Ashish Urmaliya || Pratinidhi Manthan
दुनियाभरमें गरीबों की तुलना में अमीरों की तादाद बहुत कम है लेकिन जितने भी अमीर हैं वो कुछज्यादा ही अमीर हैं। लेकिन क्या आपको पता है? दुनिया के सबसे ज्यादा अमीरों ने एक हीयूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। या ऐसे भी कहा जा सकता है, कि इस यूनिवर्सिटी ने दुनियाके सबसे ज्यादा अमीर पैदा किये हैं। कुछ अमीर ऐसे हैं जिन्होंने यहां से पढ़ाई पूरीकर बाकायदा डिग्री ली है और कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी लेकिनफिर भी बहुत अमीर हो गए। और बाद में इसी यूनिवर्सिटी ने उन्हें मादक उपाधि से नवाज़ा।
तो आइये जानते हैं उस यूनिवर्सिटी के बारे में…
वैश्विकस्तर पर अमीरों के आंकड़ों की गढ़ना करने वाली संस्था 'वेल्स एक्स' ने हाल ही में इससेजुडी एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के सबसे ज्यादा अरबपति अमेरिकाकी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़कर निकले हैं। आपको बता दें, इस यूनिवर्सिटी की स्थापनावर्ष 1636 में हुई थी यानी आज से करीब 383 साल पहले।
1636से लेकर अब तक अगर यहां के प्रत्येक छात्र की औसत संपत्ति की बात की जाये तो वह 2,487 करोड़ रुपये है। रिपोर्ट के अनुसार, निजीतौर पर हार्वर्ड से पढ़ाई करने वाले छात्रों की न्यूनतम 217 करोड़ रूपए की कमाई है। दुनियामें करीब 13,650 लोग ऐसे हैं, जो हार्वर्ड से पढ़ने के बाद अरबपति बने हैं। इन13,650 अमीरों (जो यहां से पढ़ाई करने के बाद अमीर हुए) की संपत्ति को जोड़ कर देखा जाए,तो यह करीब 334 लाख करोड़ रूपए की है।
यहांसे बाकी के जो अमीर पढ़े हैं उनमें से कुछ पहले से ही अमीर थे यानी उनके माता-पिता अमीरथे। आंकड़ों की बात करें तो हार्वर्ड में पढ़ कर अरबपति बनने वालों में से कुल 6 फीसदीही ऐसे लोग हैं जिन्हें विरासत में करोड़ों अरबों की संपत्ति मिली हो। 79 फीसदी ने यहांसे पढ़कर बिलकुल जीरो से शुरुआत की और बड़ा मुकामहासिल किया। और बाकी के बचे 15 फीसदी के अंतर्गत ऐसे छात्र आते हैं जिन्हें विरासतमें तो संपत्ति मिली ही लेकिन उन्होंने अपनीदम पर भी बड़ा मुकाम हासिल किया और बड़ी कंपनी खड़ी की।
दुनिया के सबसे महंगे विश्वविद्यालयों में से एक-
अमेरिकाकी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को दुनिया के सबसे महंगे शैक्षणिक संस्थानों की श्रेणी मेंरखा जाता है। यहां स्नातक की पढाई के लिए छात्र को करीब 1.5 करोड़ की फीस भरनी होतीहै। हालांकि यहां से पढ़ कर निकले अमीरों द्वारा मिलने वाले चंदे की वजह से यह यूनिवर्सिटीस्कॉलरशिप प्रोग्राम भी चलाती है जिसकी मदद से कई गरीब होनहार छात्र भी यहां अपना दाखिलाकरा पाते हैं।
साल2018 की बात करें, तो यहां से पढ़ कर निकलने वाले अरबपतियों ने यूनिवर्सिटी को करीब2.84 लाख रूपए का चंदा दिया। उकसे भी पिछले साल यानी 2017 की तुलना में यह राशि करीब6 फीसदी ज्यादा थी।