ऑपरेशन ग्रीन योजना में 22 और कृषि उत्पाद शामिल करने से क्या असर पड़ेगा? जाने योजना का उद्देश्य और महत्त्व!

ऑपरेशन ग्रीन योजना
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ऑपरेशन ग्रीन योजना में 22 और कृषि उत्पाद शामिल करने से क्या असर पड़ेगा? जाने योजना का उद्देश्य और महत्त्व!

देश में महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रही है कारण तो बहुत हैं लेकिन हम यहाँ कारणों की चर्चा नहीं करेंगे। खाने-पीने के सामान से लेकर हमारे लिए हर जरूरी वस्तु जिनका हमारे जीवन में प्रतिदिन उपयोग है, उन सभी वस्तुओं के दामों में काफी वृद्धि हुई है।

जहाँ खाने-पीने की चीजों की बात होती है वहाँ किसानों की भी चर्चा होती ही है। किसान अन्नदाता है उनका काम अन उपजाना है। यह सबसे पुण्य का काम है। हर कोई अच्छे से भोजन करें इसी उद्देश्य से किसान दिन रात मेहनत करके अन उपजा रहा है।

महंगाई के कारण वस्तुओं के दामों में वृद्धि तो हुई लेकिन किसानों को फसलों के दाम आज भी कम ही मिलते हैं। बिचोलिये से ले कर व्यापारी तक अपना फायदा देखते हैं। किसानों से कम रेट में फसल, फल, सब्जी खरीद कर अधिक दामों में बाजार में बेचते हैं।

किसानों के फायदे के लिए सरकार कई तरह की योजनाओं को चला रही है और किसान उन योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। किसानों को आर्थिक मंदी से बचाने के लिए सरकार ने 'ऑपरेशन ग्रीन योजना(Operation Green Scheme)' को चलाया है। कोरोना के आने और लॉकडाउन(Lockdown) लग जाने के कारण देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है। अर्थव्यवस्था बुरी तरह से हिल गई है।

आर्थिक स्थिति खराब होने से महंगाई अपने चरम पर है जिसका मार पूरा देश झेल रहा है। किसानों को उनके फल, सब्जी के सही दाम लॉकडाउन के कारण नहीं मिल पाए। उनके फसल सही समय पर नहीं बिक पाने के कारण खराब हो गए।

इन्हीं कारणों से सरकार ने लॉकडाउन में ऑपरेशन ग्रीन योजना के तहत किसानों को अधिक फायदा देने की घोषणा की। पहले आलू, प्याज और टमाटर को इस योजना में रखा गया था। अब इसमें कई तरह के फल, सब्जी को जोड़ दिया गया है, जिससे कि किसानों को अधिक फायदा मिल सके।

क्या है ऑपरेशन ग्रीन मिशन योजना?

किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के द्वारा वर्ष 2018-19 में ऑपरेशन ग्रीन योजना(Operation Green Scheme) को शुरू किया गया। सरकार द्वारा ऑपरेशन ग्रीन(Operation Green) में अब तक आलू, प्याज और टमाटर को रखा गया था। सरकार के द्वारा ऑपरेशन ग्रीन को इन सब्जी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था।

सरकार का मुख्य उद्देश्य था कि किसानों को सब्जियों के उत्पादन का सही दाम मिल सके। इसके रख-रखाव और ट्रांसपोर्ट(Transport) के लिए भी किसानों को सरकार आर्थिक मदत करती है।

योजना में अब 22 उत्पादों को शामिल कर दिया गया है। योजना के अंतर्गत किसानों को उन फल सब्जियों पर राहत दिया जाता है जो जल्दी खराब हो जाते हैं। लॉकडाउन में परिवहन व्यवस्था ठप हो जाने के कारण फलों और सब्जियों के ढोने में परेशानी हो रही थी।

इससे बचने के लिए किसानों की मदद में सरकार ने ग्रीन योजना की शुरुआत की। योजना से किसानों के साथ-साथ उपभोक्ता को भी फायदा मिला। ऑपरेशन ग्रीन योजना में पहले केवल तीन सब्जियों आलू, प्याज और टमाटर को ही रखा गया था। इसकी सफलता को देखते हुए सरकार ने 22 और उत्पादों को शामिल कर लिया ।

इन 22 कृषि उत्पादों को जल्दी खराब होने वाले सब्जियों में शामिल किया गया। योजना का मकसद है कि किसानों को जल्दी खराब होने वाले फल सब्जियों का उचित मूल्य दिलाया जा सके। ऑपरेशन ग्रीन योजना(Operation Green Scheme) से सरकार ने किसानों को उपभोक्ताओं से सीधे जोड़ दिया है।

सरकार इस योजना के तहत मार्केटिंग फेडरेशन(Marketing Federation), एफपीओ (FPO), फूड प्रोसेसिंग कंपनियों(Food processing Companies) और स्वयं सहायता समूह(Self help group) को अनुदान देती है। योजना के तहत उत्पादन और खपत को लेकर पूरी प्लानिंग बनाई जा रही है और उसी के अनुसार उत्पादों को उचित बाजार मुहैया भी कराया जाएगा।

योजना के तहत फूड प्रोसेसिंग(Food processing) से लेकर स्टोरेज तक के काम में मदद मिलेगी। योजना के अंतर्गत मार्केटिंग इंटेलिजेंस नेटवर्क(Marketing Intelligence Network) को स्थापित करने के साथ-साथ डिमांड और सप्लाई पर भी जोर दिया जा रहा है।

इंटेलिजेंस नेटवर्क(Intelligence Network) से किसानों को उनकी उपज का रियल टाइम डाटा(real time data) मिल सकेगा। साथ के साथ किस इलाके में किन उपजों की मांग है इसकी जानकारी प्राप्त होगी। ऑपरेशन ग्रीन योजना के तहत अगर किसान अपने फल, सब्जी और फसलों को कहीं बाहर बेचने ले जाते हैं तो सरकार उन्हें परिवहन सेवा के नाम पर 50% अनुदान देगी।

जिन फसलों का भंडारण करना है उन्हें शीत गृह भंडारण(cold storage storage) में रखने का भी 50% अनुदान सरकार देगी और शीत गृह भंडारण के निर्माण के लिए भी 50% खर्च सरकार उठाएगी।

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लाभ और उद्देश्य

केंद्र सरकार ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन ग्रीन योजना को प्रारंभ किया है। जिसका मुख्य उद्देश्य टॉप प्रसंस्करण(top processing) को बढ़ावा देना है। उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) में ऑपरेशन ग्रीन की शुरुआत 1 जुलाई, 2001 से की जा चुकी है।

इस योजना के तहत विभिन्न कृषि उत्पाद संगठन के साथ-साथ कृषि परिषद प्रसंस्करण सुविधाएं और पेशेवर प्रबंधनों को प्रोत्साहित किया जाएगा। ऑपरेशन ग्रीन के अंतर्गत किसानों को योजना का लाभ वृहद पैमाने(large scale) पर दिया जाएगा। प्राकृतिक आपदा या मानसून के कारण जिन किसानों की फसलों को क्षति हुई है उन्हें इस योजना के अंतर्गत सहायता प्रदान की जाएगी।

इस योजना से किसानों को यह लाभ होगा कि उन्हें अपनी फसल कम दामों पर नहीं बेचनी पड़ेगी। इस योजना की मदद से फसलों के मूल्य में होने वाले उतार-चढ़ाव को रोकने का प्रयास किया जाएगा। जिससे कि किसानों को सही कीमत में खेती के लिए बीज आदि खरीदने में परेशानी नहीं होगी।

देश में आलू, प्याज और टमाटर के उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों की आय में दोगुनी बढ़ोतरी करने के लिए सरकार ने योजना को वर्ष 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है। इस योजना के तहत टॉप उत्पादन कलस्टर(Top Production Cluster) और एफपीओ(FPO) को मजबूत बनाने और उन्हें मध्यम व्यक्ति के हस्तक्षेप के बिना बाजार से जोड़ा जाएगा।

इस योजना के अंतर्गत किसानों के फायदे के लिए 470 से अधिक ऑनलाइन कृषि सेवा केंद्र(Online Agricultural Service Center) खोले जाएंगे। किसानों की बाजार तक आसान पहुंच बनाने के लिए इस योजना के अंतर्गत 22,000 नए कृषि मंडियों(agricultural markets) का विकास होगा।

इस योजना में संपूर्ण श्रृंखला तैयार की जाएगी जिसमें समय-समय पर आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से बचने और जलवायु संबंधित जानकारी दी जाएगी। इस योजना में किसानों के फायदे के लिए बजट का बहुत बड़ा हिस्सा दिया गया है।

योजना से जुड़ने की प्रक्रिया, दस्तावेज

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय(Ministry of Food Processing Industries) ने जानकारी देते हुए बताया कि जो भी किसान ऑपरेशन ग्रीन योजना का लाभ लेना चाहते हैं वह जल्द से जल्द योजना के लिए आवेदन कर लें क्योंकि इसका लाभ वर्ष 2022 तक पात्र किसानों को ही मिलेगा।

योजना के लिए किसान उत्पादक संगठन, सहकारी समिति, खाद्य प्रसंस्करण निर्यातक, राज्य विपरण और व्यक्तिगत किसान और वैसे लोग भी जो फल-सब्जी के उत्पादन तथा प्रसंस्करण कार्य में लगे हुए हैं वह इसके पात्र हैं।

आवेदन करने के लिए आवेदन कर्ता को आधार कार्ड जमा करना होगा। इसके अलावा उनके पास स्थाई पता का प्रूफ, बिजली बिल, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, चालू मोबाइल नंबर होना चाहिए। आवेदन(Application) की सारी जानकारी मैसेज के द्वारा भेजी जाएगी।

इस योजना को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के द्वारा शुरू किया गया था और इसका क्रियान्वयन भी इसी मंत्रालय के द्वारा होगा। आवेदन करने के लिए आपको सबसे पहले मंत्रालय के ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा वहाँ आपको ऑपरेशन ग्रीन के तहत सब्सिडी के लिए फॉर्म दिखाई देगा।

फॉर्म में आपसे जो भी जानकारी पूछी जाएगी उसे आपको सही-सही भर के फॉर्म को सबमिट करना होगा। योजना से जुडी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हेल्पलाइन नंबर 011 2640 6557, 2640 9545, 93118 94002 का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऊपर दिए गए नंबरों पर आप सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर के 1:00 बजे तक और दोपहर 1:30 बजे से लेकर शाम 5:30 बजे तक फोन कर सकते हैं। सोमवार से शुक्रवार तक ही आपकी बात हो पाएगी।

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