केंद्र सरकार देश के 38 करोड़ असंगठित श्रमिकों को पंजीकृत करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिसमें निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, प्रवासी कार्यबल, रेहड़ी-पटरी वाले और घरेलू कामगार शामिल हैं।
मंगलवार को केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने घोषणा की कि 26 अगस्त (गुरुवार) को केंद्र सरकार ई-श्रम पोर्टल लॉन्च करने जा रही है। पोर्टल देश के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का डेटाबेस बना कर रखेगा। श्रम मंत्री के अनुसार, देशभर के श्रमिक कल लॉन्च होने के तुरंत बाद पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे।
मंगलवार को श्रम मंत्री ने ई-श्रम पोर्टल के लोगो का अनावरण किया और कहा कि यह "हमारे राष्ट्र निर्माताओं, हमारे श्रम योगियों" का राष्ट्रीय डेटाबेस होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि यह पोर्टल कल्याणकारी योजनाओं को श्रमिकों के दरवाजे तक ले जाएगा।
केंद्रीय श्रम मंत्री ने ट्वीट के माध्यम से यह साझा करते हुए लिखा-
ई-श्रम पोमंत्री र्टल लॉन्च होने से ठीक दो दिन पहले, इसके लोगो का अनावरण किया गया । जैसा कि पीएम श्री @narendramodi जी द्वारा परिकल्पित किया गया है, पोर्टल हमारे राष्ट्र निर्माताओं, हमारे श्रम योगियों का राष्ट्रीय डेटाबेस होगा। पोर्टल कल्याणकारी योजनाओं को उनके दरवाजे तक ले जाने में मदद करेगा।
- भूपेंद्र यादव (@byadavbjp) 24 अगस्त, 2021
आगे मंत्री ने कहा "लक्षित वितरण और अंतिम मील वितरण (Targeted delivery and last mile delivery), प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार की योजनाओं का एक प्रमुख फोकस रहा है और असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस (ई-श्रम पोर्टल) उस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।"
तो आइये इस पोर्टल के बारे में भी जान लेते हैं...
केंद्र सरकार निर्माण कार्य करने वाले मजदूरों, प्रवासी श्रमिकों, रेहड़ी-पटरी वालों और घरेलू कामगारों सहित 38 करोड़ असंगठित कामगारों को पंजीकृत करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
श्रम मंत्री यादव ने कहा कि इस पोर्टल के साथ-साथ एक राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर 14434 भी शुरू किया जाएगा, जो खुद को पंजीकृत कराने की मांग कर रहे श्रमिकों के प्रश्नों की सहायता और समाधान करने में मददगार होगा।
श्रमिक अपने आधार कार्ड नंबर और बैंक खाते के विवरण के माध्यम से ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं; उन्हें अन्य महत्वपूर्ण जानकारी जैसे जन्म तिथि, मोबाइल नंबर, गृहनगर और सामाजिक श्रेणी जैसी जानकारी भरनी होगी।
श्रमिकों को एक ई-श्रम कार्ड प्रदान किया जाएगा जिसमें 12 अंकों का विशिष्ट नंबर होगा। सरकार के इस कदम के पीछे का उद्देश्य केंद्र की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का एकीकरण करना है।
श्रमिकों का विवरण राज्य सरकार और विभागों द्वारा भी साझा किया जाएगा।