौरा हैं। इसमें मरीज़ की मेडिकल और ट्रीटमेंट हिस्ट्री दी गई होती है।

केंद्र सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक यह एप पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के ज़रिए तैयार किया गया है ताकि देश के लोगों को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एकजुट किया जा सके। यह एप लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के उद्देश्य से बनाया गया है। जिस व्यक्ति के फ़ोन में यह एप होगा वह दूसरों के संपर्क में कितना रहे है यह पता लगाने के लिए ब्लूटूथ तकनीक, एल्गोरिदम और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर आपके फोन में एप इंस्टॉल है तो अपने आस-पास के उन लोगों को भी खोज लेगा जो आपके आस-पास रहते है और उनके फ़ोन में भी यह एप है। यह एप बताएगा कि आपके आस-पास रहने वाला कोई भी व्यक्ति अगर कोरोना वायरस से संक्रमित है तो आपको कितना खतरा है और जी.पी.एस लोकेशन की मदत से वह यह भी पता लगाएगा की आप कब उनके संपर्क में आए हैं। एप की मदत से सरकार आइसोलेशन और वायरस संक्रमण फैलने से रोकने के लिए ज़रूरी कदम भी वक्त रहते उठा पाएगी। यह एप 11 भाषाओं में उपलब्ध है। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि एप में नाम, मोबाइल नंबर, जेंडर, पेशा, ट्रेवेल हिस्ट्री और आप धूम्रपान करते हैं या नहीं, यह सब पूछा जाएगा। मोबाइल नंबर पर सरकार की ओर से मैसेज और दूसरे माध्यमों से जानकारी दी जाती रहेगी। किसी भी तरह की जानकारी का इस्तेमाल कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के अलावा किसी अन्य वजह से इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। सभी जानकारी क्लाउड में अपलोड की जाएगी और इसके ज़रिए आपको लगातार कोरोना से संबंधित सूचनाएं भी दी जाएंगी। अगर आप एप डिलीट करते हैं तो 30 दिनों के अंदर आपका डेटा क्लाउड से हटा दिया जाएगा।

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