Breaking News

UP: स्वामी प्रसाद मौर्य की गिरफ्तारी का वारंट जारी, धार्मिक भावनाएं भड़काने पर कोर्ट का आदेश
समाजवादी पार्टी में शामिल हुए बदायूं के बिल्सी से BJP विधायक प.आर के शर्मा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी हुए कोरोना पॉजिटिव, ट्वीट कर खुद दी जानकारी
अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सूद पंजाब चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में हुईं शामिल
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हुए कोरोना पॉजिटिव, खुद को किया आइसोलेट
कारोना पॉजिटिव हेमा मालिनी की बिगड़ी तबीयत, दिल्ली रवाना
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा और कर्नाटक के सीएम बोम्मई संक्रमित, केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट को भी कोरोना
अफ्रीकी दौरे के लिए रवाना हुए भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी
लखीमपुर मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर कार्रवाई के पक्ष में नहीं BJP नेतृत्‍व : सूत्र
दिल्ली सरकार 10 साल पुराने डीजल के सभी वाहनों का पंजीकरण कर रही रद्द
2021 में पोर्न स्टार Martini, आर्यन खान Google पर किए गए सबसे ज्यादा सर्च
UP: स्वामी प्रसाद मौर्य की गिरफ्तारी का वारंट जारी, धार्मिक भावनाएं भड़काने पर कोर्ट का आदेश
समाजवादी पार्टी में शामिल हुए बदायूं के बिल्सी से BJP विधायक प.आर के शर्मा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी हुए कोरोना पॉजिटिव, ट्वीट कर खुद दी जानकारी
अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सूद पंजाब चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में हुईं शामिल
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हुए कोरोना पॉजिटिव, खुद को किया आइसोलेट
कारोना पॉजिटिव हेमा मालिनी की बिगड़ी तबीयत, दिल्ली रवाना
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा और कर्नाटक के सीएम बोम्मई संक्रमित, केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट को भी कोरोना
अफ्रीकी दौरे के लिए रवाना हुए भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी
लखीमपुर मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर कार्रवाई के पक्ष में नहीं BJP नेतृत्‍व : सूत्र
दिल्ली सरकार 10 साल पुराने डीजल के सभी वाहनों का पंजीकरण कर रही रद्द
2021 में पोर्न स्टार Martini, आर्यन खान Google पर किए गए सबसे ज्यादा सर्च

पुलिस विभाग की जन्मकुंडली! पुलिस सेवा के बारे में सबकुछ जानें

पुलिस विभाग की जन्मकुंडली! पुलिस सेवा के बारे में सबकुछ जानें
5 min read

Ashish Urmaliya ||Pratinidhi Manthan

कानूनऔर पुलिस को लेकर अधिकतर लोगों में कई तरह का भ्रम होता है। जामिया और जेएनयू मामलोंके बाद 'पुलिस' चर्चा का एक ट्रेंडिंग टॉपिक बनी हुई है। पुलिस से जुड़े कई सवाल होतेहैं लोगों के मन में, जैसे- कि क्या ट्रैफिक हवलदार किसी को गिरफ्तार कर सकता है? पुलिसकौन-कौन से कानून के अंतर्गत काम करती है? क्या पुलिस को किसी पर भी बल का प्रयोग करनेकी अनुमति होती है? पुलिस में कौन-कौन सी रैंक होती है? सीआरपीसी और आईपीसी क्या है?

 तो आइये इन्हीं सब सवालों के जवाब पता करते हैं।

पुलिसका बेसिक काम क्या होता है? यह तो सबको ही पता होता है। जैसे- नागरिकों को सुरक्षाप्रदान करना, अपराध रोकना/नियंत्रित करना, अपराध हो जाए, तो जांच-पड़ताल करना, अपराधीको गिरफ्तार करना। किसी भी मामले में निष्पक्ष होकर पूरी ईमानदारी के साथ केस तैयारकरना और उसे अदालत में पेश करना। समग्र कानून व्यवस्था को बनाये रखना और अपने क्षेत्रकी पूरी खबर रखना।

अब शक्तियों की बात कर लेते हैं-

पुलिसके पास कई तरह की अलग-अलग शक्तियां होती हैं, जो कानून द्वारा दी जाती हैं। लेकिन कानूनद्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही पुलिस उन शक्तियों का उपयोग कर सकती है।

पुलिस के पास- तलाशी, बारमदगी,गिरफ्तारी, अपराधों की जांच, गवाहों और संदिग्धों से पूछताछ, अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रितकरने का अधिकार होता है।लेकिन ये सब काम पुलिस कानून के दायरे में रहकर ही कर सकतीहै, अपनी इच्छा अनुसार नहीं कर सकती। अगर कोई भी पुलिस वाला अपनी शक्तियों का दुरूपयोगकरता पाया जाता है, तो उस पर भी आम नागरिकों जैसी ही कार्यवाही होती है और उसे दण्डितकिया जाता है। 

देशके प्रत्येक राज्य का अपना अलग पुलिस बल रहता है। उस पर केंद्र का कोई हस्तक्षेप नहींहोता। केंद्र सरकार सिर्फ केंद्र शासित राज्यों के पुलिस बल को कंट्रोल करता है। जैसेदिल्ली, चंडीगढ़, पुड्डुचेरी, दमन और दीव, लक्षद्वीप समूह, दादर और नागर हवेली, अंडमानएंड निकोबार और अभी हाल ही में जम्मू एंड कश्मीर और लद्दाख भी शाषित राज्य बन गए हैंतो यहां की पुलिस पर भी केंद्र सरकार का कंट्रोल आ गया है।

येतो हो गई सामान्य पुलिस की बात- राज्यों में राज्य पुलिस बल और केंद्रशासित राज्योंमें क्रेंद्रीय पुलिस बल होता है। इसके अलावा और भी कई सशस्त्र पुलिस संगठन होते हैंजो केंद्र के अधीन काम करते हैं जैसे-

केंद्रीयरिसर्व पुलिस बल(CRPF), सीमा सुरक्षा बल(BSF) भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP), असमराइफल्स, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड(NSG)। ये सभी अर्ध सैनिक बल होते हैं, जिनका गठनकुछ विशेष कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए किया गया है। इन सभी बलों को जिनका मैंनेअभी नाम लिया है, इन्हें केंद्र द्वारा भारतीय सेना की तर्ज पर संचालित किया जाता है।ये अर्धसैनिक बल, गंभीर व विपरीत परिस्थितियों में सामान्य पुलिस की मदद करते हैं।  

अगर कोई पुलिस बल में शामिल होनाचाहे तो इसके तीन स्तर होते हैं।

पहला, कि आप कांस्टेबलके रूप में भर्ती हों फिर अपनी बैद्धिक और शारीरिक क्षमता के बल पर राज्य पुलिस अधीक्षकके पद तक पहुंच जाएं।

दूसरा, कि आप डायरेक्ट सबइंस्पेक्टर का इम्तिहान पास करके भर्ती हों और प्रमोशन पा कर पुलिस अधीक्षक के पद तकपहुंच जाएं।

याफिर सीधा आईपीएस(IPS) की परीक्षा पास करें और केंद्रीय पुलिस अधिकारी के रूप में सीधाऊपर जाकर बैठ जाएं। आईपीएस बनने के लिए आपको यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिलहोना पड़ता है। पहले प्रारंभिक परीक्षा होती है फिर लिखित परीक्षा होती है, चुने जानेके बाद आपको साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है और फिर आपका चुनाव कर लिया जाता है।तो यहां आपको विदेश सेवा, प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा, वन सेवा और राजस्व सेवा का विकल्पदिया जाता है। रैंकिंग के आधार पर आप विभाग का चुनाव कर पाते हैं।

फिरआपको आईपीएस के प्रशिक्षण के लिए लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में भेजा जाताहै उसके बाद हैदराबाद की राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में एक बुनियादी प्रशिक्षण के लिएभेजा जाता है। और फिर आप आईपीएस बन कर तैयार होते हैं।

आइये इसी के साथ पुलिस के विभिन्नपदों के फुल फॉर्म जान लेते हैं (हिंदी में)-

सबसेनिचले स्तर पर होता है- कांस्टेबल

इसकेबाद हेड कांस्टेबल(HC)

फिरASI (असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर)

फिरSI (सबइंस्पेक्टर)

फिरइंस्पेक्टर, फिर उसके बाद आता है-

ASP(असिस्टेंट सुप्रीटेंडेंट ऑफ़ पुलिस) या DSP(डिप्टी सुप्रीटेंडेंट ऑफ़ पुलिस)  इसके बाद SP(सुप्रीटेंडेंट ऑफ़ पुलिस) फिर वरिष्ठपुलिस अधीक्षक (SSP), पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG), पुलिस महानिरीक्षक (IGP), अतिरिक्तपुलिस महानिदेशक (ADG) और सबसे ऊपर महानिदेशक पुलिस (DGP) की रैंक होती है।

–किसी भी पुलिस अधिकारी को किसी भी व्यक्ति पर बल प्रयोग करने की अनुमति नहीं होती।जब तक कि वो व्यक्ति गिरफ्तारी का विरोध न कर रहा हो या फिर भागने की कोशिश न कर रहाहो, तब तक पुलिस उसके साथ किसी भी तरह की सख्ती नहीं दिखा सकती।

–कई बार कुछ पुलिस अधिकारियों को बीट पुलिस अधिकारी भी बुलाया जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकिउस अधिकारी के पास एक नियमित विशिष्ट क्षेत्र या मार्ग की जिम्मेदारी होती है, जहांवह हमेशा गश्त पर रहता है यह सुनिश्चित करने के लिए, कि वहां पर कानून व्यवस्था सुचारुरूप से स्थापित है और कोई संदिग्ध गतिविधि तो नहीं हो रही है।  

–किसी भी राज्य में 'डीजीपी' पुलिस का सबसे बड़ा अधिकारी होता है, जो उस राज्य के गृहमंत्रालय के अधीन काम करता है। डीजीपी से लेकर कांस्टेबल तक प्रत्येक पुलिस अधिकारीको विभिन्न कर्तव्य सौंपे जाते हैं जिनका उन्हें निर्वहन करना होता है। ये कर्तव्यहर राज्य के मैन्युअल में सूचीबद्ध होते हैं। वरिष्ठ अधिकाररी अपने जूनियर को सौंपेगए कर्तव्यों पर काम कर सकता है लेकिन एक जूनियर अधिकारी अपने वरिष्ठ अधिकारी को सौंपेगए कर्तव्यों पर अमल नहीं कर सकता। साधारण शब्दों में समझें, तो एक सब-इंस्पेक्टर,कांस्टेबल को सौंपे गए कार्य को कर सकता है लेकिन एक कांस्टेबल सब इंस्पेक्टर के स्तरका काम नहीं कर सकता। 

अब आइये अब कुछ सवालों के जवाबजान लेते हैं जो अक्सर लोगों के मन में उठा करते हैं.

सवाल-  क्या ट्रैफिक पुलिस अधिकारी किसी को गिरफ्तार करसकता है?

जीहां, बिलकुल कर सकता है। ट्रैफिक अधिकारी भी एक पुलिस अधिकारी ही होता है, जिसे मूलरूप से ट्रैफिक संभालने की जिम्मेदारी दी जाती है। अगर वह किसी को अपराध करते हुए देखताहै, तो किसी अन्य पुलिस कर्मी की तरह गिरफ्तारी कर सकता है।

सवाल- अपराध जांच विभाग(CID) क्या है?

इसविभाग को विशेष शाखा या खोजी शाखा के नाम से भी जाना जाता है। यह राज्य पुलिस की जांचएजेंसी होती है। सीआईडी पर गैंगवार, धोखाधड़ी व अन्य गंभीर अपराधों की जांच करने कीजिम्मेवारी होती है।

सवाल- क्या CID पुलिस सेअलग होती है?

जीनहीं, प्रत्येक राज्य की CID टीम में पुलिस के अधिकारियों का ही चयन किया जाता है।

सवाल- पुलिस किस कानूनके अंतर्गत काम करती है?

अधिकतरराज्यों की पुलिस, पुलिस अधिनियम (Police Act) के तहत ही काम करती है। जबकि कुछ राज्योंका अपना अलग पुलिस एक्ट होता है। लेकिन कुल मिला कर सभी राज्यों के पुलिस अधिनियम पुरानेकानूनों पर ही आधारित हैं। हाल ही में कुछ राज्यों ने अपने पुलिस अधिनियमों में जरूरतके अनुसार कुछ नए कानून जोड़े हैं। इस अधिनियम के अलावा कई अन्य कानून भी हैं जिनकेआधार पर पुलिस काम करती है। जैसे- सीआरपीसी और आईपीसी। 

सवाल-  सीआरपीसी और आईपीसी होता क्या है?

सीआरपीसी (CrPC) यानी दंड प्रक्रियासंहिता-जब कोई अपराध होता है, तो पुलिस हमेशा दो प्रक्रियाओं का पालन करती है एक प्रक्रियापीड़ित के लिए होती है और दूसरी आरोपी के लिए। ये दोनों प्रक्रियाएं सीआरपीसी में वर्णितहैं। 

अब आते हैं आईपीसी (IPC) पर-

IPCयानी भारतीय दंड संहिता। कुछ प्रकार के मानव व्यवहारों को कानून द्वारा अनुमति प्रदाननहीं की गई है। इस प्रकार के व्यव्हार से व्यक्ति को कुछ नकारात्मक परिणाम भुगतने पड़तेहैं। इस तरह के व्यवहारों को "अपराध" कहा जाता है और इसके परिणामों को"सजा" कहा जाता है। इस तरह के व्यवहारों की सजा आईपीसी में निहित है।

पुलिस अधिनियम में क्या-क्यानिहित है?

पुलिसअधिनियम मूलरूप से यह बताता है, कि पुलिस क्या कर सकती है और क्या नहीं कर सकती। इसकेसाथ ही यह बताता है कि पुलिस बल को कैसे व्यवस्थित रखा जाये, पुलिस में कौन-कौन सीरैंक होगी, पुलिस बल का पर्यवेक्षण कौन करेगा, नियुक्तियां कैसे होंगी, कौन करेगा।नियमों को ताक पर रखने पर पुलिस को खुद किस सजा या अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामनाकरना पड़ेगा, यह सब इस अधिनियम में निहित है। इस अधिनियम में जनता के लिए भी कुछ नियमदिए गए हैं।

.
logo
Pratinidhi Manthan
www.pratinidhimanthan.com