स्नेहा दुबे से पहले ये युवा राजनयिक भी UN में पाकिस्तान को लताड़ चुके हैं

संयुक्त राष्ट्र में युवा राजनयिकों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तानी नेताओं को लताड़ने की इस परंपरा की शुरुआत पूर्व भारतीय दूत सैयद अकबरुद्दीन के कार्यकाल से शुरू हुई थी। इसके पीछे का सिर्फ एक मकसद यही दिखाना था कि भारत के युवा राजनयिक संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रधामंत्री नेताओं को करारा जवाब देने के लिए पर्याप्त हैं।
स्नेहा दुबे से पहले ये युवा राजनयिक भी UN में पाकिस्तान को लताड़ चुके हैं

संयुक्त राष्ट्र में प्रथम सचिव स्नेहा दुबे के भाषण के रूप में जिसमें उन्होंने पाकिस्तान और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को निशाने पर लिया।

अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के युवा राजनयिकों द्वारा दिए गए पिछले भाषणों पर एक नज़र डालने से पता चलता है कि यह एक परंपरा है जिसे भारत संयुक्त राष्ट्र में बनाए रखता है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने अपने भाषण में जिस तरह पाकिस्तान की बखिया उधेड़ी, वो एक ऐतिहासिक क्षण था। निःसंदेह पकिस्तान महीनों तक सदमे में रहेगा। भारत के युवा राजनयिकों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मंच पर दिए गए पिछले भाषणों पर एक नज़र डालने से पता चलता है कि यह एक परंपरा है जिसे भारत ने काफी लंबे वक्त से संयुक्त राष्ट्र में बनाए रखता है। हमारे उग्र और युवा राजनयिक पाकिस्तानी नेताओं की क्लास लगा देते हैं।

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यह परंपरा पूर्व भारतीय दूत सैयद अकबरुद्दीन के कार्यकाल के दौरान शुरू हुई थी। उस समय से भारत, UN में पाकिस्तानी नेताओं को करारा जवाब देने का अधिकार अपने युवा राजनयिकों को देता आया है। मकसद सिर्फ यह दिखाना है कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के नेताओं प्रधानमंत्रियों लताड़ने के लिए भारत को वरिष्ठ राजनयिकों की आवश्यकता नहीं है। समाचार एजेंसी पीटीआई के एक विश्लेषण में कहा गया है कि उनके लिए हमारे युवा राजनयिक ही पर्याप्त हैं।

ईनम गंभीर, 2016 और 2017

सितंबर 2016 में, संयुक्त राष्ट्र में भारतीय के तत्कालीन प्रथम सचिव ईनम गंभीर ने पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज शरीफ के संयुक्त राष्ट्र महासभा के संबोधन में भारत की तरफ से उत्तर दिया था।"दुनिया अभी तक नहीं भूली है कि उस नृशंस हमले का निशान पाकिस्तान के एबटाबाद तक गया। तक्षशिला की भूमि, जो प्राचीन काल के सबसे बड़े शिक्षा केंद्रों में से एक है, अब आइवी लीग ऑफ टेररिज्म की मेजबानी कर रही है। यह दुनिया भर से आतंकियों को अट्रैक्ट करता है। इसके ज़हरीले पाठ्यक्रम का प्रभाव दुनिया भर में महसूस किया जाता है।

2017 में भी गंभीर ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को जवाब दिया था. "अपने छोटे से इतिहास में, पाकिस्तान आतंक का पर्याय बन गया है। पाक ज़मीन की तलाश ने वास्तव में 'पाक आतंक की भूमि' का निर्माण किया है। पाकिस्तान अब आतंकवादी है ... इसकी वर्तमान स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के नेता हाफिज मोहम्मद सईद को अब एक राजनीतिक दल के नेता के रूप में वैध बनाने की मांग की जा रही है।"

विदिशा मैत्रा, 2019

2019 में, विदिशा मैत्रा के भाषण को तालियाँ मिलीं क्योंकि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से इमरान खान ('इमरान खान नियाज़ी') को जवाब दिया था। "हम आपसे इतिहास के बारे में अपनी संक्षिप्त समझ को ताज़ा करने का अनुरोध करेंगे। 1971 में अपने ही लोगों के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा किए गए भीषण नरसंहार और लेफ्टिनेंट जनरल ए.ए.के नियाज़ी द्वारा निभाई गई भूमिका को मत भूलना। उन्होंने कहा, एक घिनौना तथ्य यह है कि माननीय प्रधान मंत्री बांग्लादेश ने इस सभा को आज दोपहर के बारे में याद दिलाया।"

मिजिटो विनिटो, 2020

पिछले साल, मिजिटो विनिटो ने कहा था कि पाकिस्तान का "एकमात्र गौरव" जो पाकिस्तान दुनिया को दिखा सकता है, वह है आतंकवाद, जातीय सफाई, बहुसंख्यक कट्टरवाद और गुप्त परमाणु व्यापार।

सरकारी योजना

No stories found.

समाधान

No stories found.

कहानी सफलता की

No stories found.

रोचक जानकारी

No stories found.
logo
Pratinidhi Manthan
www.pratinidhimanthan.com