हेल्थ इंश्योरेंस कराते वक्त इन तकनीकी शब्दों का अर्थ जरूर समझ लें, नहीं तो...

हेल्थ इंश्योरेंस ही नहीं कोई भी बीमा पॉलिसी लेने से पहले आपको उसकी शर्तों के बारे में जानना बेहद ज़रूरी होता है। हालांकि इन शर्तों की बारीकियों को समझना कोई आसान काम नहीं होता लेकिन कोशिश करेंगे तो ज़रूर समझ लेंगे।
Health Insurance
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टीवी पर म्यूचुअल फंड(mutual fund) वाला एड देखा है आपने? जब जोखिम बताने की बारी आती है तो तूफानी स्पीड से बोल कर निकल लेते हैं। ऐसा सिर्फ म्यूच्यूअल फंड(mutual fund) में नहीं बल्कि हर एक सर्विस के साथ होता है।

जब आप क्रेडिट कार्ड(Credit Card) लेते हैं तब भी आपको उसके उपयोग के दौरान लगने वाले सभी चार्जेज के बारे में नहीं बताया जाता। ठीक इसी तरह जब आप कोई भी बीमा पालिसी लेते हैं तो आपको उसकी शर्तों के बारे में ठीक से जानकारी नहीं दी जाती।

कोरोना के आने के बाद हेल्थ बीमा इंडस्ट्री(health insurance industry) में बंपर उछाल आया है। कोरोना के साथ कई अन्य बड़ी भयंकर, खर्चीली बीमारियों के चलते हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance) एक बड़ी जरूरत बन गया है। प्रबल संभावनाएं हैं कि आप में से बहुत से लोगों ने हेल्थ बीमा पालिसी ले भी रखी होगी या लेने के बारे में सोच रहे होंगे।

तो हम आपको बता दें, कोई भी हेल्थ बीमा पालिसी(Health Insurance policy) लेने से पहले उसकी शर्तों के बारे में ज़रूर जान लें। बीमा बेचने वाले एजेंट आपको इनके बारे में कभी भी ठीक से नहीं बताएंगे लेकिन आपको अपनी ख़ास रूचि दिखानी होगी और समझना होगा। हालांकि बीमा कॉन्ट्रैक्ट(insurance contract) की बारिकियों को समझना आम लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन असंभव नहीं।

हेल्थ बीमा कॉन्ट्रैक्ट(health insurance contract) के नियमों व शर्तों में कई ऐसे तकनीकी शब्द होते हैं जो आपको ठीक से समझ नहीं आते और उस वक्त आपको उतने इम्पोर्टेंट (important) भी नहीं लगते लेकिन आपको उन्हें समझना चाहिए क्योंकि यही शब्द समय आने पर आपको परेशानी में डाल सकते हैं। आपको बीमा(Insurance) का लाभ मिलने से रोक सकते हैं। आज हम आपको हेल्थ इंस्युरेन्स कॉन्ट्रैक्ट(health insurance contract) से जुड़े कुछ ऐसे ही तकनीकी शब्दों की जानकारी देने जा रहे हैं...

फ्री लुक पीरियड (Free look period):

जब आपको बीमा पॉलिसी(Insurance policy) के डॉक्यूमेंट(document) प्राप्त होते हैं ठीक उसी तारीख से लेकर 15 दिन तक की अवधि फ्री लुक पीरियड(free look period) कहलाती है। यह फ्री लुक पीरियड(free look period) हर नए स्वास्थ्य बीमा(health insurance) या व्यक्तिगत दुर्घटना पॉलिसी(Personal Accident Policy) धारक को मिलता है।

इस पीरियड के दौरान आप पुनः विश्लेषण कर सकते हैं कि क्या वह बीमा प्लान(Insurance Plan) आपके लिए सही है या नहीं। फ्री लुक पीरियड(free look period) यानी उन 15 दिनों के दौरान आपको वह पॉलिसी ठीक नहीं लगती है तो आप इसे रद्द करवा सकते हैं। पॉलिसी रद्द होते ही आपको प्रीमियम का पैसा वापस कर दिया जाएगा। हालांकि, कवर किए जाने की स्थिति में बीमाकर्ता आपसे प्रशासनिक खर्चों से संबंधित चार्ज ले सकता है।

प्री-हॉस्पिटलाइजेशन और पोस्ट-हॉस्पिटलाइजेशन (Pre hospitalization and Post hospitalization):

जब भी कोई पॉलिसी होल्डर(Policy Holder) हॉस्पिटल में भर्ती होता है. भर्ती से पहले 30 दिन से 60 दिन तक का समय प्री-हॉस्पिटलाइजेशन(Pre-hospitalization) कहलाता है। ठीक इसी तरह अस्पताल में भर्ती के बाद 90 दिन से 180 दिन तक का समय पोस्ट-हॉस्पिटलाइजेशन (Post-hospitalization) माना जाता है।

भर्ती से पहले वाले समय के दौरान आने वाले खर्चों में कंसल्टेशन फी(consultation fee), डायग्नोस्टिक टेस्ट(diagnostic test) आदि आता है जबकि अस्पताल में भर्ती होने के बाद होने वाले खर्चों में जांच, फॉलो-अप दवाएं, फिजियोथेरेपी(physiotherapy), डायलिसिस (dialysis), कीमो उपचार(chemo treatment) आदि खर्चे शामिल होते हैं।

को-पेमेंट (Co-Payment):

जिसने भी हेल्थ बीमा करा रखा है वह बीमा क्लेम के हिस्से का भुगतान खुद करता है जिसे को-पेमेंट कहा जाता है। Co-Payment, पॉलिसीधारक और बीमा कंपनी के बीच दावा राशि के पूर्व-निर्धारित परसेंटेज को साझा करने का विकल्प होता है।

अगर आपने कॉन्ट्रैक्ट(contract) में Co-Payment को बिना समझे साइन कर दिया तो आपको कुल दावा राशि का कुछ प्रतिशत अपनी जेब से वहन करना पड़ेगा क्योंकि आप पहले ही अपनी सहमति दे चुके होंगे। हालांकि इस ऑप्शन को चुनने से प्रीमियम राशि कम करने में मदद मिलती है।

कटौती या डिडक्टिबल (Deductible):

हेल्थ इंश्योरेंस(health insurance) अमल में आने से पहले बीमा धारक को जो खर्च उठाने पड़ते हैं वो खर्च Deductible होते हैं। यह एक विशेष राशि होती है जो प्रीमियम कम करने में आपको मदद पहुंचाती है क्योंकि यह व्यवस्था बीमाकर्ता को उनके दायित्व के एक हिस्से से राहत देती है। आपका डिडक्टिबल(Deductible) जितना अधिक होगा प्रीमियम राशि उतनी ही कम हो जाएगी।

डे केयर ट्रीटमेंट (Day Care Treatment):

इसका संबंध 24 घंटे से कम समय के लिए हॉस्पिटल, डे केयर सेंटर (care center) या एनेस्थिसियोलॉजिस्ट सेंटर (Anesthesiologist Center) में भर्ती होने की स्थिति में किए गए इलाज या ऑपरेशन से होता है। ध्यान दें, डे केयर ट्रीटमेंट(care treatment) में ओपीडी (OPD) शामिल नहीं होता है। एक सामान्य डे केयर ट्रीटमेंट में कोरोनरी एंजियोग्राफी (coronary angiography), मोतियाबिंद सर्जरी(cataract surgery), डायलिसिस (dialysis), कीमो थेरेपी(chemotherapy) आदि शामिल होते हैं।

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