अमेरिकी नौकरी छोड़ शुरू किया डेरी का बिज़नेस, आज है लाखों की कमाई

अंकिता का नया आईडिया रंग लाया, आज अंकिता की कंपनी 2 दर्जन से ज्यादा प्रोडक्ट बनाती और बेचती है। आज अंकिता के पास 50 से अधिक गाय है और वो 100 से अधिक लोगों को रोजगार भी दे रही हैं।
ANKITA KAMAVAT 3
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आज के दौर में अधिकतर युवा किसी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने के ख्वाब देखते हैं। कुछ युवा अपना देश छोड़कर विदेश में नौकरी करने को ही सफलता मानते हैं और कुछ घर पर बैठ कर बेरोजगारी झेल रहे हैं। लेकिन कुछ ऐसे युवा भी हैं जो बड़ी से बड़ी विदेशी कंपनी में नौकरी लगने के बाद भी उसे धुत्कार देते हैं और खेती को अपना मुख्य पेशा बना लेते हैं. वही खेती जिस पर हमारे देश की अर्थव्यवस्था निर्भर करती है। बीते कुछ सालों में युवाओं की सोच में काफी बदलाव आया है। हमें कई ऐसे सफलता के किस्से सुनने को मिले जहां बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों की नौकरी छोड़ कर युवाओं ने खेती को चुना। आज उनका खुद का बड़ा बिज़नेस है, करोड़ों का टर्नओवर है और अपने देश में रहते हुए दूसरों को नौकरी दे पा रहे हैं। बस फर्क सिर्फ इतना है कि जिस बुद्धि, पढ़ाई और कौशल का उपयोग वे किसी विदेशी कंपनी के लिए करने वाले थे उसी का उपयोग उन्होंने कृषि के क्षेत्र में किया और देश के साथ-साथ खुद का भी भला किया।

आज हम आपको एक ऐसी ही युवा लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपने पिता का कहना माना और अमेरिका में लाखों के पैकेज वाली नौकरी छोड़कर खेती व डेयरी का काम संभाला। आज वे लाखों रुपये की कमाई कर रही हैं। लेकिन मेरा ये मानना है कि जब तक खुद के अंदर वो भावना हो आप सफलता प्राप्त नहीं कर सकते, उनके अंदर खुद यह इच्छा थी कि वे खेती से जुड़ें।

खेती के लिए अमेरिका की लाखों की नौकरी छोड़ दी-

आज राजस्थान, अजमेर की रहने वाली अंकिता कुमावत की बात हो रही है जिन्होंने लगभग 5 साल तक जर्मनी तथा अमेरिका जैसे देशों की बड़ी कंपनियों में नौकरी की। भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) कोलकाता जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से 2009 में पढ़ाई पूरी कर वे नौकरी करने लगी थीं। लेकिन पिता के कहने या कह लें, खुद के दिल की आवाज सुन कर वो लाखों की नौकरी छोड़ भारत वापस आ गईं और डेयरी, ऑर्गेनिक फार्मिंग और फूड प्रोसेसिंग में पिता का हाथ बटांना शुरू कर दिया। आप यकीन नहीं मानेंगे आज उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 90 लाख रुपये है और लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

पिता जी भी कम नहीं हैं उन्होंने भी यही किया था...

हैरत की बात तो ये है कि अंकिता के पिता भी एक इंजीनियर हैं और उन्होंने भी अमेरिका की ही नौकरी छोड़कर खेती तो अपना पेशा बनाया। दरअसल हुआ क्या कि बचपन में एक बार अंकिता को पीलिया (Jaundice) हो गया था। अंकिता को अमेरिका के ही किसी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया तब डॉक्टर ने अंकिता के पिता से अंकिता को ऑर्गेनिक भोजन देने की बात कही। पिता जी कुछ दवाइयों के साथ अंकिता को घर ले आए, गाय के शुद्ध दूध ने अपना असर दिखाया और अंकिता कुछ ही दिनों में चुस्त दुरुस्त हो गई। फिर क्या था पिता ने अपने पूरे परिवार की टिकट कटवाई और भारत वापस आ गए और ऑर्गेनिक फार्मिंग (Organic farming) का काम शुरू कर दिया। पिता के काम से प्रेरित होकर अमेरिका, जर्मनी जैसे देशों में नौकरी करने वाली अंकिता ने भी नौकरी छोड़ कर गांव वापस आने का मन बना लिया।

काम वही था बस तरीका बदल दिया...

5 साल विदेशी नौकरी करके साल 2014 में अंकिता वापस आईं और अजमेर में पिता के डेयरी और ऑर्गेनिक फार्मिंग के काम को समझना शुरू कर दिया। सारा मामला समझ आते ही उन्होंने अपने काम को टेक्नोलॉजी से जोड़ दिया। उन्होंने सोलर सिस्टम डेवलप, ड्रिप इरिगेशन टेक्निक पर इम्प्लीमेंट किया, धीरे-धीरे ही सही खेती का दायरा बढ़ने लगा। आज नतीजा सबके सामने है।

ड्राई फ्रूट्स, घी, मिठाइयां जैसी कई चीज़ों का उत्पादन शुरू हो गया...

कुछ ही समय बाद अंकिता ने घी, मिठाइयां, नमकीन, शहद, ड्राई फ्रूट्स, मसाले, दालों जैसे कई तरह के खाद्य पदार्थ भी बनाने शुरू कर दिए। उनका नया आईडिया रंग लाया, आज अंकिता की कंपनी 2 दर्जन से ज्यादा प्रोडक्ट बनाती और बेचती है। आज अंकिता के पास 50 से अधिक गाय है और वो 100 से अधिक लोगों को रोजगार भी दे रही हैं।

सोशल मीडिया ने बिज़नेस में चार चांद लगा दिए...

टेस्टिंग मोड के बाद जब प्रोडक्ट्स लोगों को पसंद आने लगे तो उन्होंने सोशल मीडिया एवं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का सहारा लिया। कम से कम समय में उनके प्रोडक्ट्स ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे। नतीजतन उनके बिज़नेस की बहुत ज्यादा तरक्की हुई। तरक्की इतनी हुई कि उन्होंने matratva.co.in नाम की एक खुद की वेबसाइट लॉन्च कर दी। इस वेबसाइट के चलते आज विदेशों में भी उनकी कंपनी में प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ चुकी है। अंकिता की कंपनी के प्रोडक्ट्स अमेजन, फ्लिपकार्ट समेत कई अन्य ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध हैं।

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