अफगानिस्तान: अपने कब्जे वाले क्षेत्रों में तालिबान के नए कानून लागू 
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अफगानिस्तान: अपने कब्जे वाले क्षेत्रों में तालिबान के नए कानून लागू

एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि तालिबान ने अपने कब्जे वाले क्षेत्रों में नए कानून लागू कर दिए हैं. अब तालिबान के कब्जे वाले क्षेत्रों की महिलाओं को अपने घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।

Ashish Urmaliya

बहुत पहले एक सर्वे किया गया था उसमें बताया गया था कि दुनिया में महिलाओं के लिए सबसे बदतर देश अफगानिस्तान है।लोकतंत्र की बहाली के बाद अफगानिस्तान में महिलाओं के कुछ हालात सुधरे थे लेकिन फिर बदतर होने की स्थिति बन चुकी है।

अफगानिस्तान के लगभग 400 जिलों में जो देश का लगभग आधा हिस्सा कवर करते हैं उनमें तालिबानी नए कानून पहले से ही लागू हैं।

तालिबान के कब्जे वाले क्षेत्रों से संबंधित रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं को अपने घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है: उनके साथ परिवार का एक पुरुष सदस्य होना चाहिए। इसके साथ ही महिलाओं को हिजाब पहनना अनिवार्य है और पुरुषों को दाढ़ी बढ़ानी होती है।

तालिबान के कब्जे वाले इलाकों में, जो अभी बड़े शहर नहीं हैं, मीडिया को विशेष आदेश मिले हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, स्थानीय रेडियो स्टेशनों को तालिबान की "उपलब्धियों" को प्रसारित करना होगा। तालिबान के बारे में नेगेटिव रिपोर्टिंग करना मृत्युदंड वाला अपराध है।

अफगानिस्तान के 400 जिलों में से 210 पर अब तालिबान का नियंत्रण है। लगभग 70 पर अफगान सरकार का नियंत्रण है और बाकी के लिए लड़ाई लड़ी जा रही है।

तालिबान ने पिछले दो महीनों में तेजी से प्रगति की है, जुलाई के मध्य तक 20 सहित लगभग 140 जिलों पर कब्जा कर लिया है। पहले वे हेलमंद, कंधार, फराह, लगमन, परवान, खोस्त, हेरात, घोर, बामयान और गजनी प्रांतों तक ही सीमित थे। हालांकि यह एक तरफ़ा नहीं रहा है, अफगान सुरक्षा बलों ने कुंदुज, निमरोज और बदख्शां प्रांत के तीन जिलों को अपने कब्जे में ले लिया है।

सूत्रों मुताबिक हाल के हफ्तों में तालिबान को भारी नुकसान हुआ है, खासकर बदख्शां, हेरात, कंधार और तखर में, जहां मरने वालों की संख्या क्रमश: 60, 110, 250 और 170 है। मारे गए तालिबान लड़ाकों की कुल संख्या एक हजार के करीब है, जबकि सरकारी बलों और नागरिक हताहतों की संख्या कुछ ख़ास नहीं है।

हालांकि तालिबान ने कई बॉर्डर क्रॉसिंग पर भी कब्जा कर लिया है। इनमें हेरात में तोरघुंडी और इस्लाम कला और फराह में अबू नस्र फराही शामिल हैं। ये बॉर्डर क्रॉसिंग ईरान से जुड़ते हैं। इसी तरह, कुंदुज में शेर खान और ताजिक सीमा पर तखर में अय खानोम की पोस्ट भी तालिबान के पास हैं, जैसा कि तुर्कमेनिस्तान की तरफ फरयाब में अकीना है। पख्तिया में दंड-ए-पाटन और पाकिस्तान से सटे कंधार में स्पिन बोल्डक भी तालिबानी कब्जे में आ चुके हैं।

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