भारत की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ (Reliance Industries) ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (Q1) के नतीजे हाल ही में घोषित किए। इन नतीजों में कंपनी को 17,265 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ है, जो कि बीते साल की इसी तिमाही से 5.7% कम है।
हालांकि यह मुनाफ़ा अनुमान से थोड़ा कम रहा, लेकिन कंपनी के अलग-अलग सेक्टरों — जैसे टेलीकॉम, रिटेल और पेट्रोकेमिकल — ने बाजार को यह भरोसा दिया है कि रिलायंस अब भी एक स्थायी और नवाचार से प्रेरित कंपनी बनी हुई है।
रिलायंस के कुल मुनाफ़े में गिरावट का मुख्य कारण उसका ऑयल-टू-केमिकल (O2C) सेगमेंट रहा, जिसमें ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) कम हुआ।
विशेषज्ञ मानते हैं कि वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों और मांग में उतार-चढ़ाव ने रिलायंस के पेट्रोकेमिकल व्यवसाय को प्रभावित किया। इसके अलावा पश्चिमी एशिया में राजनीतिक अस्थिरता और रूस-यूक्रेन संकट जैसे वैश्विक घटनाक्रमों का भी असर पड़ा।
O2C सेगमेंट का रेवेन्यू इस तिमाही में ₹1.35 लाख करोड़ रहा, जो पिछली तिमाही से थोड़ा कम है।
जहां एक ओर पेट्रोकेमिकल बिज़नेस फिसला, वहीं Jio Platforms Ltd. और रिलायंस रिटेल ने कंपनी को स्थिरता दी।
Jio का रेवेन्यू इस तिमाही में ₹27,429 करोड़ तक पहुंचा। 5G विस्तार और ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती पहुंच ने इसे संभव बनाया।
रिलायंस रिटेल का मुनाफा 11% बढ़ा और इसने ₹3,165 करोड़ का प्रॉफिट दर्ज किया।
रिलायंस रिटेल देश के छोटे शहरों और कस्बों में भी अपने पैर पसार रहा है, जिससे रोज़गार के अवसर भी बढ़ रहे हैं — यह एक सकारात्मक पहलू है जिसे जनता और सरकार दोनों सराह रहे हैं।
रिलायंस के शेयरों (RIL Share Price) ने नतीजों के बाद हल्का उतार-चढ़ाव दिखाया। हालांकि शुरुआती ट्रेडिंग में शेयर थोड़ा गिरा, लेकिन विश्लेषकों ने लॉन्ग टर्म निवेशकों को रिलायंस पर भरोसा बनाए रखने की सलाह दी है।
RIL के मार्केट कैप की बात करें तो यह ₹20 लाख करोड़ से अधिक बना हुआ है, जिससे यह भारत की सबसे मूल्यवान कंपनियों में शीर्ष पर बनी हुई है।
प्रतीक श्रीवास्तव, जो एक मिड-लेवल इन्वेस्टर हैं, कहते हैं:
"मुनाफे में हल्की गिरावट हुई है, लेकिन रिलायंस जैसी बड़ी कंपनी का पोर्टफोलियो इतना विविधतापूर्ण है कि एक सेगमेंट का प्रभाव दूसरे पर नहीं पड़ता।"
ग्रामीण इलाकों में रिलायंस रिटेल की पहुंच और जियो की सेवा ने आम जनता के बीच इस कंपनी की छवि को और मज़बूत किया है।
रिलायंस अब ग्रीन एनर्जी, नवीनतम डिजिटल तकनीकों और ग्लोबल एक्सपेंशन की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। मुकेश अंबानी ने Q1 रिजल्ट के बाद कहा कि:
"हमारा ध्यान दीर्घकालिक निवेश और पर्यावरण के अनुकूल विकास पर है। हम अगली पीढ़ी के भारत को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
यह बयान जनता और निवेशकों दोनों को आश्वस्त करता है कि रिलायंस आने वाले समय में भी भारत के आर्थिक इंजन की प्रमुख ताकत बना रहेगा।