Hamid Mir  
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पाकिस्तानी पत्रकार 'हामिद मीर' जिसने पाकिस्तानी सरकार और सेना दोनों को हिला डाला!

हामिद मीर ने ट्वीट कर कहा कि, "पहले कई बार मेरी हत्या करने का भी प्रयास किया गया, लेकिन मैं बच गया। संविधान में दिए गए अधिकारों के लिए आवाज उठाना हम बंद नहीं कर सकते। इस बार भी मैं किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हूं और किसी भी नतीजे के लिए तैयार हूं क्योंकि वो मेरे परिवार को धमकी दे रहे हैं।" बीबीसी से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी और बेटी को भी धमकियां दी गई हैं।

Ashish Urmaliya

पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार 'हामिद मीर' जो वहां के प्रतिष्ठित नेशनल न्यूज़ चैनल 'जियो न्यूज़' के एंकर हैं, उनके टीवी पर न्यूज़ पढ़ने पर पाकिस्तानी फ़ौज व सरकार द्वारा रोक लगा दी गई है। हालांकि ये पत्रकार बहुत पहले से ही पाकिस्तानी फ़ौज की आँखों की किरकिरी बना हुआ है। पहले उन पर कई जानलेवा हमले भी हो चुके हैं लेकिन हालिया घटना की मुख्य वजह 'जनरल रानी' है।

पाकिस्तानी मीडिया, नागरिकों के साथ-साथ कई अंतरराष्ट्रीय अधिकार संगठनों ने पाकिस्तान के प्रमुख पत्रकार और टीवी एंकर हामिद मीर को प्रतिबंधित करने की तीखी आलोचना की है।

'जनरल रानी' शब्द चुभ गया:

कुछ ही दिन पहले की बात है, पाकिस्तान के जाने-माने पत्रकार हामिद मीर ने पाकिस्तानी सेना के टॉप कमांडर्स के घर के भीतर की कहानियों का खुलासा करने की सार्वजानिक धमकी दे दी थी। पाकिस्तानी फ़ौज के रुतबेदार अफसरों के घर के भीतर होने वाली घटनाओं के साथ-साथ उन्होंने 'जनरल रानी' का भी ज़िक्र किया था। आगे विस्तार से चर्चा करेंगे लेकिन सबसे पहले ये जान लेते हैं कि ये 'जनरल रानी' है कौन और इसका भारत से क्या कनेक्शन है?

दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक जनरल याह्या खान (1969-71) की प्रेमिका को 'जनरल रानी' कहा जाता था। आज भी उन्हें जनरल रानी के नाम से ही याद किया जाता है हालांकि उनका असली नाम 'अकलीम अख्तर' था। निहायती ख़ूबसूरत अकलीम याह्या खान के इनर सर्किल की सदस्य हुआ करती थीं। उस दौर में याह्या खान और पूरे पकिस्तान के अंदरूनी हालातों पर उनकी इतनी तगड़ी पकड़ थी कि उन्हें पूरा पकिस्तान उन्हें 'जनरल रानी' कह कर बुलाने लगा। इतनी प्रसिद्द थीं कि मोहन लाल भास्कर ने अपनी किताब 'मैं पाकिस्तान में भारत का जासूस' में भी 'जनरल रानी' का ज़िक्र किया है।

आपके मन में प्रश्न उठ रहा होगा कि 60-70 के दशक की जनरल रानी का आज के हालातों से क्या लेना देना? अब तो वो रानी है भी नहीं। तो हम आपको बता दें जनरल रानी नहीं है लेकिन उनकी एक बेटी हैं जो मौजूदा वक्त में पाकिस्तान की मशहूर पत्रकार हैं। लेकिन असल सवाल यह है कि हामिद मीर ने जनरल रानी का ज़िक्र क्यों किया?

पूरा खुलासा नहीं हुआ है लेकिन विश्लेषकों द्वारा ऐसा माना जा रहा है कि जनरल रानी की वही पत्रकार बेटी ही उस वक्त पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI के चीफ फ़ैज़ हमीद के घर पर मौजूद थीं, जब उसे देख कर उनकी पत्नी ने गोली चलाई थी। हालांकि किसी ने भी इस बात की कोई पुष्टि नहीं की है। आपको जानकारी हो कि यही पत्रकार बेटी 'अरोसा आलम' एक उत्तर भारतीय नेता जो अभी सीएम हैं उनकी भी करीबी दोस्त है, जिसको लेकर पहले बवाल मच चुका है।

दरअसल, कुछ ही दिनों पहले पाकिस्तानी ISI चीफ (लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद) के घर पर गोली चली थी। खबर सुर्ख़ियों में आ गई, ऐसी जानकारी लगी कि ISI चीफ ने अपने घर पर किसी अन्य लड़की को घर बुलाया था जिसके चलते उनकी पत्नी ने गोली चलाई थी। बस, इसी घटना का ज़िक्र हामिद मीर ने कर दिया था और खुलासे करने की धमकी दे दी थी।

हामिद मीर के शो पर रोक लगा दी गई, इसकी शुरुआत कहां से हुई-

वैसे तो हामिद मीर पाकिस्तानी सेना को लेकर हमेशा ही तीखे तेवर में रहते थे। लेकिन अभी डेढ़ हफ्ते पहले ही एक स्वतंत्र पाकिस्तानी पत्रकार असद अली तूर पर तीन अज्ञात हमलावरों ने जानलेवा हमला कर दिया था। इस्लामाबाद स्थित उनके घर पर ही मार पीट के वक्त उनको लगातार सरकार के खिलाफ ना बोलने की धमकी दी गई। बताते चलें, असद अली तूर पाकिस्तानी सेना और सरकार के खिलाफ लगातार बोलते व लिखते रहे हैं। इस घटना के बाद हामिद मीर सड़क पर आ गए और सरकार व सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, जिनको पूरी दुनिया से समर्थन मिल रहा है।

पाकिस्तान का सबसे ज़्यादा रेटिंग वाला लोकप्रिय राजनीतिक टॉक शो प्रतिबंधित-

दरअसल, पाकिस्तान में लगातार पत्रकारों पर हमला होता रहता है। सीनियर जर्नलिस्ट हामिद मीर इसके खिलाफ आए तो उन पर प्रोग्राम करने पर रोक लगा दी गई। हामिद मीर ने जानकारी दी कि बीते सोमवार की शाम को Geo News पर प्रसारित होने वाले पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम 'कैपिटल टॉक' के ऑन एयर जाने पर रोक लगा दी गई। अल जज़ीरा से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि, "Geo TV के मैनेजमेंट ने अचानक उन्हें जानकारी दी कि वो अपने शो को होस्ट नहीं कर सकते। मेरे पूछने पर मैनजमेंट ने कहा कि ऊपर से बहुत दबाव है लेकिन ये नहीं बताया कि दबाव बनाया किसने है।" हालांकि, हामिद मीर अच्छे से जानते हैं कि ये दबाव किसने बनाया था।

हामिद मीर जब पत्रकारों के समर्थन में उतरे थे उस वक्त उन्होंने जो बोला, उसी वक्त हामिद मीर को इस बात का अंदाजा हो गया था कि ऐसा ही कुछ होने वाला है। यह उनका कोई पहला अनुभव नहीं है। उन पर पहले भी दो बार प्रतिबंध लगाया जा चुका है। वे पहले दो बार अपनी नौकरी भी खो चुके हैं। हामिद मीर ने ट्वीट कर कहा कि, "पहले कई बार मेरी हत्या करने का भी प्रयास किया गया, लेकिन मैं बच गया। संविधान में दिए गए अधिकारों के लिए आवाज उठाना हम बंद नहीं कर सकते। इस बार भी मैं किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हूं और किसी भी नतीजे के लिए तैयार हूं क्योंकि वो मेरे परिवार को धमकी दे रहे हैं।" बीबीसी से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी और बेटी को भी धमकियां दी गई हैं।

2014 में हामिद मीर पर गोलियां चलवाई गई थीं

2014 में हामिद मीर पर प्राणघातक हमला हुआ था उसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दरअसल, हमले से ठीक पहले हामिद मीर ने अपने टॉक शो में बलूचिस्तान में फ़ौज द्वारा लोगों के अधिकारों के हनन का मुद्दा उठाया था। पाकिस्तान के खोखले सिस्टम का जीता जगता सबूत ये है कि हामिद मीर पर हमला करने वालों की शिनाख़्त आज तक नहीं हो सकी है।

पत्रकारों के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान हामिद मीर ने कहा क्या था?

हामिद मीर ने कहा था कि, "अगर आप हमारे घर में घुसकर हम पर हमले कर रहे हैं, तो ज़ाहिर है कि हम आपके घरों में तो नहीं घुस सकते क्योंकि आपके पास तोपें और टैंक हैं। लेकिन, हम बहुत सी बातें सार्वजनिक कर सकते हैं और ये बातें आपके घर के भीतर तक की हो सकती हैं।"

राजनीतिक पृष्ठभूमि-

पाकिस्तान में सत्ता की चाभी हमेशा से ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख के हाथ में होती है, देश का प्रधानमंत्री भले कोई भी हो। हामिद मीर हमेशा से इसके खिलाफ रहे हैं। मौजूदा इमरान सरकार भी सेना के हाथों की कठपुतली बनी हुई है।

हामिद मीर के चलते पाकिस्तानी सरकार व सेना को वैश्विक निंदा का सामना करना पड़ रहा है। हामिद मीर ने सरकार व सेना को सख्ते में डाल रखा है।

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