श्रद्धांजलि एवं काव्यांजलि कार्यक्रम में गूंजे भावनाओं और कविता के स्वर

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श्रद्धांजलि एवं काव्यांजलि कार्यक्रम में गूंजे भावनाओं और कविता के स्वर

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श्रद्धांजलि एवं काव्यांजलि कार्यक्रम में गूंजे भावनाओं और कविता के स्वर

स्व. श्रीमती पुष्पा पांडेय की स्मृति में आयोजित हुआ भावुक और भव्य काव्य-सम्मेलन

झाँसी, 18 सितंबर।


भेल के सुभाष नगर स्थित डॉ. रामकुमार पांडे 'झटपट' के निवास पर एक विशेष श्रद्धांजलि एवं काव्यांजलि समारोह का आयोजन किया गया। यह आयोजन स्वर्गीय श्रीमती पुष्पा पांडेय जी की पुण्य स्मृति में किया गया, जिसमें शहर के प्रतिष्ठित साहित्यकार, पत्रकार, समाजसेवी, और गणमान्य नागरिकों ने सहभागिता की।

अध्यक्षता, मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार सत्यप्रकाश ताम्रकार 'सत्य' ने की, जबकि बुंदेली भाषा के वरिष्ठ कवि रामानंद पाठक 'नंद' मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में शोभाराम दांगी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।

कार्यक्रम की शुरुआत मोहन सोनी द्वारा सरस्वती वंदना से की गई, जिसने पूरे वातावरण को भक्तिपूर्ण बना दिया।

कवियों ने दी काव्यांजलि, भावनाओं से भीगा मंच

इस अवसर पर कई प्रसिद्ध कवियों एवं साहित्यप्रेमियों ने अपनी श्रद्धांजलि स्वरूप भावपूर्ण काव्य-पाठ प्रस्तुत किया।
प्रमुख कवियों में शामिल रहे:
महेश महाराज (झंडा वाले), डॉ. राजेश तिवारी 'मक्खन', डॉ. संतोष मिश्रा, डॉ. रामकुमार पांडे 'झटपट', मोहनलाल सोनी 'अटल', गौरव पटेरिया 'बुंदेले', सुधीर गुप्ता 'चक्र', वैभव दुबे, गौरव तिवारी सहित अन्य रचनाकारों ने अपनी रचनाओं और संस्मरणों के माध्यम से पुष्पांजलि अर्पित की।

कवियों के शब्दों में माँ की ममता, सेवा, और त्याग का गहन वर्णन सुनकर उपस्थित श्रोताओं की आंखें नम हो गईं।

उपस्थित गणमान्य और आयोजन की गरिमा

इस भावुक आयोजन में अनेक श्रद्धासंपन्न एवं साहित्यप्रेमी नागरिकों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से उपस्थित रहे:
अभिषेक पांडेय, अनुज पाठक, आलोक भार्गव, रामनिवास पांडेय, सूर्यकांत पांडेय, डॉ. रमाकांत पांडेय, श्रीकांत पांडेय, रामप्रकाश शर्मा, कुलदीप मिश्रा, देव तिवारी, दीपांश तिवारी, प्रशांत पांडेय, नीरज तिवारी, अरविंद तिवारी, शशिकांत काजू महाराज, भवानी सिंह यादव सहित अनेक गणमान्य।

संचालन और आभार

कार्यक्रम का प्रभावशाली और सारगर्भित संचालन डॉ. राजेश तिवारी 'मक्खन' द्वारा किया गया, जिन्होंने अपनी सहज वाणी से सभी वक्ताओं और रचनाकारों को मंच से जोड़े रखा।

अंत में, आयोजन के सूत्रधार डॉ. रामकुमार पांडे 'झटपट' ने उपस्थित सभी अतिथियों, कवियों, और परिवारजनों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा,
"माँ की स्मृति को सहेजने का सबसे पवित्र तरीका यही है कि हम उनके द्वारा सिखाए गए संस्कारों को समाज में बांटते रहें।"

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