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भारत बायोटेक ने चेताया, ऐसे लोग बिलकुल ही न लगवाएं वैक्सीन

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Ashish Urmaliya || Pratinidhi Manthan

जंग जारी है! कोरोना वैक्सीन भले ही आ गई हो लेकिन कोरोना का खात्मा नहीं हुआ है, इंग्लैंड में कोरोना के नए खतरनाक स्ट्रेन खौफ फैला ही रखा है उससे भी ज्यादा भयावह स्ट्रेन ने ब्राज़ील में तबाही मचा रखी है। और इस स्ट्रेन पर तो जो वैक्सीन बन चुकी हैं उनका भी असर कुछ खास नहीं बताया जा रहा है।फिलहाल भारत के पास कोवैक्सीन और कोविशील्ड नामक दो हथियार मौजूद हैं, जिनके जरिए कोरोना को हराया जा रहा है। शुक्र की बात ये हैं कि कोरोना के नए स्ट्रेन भारत में अपने पेअर नहीं फैला पाए हैं। भारत में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम की कोविशील्ड को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है और इस तरह से देश में 16 जनवरी से टीकाकरण जारी है। हालांकि, इस बीच भारत बायोटेक ने एक फैक्टशीट जारी कर जानकारी दी है कि ऐसे कौन से लोग हैं जिनको कोवैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। बता दें, यह फैक्ट शीट सिर्फ कोवैक्सीन से सम्बंधित है कोविशील्ड से नहीं।

हाल ही में कंपनी की वेबसाइट पर एक फैक्टशीट अपलोड की गई है जिसके माध्यम से भारत बायोटेक ने ऐसे लोगों को कोवैक्सीन का टीका नहीं लगवाने की सलाह दी है, जिन्हें कुछ समय से बुखार, किसी तरह की एलर्जी या फिर ब्लीडिंग डिसऑर्डर की शिकायत रही हो। इसके साथ ही उन्होंने चेताया है कि जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है या दवाई ले रहे हैं या फिर जिसका प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर हो सकता है, ऐसे लोग वैक्सीन ना लगवाएं। भारत बायोटेक कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड किए गए एक बयान में यह भी कहा गया है कि कोवैक्सीन का टीका गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी एकदम वर्जित है। इसके अलावा जो लोग दूसरी वैक्सीन ले चुके हैं या फिर किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, वे भी कोवैक्सीन का टीका न लें। किसी भी बिमारी से ग्रसित लोग टीका लगवाने से पहले अच्छे डॉक्टर से सलाह लें।

यहां सबसे ज़रूरी बात जो आपको जननी चाहिए कि सरकार ने भी अपने दिशा निर्देशों को जारी करते हुए, बीते दिनों स्पष्ट कर दिया है कि गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अभी वैक्सीन लेने की कोई जरूरत नहीं है। बता दें, भारत बायोटेक ने वैक्सीन की संभावित प्रतिकूल घटनाओं और वैक्सीन के लिए अयोग्य के साथ योग्य लोगों का विवरण देते हुए यह फैक्टशीट जारी किया है। इस फैक्टशीट में कहा गया है कि इस बात के बहुत ही कम चांसेस हैं कि कोवैक्सीन से सांस लेने में कठिनाई, तेजी से दिल धड़कना, चेहरे/गले की सूजन, पूरे शरीर में चकत्ते और कमजोरी सहित एलर्जी की गंभीर प्रतिक्रिया पैदा हो सकती है।

आपको जानकारी हो कि कोवैक्सीन अभी अपने तीसरे फेज के ट्रायल में है और अभी इसकी प्रभावकारिता पूरी तरह से साबित नहीं हो पाई है। फ़िलहाल तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़ों को स्टडी किया जा रहा है। भारत बायोटेक ने यह भी कहा है कि वैक्सीन की खुराक लगने का मतलब ये बिलकुल नहीं है कि इसके बाद कोविड-19 से बचाव के लिए निर्धारित अन्य मानकों का पालन करना बंद कर दिया जाए। वो सब सावधानियां तो आपको बरतनी ही हैं। यही वजह है कि कंपनी ने उन सावधानियों को बरतने की जरूरत समझी है, जिन्हें नजरअंदाज करने पर इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट हो सकते हैं। सरकार ने भी साफ़ कर दिया है कि एक शख्स को एक ही वैक्सीन के दोनों डोज लेने होंगे, दो तरह की वैक्सीन लेना खतरे से खाली नहीं है।

जारी की गई फैक्टशीट में साफ तौर पर कहा गया है कि अगर आप नियमित रूप से दवा ले रहे हैं या काफी समय से बीमार हैं तो टीकाकरण अधिकारी को अपनी सभी चिकित्सा स्थितियों के बारे में जरूर बताएं। अगर आपको बीमारी है तो कब से है और किस हालत में हैं। कोवैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक ने आगे कहा कि टीकाकरण की दूसरी खुराक के बाद तीन महीने तक सभी टीका प्राप्तकर्ताओं का फॉलोअप किया जाएगा। उनके हालात या कह लें स्वास्थ्य पर पैनी नज़र रखी जाएगी।

इस फैक्टशीट के अनुसार, कोवैक्सीन के लगाए जाने के बाद अगर किसी लाभार्थी को कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या होती है अथवा वैक्सीन का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता तो उसे सरकारी अस्पताल में उचित इलाज़ व देखरेख की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इतना ही नहीं, गंभीर प्रतिकूल घटना के लिए मुआवजे का भी प्रावधान सुनिश्चित किया गया है।

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