राधेलाल बघेल का निष्कासन पिछड़ों का अपमान - यादव
दतिया। 2008 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर सेंवढ़ा क्षेत्र की जनता ने राधेलाल बघेल को विधायक चुनकर भोपाल पहुंचाया था लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव में पुनः बसपा के टिकट पर मिली पराजय से दुःखी होकर राधेलाल बघेल ने बहुजन समाज पार्टी को छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था।
2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राधेलाल बघेल को टिकट तो दिया लेकिन भाजपा और आर.एस.एस. के लोगों ने इसलिए राधेलाल बघेल के साथ भीतरघात करके चुनाव हरवाया था क्योकि वह पाल, बघेल जाति के है जो कि पिछड़ा वर्ग में आती हैं।
राधेलाल बघेल के नेता एस.पी. सिंह बघेल को भी हाल में ही हुए उत्तरप्रदेश चुनाव में जानबूझकर करहल सीट पर अखिलेश यादव के सामने चुनाव लड़वाया जिससे पिछड़ों में बन रही एकता को खंडित किया जा सके।
उक्त बात कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं दलित पिछड़ा समाज संगठन के राष्ट्रीय संयोजक दामोदर सिंह यादव ने दलित पिछड़ा समाज संगठन के पदाधिकारियों की बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में कही।
श्री यादव ने कहा कि राधेलाल बघेल ने इस तरह की कोई प्रतिक्रिया नही की थी जिसके फलस्वरूप उनका पार्टी से निष्कासन किया जाता। चंूकि आर.एस.एस. सेंवढ़ा क्षेत्र से अपने कार्यकर्ता को टिकट देना चाहती है इसीलिए राधेलाल बघेल को रास्ते से हटाने के लिये सारा षड़यंत्र रचा गया।
श्री यादव ने कहा कि मेरा मानना है कि बघेल का निष्कासन एक व्यक्ति का निष्कासन या एक जाति का अपमान नहीं बल्कि सम्पूर्ण पिछड़ा वर्ग का अपमान है और इसका बदला आने वाले समय में ओ.बी.सी. वर्ग के लोग 2023 में भाजपा की जमानत जब्त कराकर जरूर लेंगे।
मुझे पता चला है कि पूर्व विधायक राधेलाल बघेल भाजपा में वापसी के लिए पार्टी नेताओं के दरवाजों पर हाजरी लगाते घूम रहे है लेकिन आर.एस.एस. के द्वारा संचालित भाजपा अब उनको टिकट नहीं देगी यह बात समझकर उन्हें भी इस षड़यंत्र का जबाव देना चाहिए।
इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रामकिशोर यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा से ही दलित एवं पिछड़ों को उपयोग की वस्तु समझती रही है और उनके अधिकारों का हनन किया गया है।
सेंवढ़ा विधानसभा में पिछड़ों के एक लाख से अधिक मतदाता हैं और उनके अपमान का बदला 2023 में लिया जायेगा। इस अवसर पर वरिष्ठ नेता अनिल भार्गव, अमित राजपूत, बलबहादुर बघेल, गुड्डन पटेल, विवके रायक्वार, आनंद गरैरा, राकेश पाल, सोनूू अहिरवार, सतीश यादव, लोकेन्द्र यादव, आनंद अहिरवार, आकाश कुशवाहा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे