Ashish Urmaliya || Pratinidhi Manthan
भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने आत्मनिर्भरता भारत (aatma nirbhar bharat) अभियान के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) को अपना सहभागी बनने का मौका दिया है और यह एक मौका आपकी जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकता है.
नया बिजनेस शुरू करने का विचार बना रहे हैं या फिर अपने जमे जमाए छोटे बिज़नेस को और ऊंचाई तक ले जाना चाहते हैं तो फिलहाल इससे बेहतर मौका दूसरा नहीं होगा क्योंकि भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने खुद सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) को अपना सहभागी बनने का मौका दिया है. अब आप इंडियन रेलवे (Business with indian railways) के साथ जुड़कर कमाई कर सकते हैं. अब आप बेहद कम पूंजी निवेश के साथ बंपर मुनाफे वाला बिजनेस शुरू कर सकते हैं. बता दें, भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने इस योजना की शुरुआत आत्मनिर्भरता भारत (aatma nirbhar bharat) अभियान के तहत की है. तो अगर आप भी सहभागी बनना चाहते हैं तो ये आपके पास अच्छा मौका है. रेलवे के साथ जुड़कर इस सहभागिता में आपकी बढ़िया कमाई होने की गारंटी है.
प्रोडक्ट बेचकर होगी कमाई-
आपको शायद ही जानकारी हो कि रेलवे हर साल सालाना 70,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोडक्ट खरीदता है. इसमें इंजीनियरिंग और टेक्निकल(technical) प्रोडक्ट्स के साथ-साथ रोजाना इस्तेमाल में आने वाले भी कई तरह के प्रोडक्ट्स शामिल होते हैं. ऐसे में आप छोटा कारोबारी बनकर रेलवे को अपने प्रोडक्ट्स बेच सकते हैं और भारी मुनाफा कमा सकते हैं.
रेलवे के साथ बिज़नेस शुरू करने की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ये है-
भारतीय रेलवे के साथ बिज़नेस शुरू करने की इच्छा रखते हैं तो https://ireps.gov.in और https://gem.gov.in वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
रेलवे के साथ बिज़नेस करने की पूरी प्रक्रिया (process of doing business with the railways)-
-भारतीय रेलवे का एक उसूल है सामान (Product) उसी कंपनी से खरीदती है जो मार्केट में सबसे सस्ता सामान सप्लाई करती हो. तो ऐसी स्थिति में आपको रेलवे को बेचने के लिए किसी ऐसे प्रोडक्ट का चुनाव करना होगा जो आप किसी अन्य कंपनी से बहुत कम कीमत में खरीद सकते हों.
– आजकल कोई भी बिज़नेस शुरू करने से पहले एक डिजिटल सिग्नेचर (digital signature) का होना बहुत जरूरी है इसलिए सबसे पहले अपना डिजिटल सिग्नेचर बनवाएं. इसकी मदद से आप रेलवे की https://ireps.gov.in और https://gem.gov.in वेबसाइट पर जा कर नए टेंडर देख सकेंगे.
डिजिटल सिग्नेचर बनवाने की संक्षिप्त विधि- ऑनलाइन डिजिटल सिग्नेचर बनाने के लिए आपको सबसे पहले Digital Certificate की जरूरत होती है Digital Signature को Certificate Authority के द्वारा Provide किया जाता है जिसे Ca कहते है. यह ऐसा व्यक्ति होता है जिसे Information Technology Act 2000 के तहत डिजिटल सिग्नेचर Provide करने के लिए License दिया जाता है.
-जब भी टेंडर डालें उस वक्त अपनी लागत और प्रॉफिट का ध्यान जरूर रखें. कहने का मतलब, लागत और मुनाफे को आधार बनाते हुए ही टेंडर डालें. .
-ध्यान रहे आपके रेट कॉम्पिटेटिव (competitive rates) रहेंगे तभी आपको टेंडर मिलने में आसानी होगी. और हां, प्रोडक्ट के अलावागर आप किसी सर्विस की सप्लाई के बारे में सोच रहे हैं तो सर्विस की सप्लाई के लिए रेलवे कुछ तकनीकी योग्यता भी मांगता है.
-क्योंकि रेलवे आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एमएसएमई (MSME) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह बड़ा फैसला ले रहा है. इसलिए रेलवे के किसी टेंडर (railway tender) की लागत की 25 फीसदी तक की खरीद में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) को 15 फीसदी तक की प्राथमिकता मिलेगी. इसके अलावा, छोटे उद्योगों (small industries) को धरोहर जमा राशि और सुरक्षा जमानत राशि जमा करने की शर्तों में भी काफी हद तक छूट प्रदान की गई है.
पहले से करा रखा है रजिस्ट्रेशन तो…
अगर आपने पहले से रेलवे के साथ आपने रजिस्ट्रेशन करा रखा है या आपने रेलवे की किसी और एजेंसी में प्रोडक्ट सप्लाई करने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रखा है तो आपको नए रजिस्ट्रेशन की बिलकुल भी जरूरत नहीं होगी. रेलवे के साथ बिजनेस (business with Railway) शुरू करने के लिए एक ही बार रजिस्ट्रेशन कराने की ज़रुरत होती है.