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सुकन्या समृद्धि योजना के नियमों में बदलाव, अब 73 लाख रुपए मिलेंगे

Lubna

AshishUrmaliya || Pratinidhi Manthan

वित्तीय रूप से बेटियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी। यह योजना सबसे बेहतर निवेश योजना के रूप में भी जानी जाती है, ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक सरकारी स्कीम है और इसमें बेहतर रिटर्न मिलता है। अगर आपकी बेटी है और उसकी उम्र 10 साल से कम है तो आप उसके नाम पर अकाउंट खुलवा सकते हैं और मासिक व सालाना क़िस्त के हिसाब से निवेश कर सकते हैं। आपको अच्छा रिटर्न मिलेगा क्योंकि सरकार ने इस योजना की शुरुआत बेटियों की उच्च शिक्षा और उसके विवाह के लिहाज से शुरू की है।

इस योजना की शुरुआत साल 2015 में की गई थी, अब सरकार द्वारा इस योजना के नियमों में कुछ बदलाव किये हैं जो आपके लिए जानने जरूरी हैं।

इन बदलावों के बारे में 12 दिसंबर 2019 को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन में बताया गया है।

अगर सुकन्या अकाउंट को समय से पहले बंद करवाते हैं तो?

नए नियमों के अनुसार, अगर आप तय समय से पहले सुकन्या समृद्धि अकाउंट को बंद करवाना चाहते हैं, तो आपको इसकी इजाज़त है। बेटी को किसी गंभीर बीमारी के वक्त या मां बाप की मृत्यु जैसी स्थिति में सुकन्या अकाउंट बंद करवाने और रकम लेने की इजाज़त है। पहले इस योजना में बेटी की मौत या उसके निवास स्थान में बदलाव की स्थिति में ही अकाउंट को बंद करने की सुविधा थी।

बेटी का भविष्य सुरक्षित हो जाता है-  वैसे इस योजना में कुछ बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। जो बदलाव हुए हैं उन पर नजर डाल लेते हैं।

अधिक ब्याज-

सुकन्या समृद्धि योजना के नए नियमों के अनुसार अगर आप किसी वित्त वर्ष में कम से कम 250 रुपए रकम भी जमा नहीं कर पाते तब भी इसे डिफ़ॉल्ट अकाउंट ही माना जायेगा। नियमों के मुताबिक, डिफ़ॉल्ट अकॉउंट में जमा राशि पर भी उसी दर से ब्याज मिलेगा जिस दर से एक नियमित अकाउंट में मिलता है।

अकाउंट को ऑपरेट कैसे करें?

नए नियमों के मुताबिक, बच्ची 18 की उम्र पूरी करने तक अकाउंट को ऑपरेट नहीं कर सकती। पहले नियम था कि बेटी 10 साल की उम्र पूरी करने के बाद खुद अकाउंट को ऑपरेट कर सकती थी। अब बीती के 18 साल का होने तक ये अकाउंट अभिभावक ही चला सकते हैं।

2 से अधिक बेटियां हों तब?

अगर आपकी दो से अधिक बेटियां हैं, तो उनके लिए खोले जाने वाले सुकन्या अकाउंट को लेकर भी नियमों में बदलाव हुआ है। अगर आप दो बेटियों से अधिक के लिए सुकन्या अकाउंट खोलते हैं तो उनके बर्थ सर्टिफिकेट के साथ एक एफिडेविट देने की जरूरत होगी। पहले अभिभावकों को मेडिकल सर्टिफिकेट देना होता था। 

इसके अलावा सुकन्या समृद्धि अकाउंट से संबंधित कई प्रावधानों में बदलाव किया गया है और कुछ के बारे में स्पष्टीकरण दिया गया है। नए नियम में गलती से जमा ब्याज को वापस लेने पर भी रोक लगाई गई है। अब आप 14 की जगह 15 साल तक क़िस्त जमा कर सकते हैं। अकाउंट खोलने की तारीख से ठीक 21 साल बाद यह खाता मैच्योर होता है। अब इस खाते में प्रत्येक वित्त वर्ष के आखिर में ब्याज दिया जायेगा। 

73 लाख कैसे मिलेंगे?

मौजूदा ब्याज दरों के हिसाब से देखा जाये, तो अगर हम 15 साल तक लगातार 1.5 लाख रुपए जमा करते हैं तो 15 सालों में चक्रवर्ती ब्याज मिलकर यह रकम करीब साढ़े 45 लाख रुपए हो जाएगी। और फिर मैच्युरिटी डेट पूरी होने की बाद यानी 21 साल के बाद ब्याज के साथ आपको करीब 73 लाख रूपए मिलेंगे।

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