प्रधानमंत्री ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन को बताया लाभकारी, 11 लाख से अधिक लोगों को मिला हेल्थ कार्ड!

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प्रधानमंत्री ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन को बताया लाभकारी, 11 लाख से अधिक लोगों को मिला हेल्थ कार्ड!

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन(National Digital Health Mission) की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने 74वे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर की थी। इस योजना में सभी व्यक्ति के स्वास्थ्य का पूरा लेखा-जोखा उपलब्ध होगा।

इस योजना को "राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन(National Digital Health Mission)" की रूपरेखा रणनीति, तकनीकी बुनियादी ढांचा निर्माण और कार्यान्वयन का उत्तरदायित्व दिया गया है। कोरोना काल और इससे पहले देश की स्वास्थ्य सेवाएं कई कारणों से सवालों के घेरे में रही है।

खासतौर से इसलिए क्योंकि खुद को सेहतमंद बनाए रखने और कोई बीमारी होने पर इलाज की कोशिशों को निजी मान लिया गया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय(Ministry of Health and Family Welfare) ने देश में डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को एकीकृत करने के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का गठन किया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में उपजी, इस दूरदर्शी पहल का उद्देश्य भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल(Digital) करना है।

इस मिशन के तहत नागरिकों का एक डिजिटल हेल्थ कार्ड(digital health card) बनाया जाएगा जिसमें उनका हेल्थ रिकार्ड बीमारी से संबंधित सभी जानकारियां डिजिटल रूप से सुरक्षित राखी जाएगी। ताकि ज़रूरत पड़ने पर उन्हें देखा जा सके और आम जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से मिल सके।

इस योजना के तहत स्वास्थ्य पेशेवरों, सार्वजनिक अस्पतालों के साथ-साथ निजी क्षेत्रों के संस्थानों के बीच सेहत की जांच, निगरानी और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने वाला एक पुख्ता नेटवर्क(network) बन सकेगा।

क्या है राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन?

देश की स्वास्थ्य सुविधा को और बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी(Prime Minister Modi) ने 15 अगस्त, 2020 को नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का एलान किया था। इस मिशन के अंतर्गत केंद्र शासित प्रदेशों में NDHM को पायलट प्रोजेक्ट(pilot project) के रूप में लॉन्च किया गया जिसके तहत अब तक लगभग 11.9 लाख से ज़्यादा लोगों को डिजिटल हेल्थ आईडी(digital health id) दी जा चुकी है। इसके साथ ही 3106 डॉक्टरों और 1490 स्वास्थ्य सेवा से जुडी सुविधाओं ने इस प्लेटफार्म(Platform) पर रजिस्ट्रेशन(Registration) कराया है।

नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, वन हेल्थ कार्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस मिशन के तहत व्यक्ति की सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को एक जगह पर रखा जाएगा।

मूल रूप से NDHM का मकसद एक स्वास्थ्य सुचना संगठन और देश में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए डिजिटल पारिस्थितिक तंत्र(digital ecosystem) बनाना है ताकि भारत के नागरिकों, स्वास्थ्य पेशेवरों, सार्वजनिक अस्पतालों के साथ-साथ निजी क्षेत्रों के संस्थानों को सुविधाएं आसानी से प्राप्त कराई जा सके। NDHM राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य(राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य) के खाके के लिए एक कार्यकारी संस्था के तौर पर काम करेगा।

इसका उद्देश्य स्वास्थ्य संबंधित सूचनाओं का ऐसा डेटाबेस(Database) तैयार करना है जिसकी मदत से आसानी से लोग अपनी स्वास्थ्य संबंधी सूचनाओं तक पहुँच सके। राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन चार महत्वपूर्ण स्तम्भ पर टिका है जिसमें स्वास्थ्य पहचान पत्र या हेल्थ आई डी, डिजी डॉक्टर, स्वास्थ्य पहचान कर्ता और निजी स्वास्थ्य रिकॉर्ड शामिल है।

जन धन योजना(Jan Dhan Yojna), आधार एवं मोबाईल ट्रिनिटी(mobile trinity) और सरकार की अन्य डिजिटल पहल के रूप में तैयार बुनियादी ढांचे के आधार पर NDHM स्वास्थ्य संबंधी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा, गोपनीयता और निजता को सुनिश्चित करते हुए डेटा(Data), सुचना और जानकारी का एक सहज ऑनलाइन प्लेटफार्म(Online platform) तैयार करेगा।

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कोरोना काल में आए बदलाव

कोरोना(Corona) काल के दौरान भारत सरकार ने वायरस(Virus) के संक्रमण को रोकने के लिए आरोग्य सेतु ऐप(Arogya Setu App) को शुरू किया। पीएम मोदी(PM Modi) का कहना है कि आरोग्य सेतु ऐप से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में बहुत मदत मिली।

सबको वेक्सीन(Vaccine), मुफ्त वेक्सीन अभियान(free vaccine campaign) के तहत भारत में लगभग 90 करोड़ वेक्सीन डोज़(vaccine dose) लग चुके है जिसमें Co-Win ऐप(Co-Win App) का बहुत बड़ा हाथ है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में टेलीमेडिसिन(telemedicine) का भी अभूतपूर्व विस्तार हुआ है।

ई-संजीवनी(E-Revival) के माध्यम से अब तक लगभग सवा करोड़ रिमोट कसंल्टेशन(remote consultation) पुरे हो चुके है। यह सुविधा हर रोज़ देश के दूर-सुदूर में रहने वाले हज़ारों देशवासियों को घर बैठे ही शहरों के बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों से कनेक्ट (Connect) कर रही है।

भारत के प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का शुभ आरम्भ किया। यह मिशन संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्य 3.8 के सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में भी एक बड़ी उपलब्धि होगी। इस प्रणाली का इस्तेमाल हर एक व्यक्ति के लिए पर्सनल स्वास्थ्य रिकॉर्ड(Personal Health Record) बनाने के लिए किया जा सकता है।

इसमें डॉक्टरों, स्वास्थ्य सुविधाओं और प्रयोगशालाओं जैसे विभिन्न स्वास्थ्य के रिकॉर्ड को किसी भी स्वास्थ्य विशेषण द्वारा उस व्यक्ति की सहमति से देखा जा सकता है। इसके ज़रिए अगर कोई व्यक्ति डॉक्टर के पास जाता है तो डॉक्टर उसकी हेल्थ आईडी की मदत से यह जान लेंगे कि वह कब-कब डॉक्टर के पास गए थे, साथ ही अब कोण सी दवाइयां चल रही है और किस-किस बीमारी के लिए अब-अब दवाइयां चली हैं।

हेल्थ आईडी कार्ड कैसे बनवाया जाए

हेल्थ आईडी कार्ड(health id card) को आधार और एक व्यक्ति के मोबाइल नंबर जैसे विवरणों की मदत से बनाया जाएगा और हर एक व्यक्ति के लिए एक अलग-यूनिक आईडी बनाई जाएगी। साथ ही हेल्थ आईडी कार्ड स्वैच्छिक होगा और अगर किसी को हेल्थ आईडी कार्ड नहीं चाहिए उसे उपचार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण(National Health Authority), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय(Ministry of Health and Family Welfare) ने देश में राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन लागू करने के लिए मंज़ूरी दी है। योजन के अंदर हेल्थ आईडी, डिग्री डॉक्टर, स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री, व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड, ई-फार्म(E-pharm) सी और देलीमेडीसीन(dailymedicine) आते है जिसके माध्यम से नागरिकों को समय पर, सुरक्षित और सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्राप्त हो सके।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य सभी स्तरों पर स्वास्थ्य से सम्बंधित सेवाओं में सुलभता सुनिश्चित करना, राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में शासन में दक्षता, पारदर्शिता और प्रभावशीलता लाना और देश के नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं के प्रतिपादन में नियमित सुधार सुनिश्चित करना है।

साथ ही नागरिकों को यह डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली का लाभ देने के लिए बुनियादी ढांचे(Basic Infrastructure) का निर्माण करने के साथ ही स्वास्थ्य देता का प्रबंधन करना भी इस योजना के अंतर्गत आता है।

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