Mission for Integrated Development of Horticulture (MIDH)

हाल ही में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने "एकीकृत बागवानी विकास मिशन" की शुरुआत की
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हाल ही में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय(Ministry of Agriculture and Farmers Welfare) ने साल 2021-22 में "एकीकृत बागवानी विकास मिशन(Integrated Horticulture Development Mission)" की शुरुआत की जिसके लिए मंत्रालय ने 2,250 करोड़ रूपए का बजट निर्धारित किया।

"एकीकृत बागवानी विकास मिशन" [MIDH} फलों, सब्जियों, जड़ व कन्द फसलों, मशरूम, मसाले, फूल, सुगंधित पौधों, नारियल, काजू, कोको और बांस इत्यादि उत्पादों के चौमुखी विकास की केंद्रीय वित्त पोषित योजना है।

पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों को छोड़कर देश के सभी प्रदेशों में लागू इस योजना से जुड़े विकास कार्यक्रमों के कुल बजट का 85% हिस्सा भारत सरकार देती है जबकि बाकी 15% राज्य सरकारों के खाते में आता है।

पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के मामले में शत-प्रतिशत बजट केंद्र सरकार ही वहन करती है। इसी तरह बांस विकास सहित राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड(National Horticulture Board (NHB)), नारियल विकास बोर्ड(Coconut Development Board (CDB)), केंद्रीय बागवानी संस्थान(Central Horticulture Institute), नागालैंड और राष्ट्रीय एजेंसियों के कार्यक्रमों के लिए भी शत-प्रतिशत बजटीय योगदान भारत सरकार का ही होगा।

केंद्र से मिल रही वित्तीय मदत से हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh) में चल रही एकीकृत बागवानी विकास परियोजना में गड़बड़ सामने आई है। ऑडिट(Audit) में सामने आया कि खर्च की गई राशि का दुरुपयोग हुआ है और इसकी जांच की जाएगी।

ऑडिट में लगाई आपत्तियों में कहा गया है कि परियोजना के कामकाज से राज्य के भीतर और बाहर अधिकारियों के दुअर के लिए किराए पर वाहन उपलब्ध है तो बागवानी विभाग ने इसके लिए किराए पर दूसरा वाहन लिया गया।

MIDH के प्रोजेक्ट निर्देशक के दफ्तर ने एक टैक्सी प्रति माह के हिसाब से किराए पर ले रखी है ताकि इसमें अधिकारी और कर्मचारी टुअर कर सकें। दस्तावेज़ों की जांच करने के बाद ऑडिट में पाया गया कि अधिकारियों ने 1.41 लाख का संदिग्ध भुगतान दूसरी टैक्सी के लिए किया है।

एकीकृत बागवानी विकास मिशन क्या है ?

भारत में फलों, सब्जियों, जड़ व कंद फसलों, मशरूम, मसाले, फूल, सुगन्धित पौधों, नारियल, काजू, कोको, बांस आदि को चौमुखी विकास के लिए सरकार की ओर से एक वित्त पोषित योजना चालू की गयी है जिसे एकीकृत बागवानी विकास मिशन के नाम से जानतें हैं।

इस योजना के अंतर्गत पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों(North-eastern and Himalayan states under) को छोड़ कर देख के सभी राज्यों में इस योजना के लिए बजट का 85% हिस्सा केंद्र सरकार की ओर से दिया जाता है और बाकि का 15% हिस्सा राज्य सरकार के द्वारा दिया जाता है।

वही पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में MIDH के लिए 100% बजट केंद्र सरकार के द्वारा दिया जाता है। विभाग के तत्कालीन संयुक्त निदेशक ने 7 जनवरी, 2021 को लॉग बुक(Log Book) में हस्ताक्षर किए जिसमें टैक्सी HP-01A-6835 और टैक्सी HP-01A-6589 को 25,500 रूपए का भुगतान किया गया।

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National Beekeeping & Honey Mission (NBHM)

यह वाहन लॉग बुक के पेज संख्या 35 में 21 से 27 सितंबर, 2020 की तारीख में नव बहार से सोहेन पालमपुर-नेरी और घुमाखी के टुअर में दर्शाया गया है। इसी तरह से तत्कालीन एस.एम.एस के उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) और महाराष्ट्र(Maharashtra) जाने और शिमला(Shimla) आने पर 31 दिसंबर, 2020 से 8 जनवरी, 2021 के टुअर के लिए टैक्सी पर 44,900 रूपए खर्च किए।

दूसरी ओर दो बैंकों में बचत खाते में जमा की गई परियोजना राशि को लेकर भी आपत्ति उठाई गई हैं। इस संबंध में बार-बार रिमांइडर देने पर भी विभाग की ओर से कोई हिसाब नहीं दिया गया। इस परियोजना पर 80% वित्तीय भागीदारी केंद्र और 20% राज्य सरकार की रहती है।

योजना का उद्देश्य और उपलब्धि

मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ़ हॉर्टिकल्चर(Mission for Integrated Development of Horticulture) के विभिन्न उद्देश्य है। बागवानी को चौमुखी विकास देना जिससे यह एक नए आयाम हासिल करें, इस योजना में नारियल और बांस के उत्पादन और विकास पर ध्यान देना भी शामिल है।

जलवायु के अनुरूप कार्यविधि बनाना, इसमें इनके अनुसार रिसर्ज(Research), टेक्नोलॉजी(technology), विस्तारीकरण(Expansion), फसल के बाद उनका प्रबंधन और विस्तारीकरण, प्रसंस्करण और विपणन आदि शामिल है। किसानों को FIG, FPO और FPC जैसे ग्रुप से जोड़ना, बागवानी उत्पादन में उन्नति, किसानों की संख्या वृद्धि, आमदनी और पोषाहार की सुरक्षा करना है।

गुणवत्ता की जांच, पौधा सामग्री और सिंचाई के नए-नए तरीकों के द्वारा उत्पादन में सुधार लाना भी इस योजना के उद्देश्यों में आता है। साथ ही ग्रामीण युवाओं को बागवानी के क्षेत्र में मेघा विकास को प्रोत्साहन देना और रोज़गार देना तथा फसलोपरांत शीत श्रृंखला(Post Harvest Cold Chain) के क्षेत्र में उचित प्रबंधन भी योजना के उद्देश्य में शामिल है।

इस योजना को 18 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों ने चयनित जिलों में लागू किया गया। इस योजना को पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में बागवानी के समग्र विकास के लिए लागू किया जा रहा है।

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में MIDH के तहत विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहा है। नारियल "विकास बोर्ड देश के सभी नारियल उत्पादक राज्यों में MIDH के तहत विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहा है।

बागवानी क्षेत्र फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान और प्रबंधन एवं सप्लाई चैन के बुनियादी ढांचे के बीच मौजूद अंतर की वजह से अभी भी काफी चुनौतियों का सामना कर रहा है। उत्पादन के दौरान और उत्पादन के उपरांत ठोस प्रबंधन के लिए एक सिरे से दूसरे सिरे तक चौतरफा नजरिया अपनाना साथ ही प्रसंस्करण और विपणन के जरिए यह सुनिश्चित करना की उत्पादकों को फसल का सही लाभ मिल सके।

खेती, उत्पादन, फसलोपरांत प्रबंधन और शीत श्रृंखला पर विशेष ध्यान देते हुए जल्द खराब होने वाले उत्पादों के प्रसंस्करण आदि के लिए अनुसंधान और विकास संबंधी तकनीक को बढ़ावा देना। पारंपरिक खेती की बजाय बागीचों को बढ़ावा देना इस क्रम में फलों के बागानों, अंगूर के बागों, फूलों, सब्ज़ी के बागीचों और बांस की खेती पर ज़ोर देना।

संरक्षित खेती और आधुनिक कृषि सहित उन्नत बागवानी के लिए किसानों तक सही तकनीक का विस्तार करना खासकर उन राज्यों में जहां बागवानी कुल कृषि क्षेत्र के 50% से कम है। वहां एकड़ के हिसाब से बांस और नारियल सहित फलोंद्योन और बागीचा खेती का विस्तार करना है।

इस मिशन के अंतर्गत 6 सब-मिशन बनाए गए हैं जो कि अपने-अपने कार्य के लिए लक्षित है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन पर्वोत्तर व हिमालयी राज्यों के अलावा सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कार्य करेगा।

वहीं सभी पूर्वोत्तर व हिमालयी क्षेत्र के लिए पूर्वोत्तर व हिमालयी राज्य बागवानी मिशन को शुरू किया गया। सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन(National Bamboo Mission), व्यावसायिक बागवानी पर ज़ोर देने वाले सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश में नारियल विकास बोर्ड और मानव संसाधन व क्षमता विकास पर ज़ोर देने वाले पूर्वोत्तर राज्यों के लिए केंद्रीय बागवानी संस्थान का गठन किया गया है।

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