कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु अधिकारियों को दिए दायित्व की समीक्षा की

संक्रमित मरीज से प्रतिदिन दूरभाष पर हालचाल पूंछे
कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु अधिकारियों को दिए दायित्व की समीक्षा की
कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु अधिकारियों को दिए दायित्व की समीक्षा की

कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु अधिकारियों को दिए दायित्व की समीक्षा की

दतिया / कोरोना की तीसरी लहर से निपटने हेतु विभिन्न विभागों को सौंपे गए दायित्वों की कलेक्टर श्री संजय कुमार ने न्यू कलेक्ट्रेट में समीक्षा कर अधिकारियों आवश्यक दिशा निर्देश दिए। आयोजित बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कमलेश भार्गव, मेडीकल कॉलेज के डीन डॉ. दिनेश उदैनिया सहित संबंधित विभागों अधिकारीगण उपस्थित थे।कलेक्टर ने कहा कि तीसरी लहर को देखते हुए जिले में कोरोना के प्रकरणों की संख्या बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि हमें कोरोना की जांच हेतु टेस्टिंग बढ़ानी होगी। कलेक्टर ने कहा कि टेस्टिंग उपरांत संक्रमित मीरज पाए जाने पर मरीज एवं उसके परिजनों को कोविड गाईड लाईन का पालन करने के साथ-साथ उसे समझाईश दी जाए कि वह घर से बाहर न निकलें और बाहर से कोई व्यक्ति अंदर प्रवेश न करें। इसके लिए विधिवत रूप संक्रमित मरीज घर के बाहर कोविड के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों का पोस्टर भी चस्पा कराया जाए।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिस अधिकारी को जो भी जबावदेही सौंपी गई है उसे पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ संपादित करें। उन्होंने कहा कि संक्रमित मरीज जाए जाने पर उसकी कांटेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसकी जानकी ली जाए। निर्देश देते हुए कहा कि संक्रमित होम आईसोलेटेट मरीज के प्रतिदिन सुबह एवं शाम हालचाल दूरभाष पर लें।

किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर उनकी समस्याओं का भी निराकरण करायें।कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं मेडीकल कॉलेज के डीन को निर्देश दिए कि कोरोना के संक्रमित मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए ऐसी रणनीति बनाकर व्यवस्थायें करनी है जिससे मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके लिए उपलब्ध संसाधनों का पूर्ण उपयोग किया जाए।

आवश्यकता पढ़ने पर आऊटसोर्स पर भी व्यवस्था करें। निजी चिकित्सालय एवं नर्सिग होमों को चिन्हित कर उनमें भी उपचार की समुचित व्यवस्था की जा सके। उन्होंने फीवर क्लीनिक पर आने वाले मरीजों की समीक्षा करते हुए कहा कि दूसरी लहर के दौरान जो कमियां रह गई थी वह कमियों को तीसरी लहर के दौरान न रहे। इस दौरान बताया गया कि चिकित्सालय में 550 से अधिक ऑक्सीजन बैडों की व्यवस्था की गई है जबकि नर्सिग कॉलेजों में पृथक से व्यवस्था की गई है।

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