NEFT, RTGS & IMPS: पैसे ट्रांसफर के वक्त किसका चुनाव करना चाहिए आपको?

NEFT, RTGS & IMPS: पैसे ट्रांसफर के वक्त किसका चुनाव करना चाहिए आपको?

Ashish Urmaliya | Pratinidhi Manthan

मौजूदा वक्त में पैसे ट्रांसफर करना बेहद आसान हो गया है, हर तीसरे दिन कोई न कोई मनी ट्रांसफर वाली सुविधा से जुड़ा एप लांच हो जाता है. समझ रहे हैं आप सिर्फ मनी 'ट्रांसफर' से जुड़ा एप, आमदनी का जुगाड़ कोई नहीं बता पा रहा. जोक सपाट। मुद्दे पर आते हैं, जब भी आप इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हुए पैसा ट्रांसफर करते हैं तो आपको कुछ उपलब्ध तरीकों में से एक का चुनाव करना होता है वह तरीका  NEFT, RTGS और IMPS में से कुछ भी हो सकता है. बैंक द्वारा दी जाने वाली इन मनी ट्रांसफर सुविधाओं में से किसी एक का चुनाव आपने भी ज़रूर किया होगा।  तो इस आर्टिकल के ज़रिए हम  कोशिश करेंगे कि इनमें से कौन सी सुविधा सबसे बेहतर और आपके लिए फायदेमंद है.

बीते 9 अक्टूबर को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति की घोषणा हुई थी, उस दिन गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि फंड ट्रांसफर का रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) सिस्टम दिसंबर 2020 से 24×7 उपलब्ध कराया जाएगा। मौजूदा समय में आप आरटीजीएस सेवा के जरिए लेनदेन का कार्य सुबह 7 से शाम 6 बजे तक कर सकते हैं। ठीक इसी तरह, 2019 में आरबीआई ने 24x7x365 आधार पर राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) की सुविधा भी उपलब्ध कराई थी।  तीनों सुविधाओं को संक्षिप्त रूप से समझते हैं.

National Electronic Funds Transfer (NEFT)- एनईएफटी सेवा का उपयोग करके ग्राहक डिजिटली पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। बैंक द्वारा उपलब्ध कराए गए इंटरनेट बैंकिंग ऐप या नेट बैंकिंग सुविधा के माध्यम से किए गए एनईएफटी हस्तांतरण पर कोई भी शुल्क नहीं लगता है। यह सुविधा एकदम निःशुल्क है. कमी सिर्फ एक है इसमें अन्य खाते पैसा पहुंचने में थोड़ा वक्त ज़रूर लगता है. 2 से 4 घंटे का मान लीजिए।

Real Time Gross Settlement (RTGS)- आरटीजीएस सेवा के ज़रिए आप पैसा रियल टाइम में लाभार्थी के खाते में पहुंचा सकते हैं। आरटीजीएस सेवा  का उपयोग मुख्य रूप से मोटे पैसों के ट्रांसफर के वक्त किया जाता है। कॉर्पोरेट वर्ल्ड और संस्थानों द्वारा इसका उपयोग व्यापक रूप से रियल टाइम के आधार पर फंड ट्रांसफर के लिए किया जाता है। आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर की जाने वाली न्यूनतम राशि 2 लाख रुपये है।

ऑनलाइन मोड (यानी इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल ऐप) के माध्यम से शुरू किए गए आरटीजीएस के लिए कोई लेनदेन शुल्क नहीं लगती है, लेकिन अगर आप शाखाओं के माध्यम से लेनदेन करते हैं तो कुछ बैंक इसके लिए शुल्क भी लेते हैं।

Immediate Payment Service (IMPS)-  आईएमपीएस बैंकों के ऑनलाइन चैनलों जैसे नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम के माध्यम से और एसएमएस के माध्यम से रियल टाइम पर पैसे ट्रांसफर की सुविधा देते हैं। IMPS प्रणाली में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) सदस्य बैंकों के बीच धन के हस्तांतरण की सुविधा देता है। आईएमपीएस प्रणाली का उपयोग करके आप पूरे वर्ष में 24/7 राशि ट्रांसफर कर सकते हैं।

NEFT उपलब्ध होने के बावजूद IMPS का उपयोग क्यों करना चाहिए?

जैसा कि आप जानते ही हैं NEFT के ज़रिये फंड ट्रांसफर करना निःशुल्क तो है लेकिन इसमें ट्रांसफर प्रोसेसिंग में वक्त लगता है और मनी लिमिट भी एक समस्या है.इसलिए IMPS के साथ ही पैसे का स्थानांतरण करना उचित होगा क्योंकि नेट-बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करके आप इसके ज़रिए रियल टाइम में मनी ट्रांसफर कर सकते हैं। साथ ही यह 2 लाख रुपये तक के छोटे मूल्य के ऑनलाइन लेनदेन के लिए उपयुक्त है।

अगर RTGS/ IMPS या NEFT फंड ट्रांसफर सेवा का उपयोग हैं तो आपको जानकारी होनी चाहिए कि…  

कई बार ऐसा होता कि NEFT / RTGS / IMPS के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करने के बाद आपके बैंक खाते से अमाउंट डेबिट हो जाता है, लेकिन लाभार्थी खाते तक नहीं पहुंच पाता, ऐसे में क्या करें? ऐसे में आपको कुछ भी करने की ज़रुरत नहीं है, यदि किसी कारण से पैसा लाभार्थी के बैंक खाते में क्रेडिट नहीं हो पाया है तो बैंक एक घंटे के भीतर आपके पैसे को वापस कर देगा।

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