10 समीकरण जिन्होंने केजरीवाल को ऐतिहासिक जीत दिला डाली।

10 समीकरण जिन्होंने केजरीवाल को ऐतिहासिक जीत दिला डाली।

Ashish Urmaliya ||Pratinidhi Manthan

1. मनोज तिवारी- दिल्ली विधानसभाके वर्तमान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी अपना कुछ ख़ास कमाल नहीं दिखा पाए। परिणामदेखकर तो यही लगता है अपने बेतुके बयानों से उल्टा केजरीवाल को ही फायदा पहुंचा बैठे।

2. कांग्रेस का वोट बैंक- हर पार्टी का अपनाएक अलग वोट बैंक है। कांग्रेस का भी होगा ही, इस चुनाव में भी कांग्रेस पहले ही अपनेहाथ खड़े कर चुकी थी। स्वाभाविक सी बात है, कांग्रेस का ठोस वोट बैंक बीजेपी के साथक्यों ही जायेगा। ठोस वोट बैंक के पास एक ही विकल्प बचता है – AAP।

3. बिजली, पानी फ्री-  इस बार के चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने बिजली पानीपर सबसे बड़ा दांव खेला, 200 यूनिट तक की फ्री बिजली के चलते दिल्ली के बहुत से लोगोंको बिजली का कोई बिल नहीं भरना पड़ता। इसके साथ ही केजरीवाल में पिछले साल के अगस्तमहीने में पानी के बकाया बिलों को माफ़ कर दिया था। चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवालने दवा किया था, कि उन्होंने 93 फीसदी कालोनियों में पाइपलाइन बिछवा दी है। उन्होंनेलोगों से वादा किया कि स्थिति को और भी सुधारा जायेगा, लोगों को फ्री बिजली पानी मिलनाजारी रहेगा। वे लोगों के दिलों में यह डर स्थापित करने में भी सफल रहे, कि बीजेपी केआने के बाद लोगों को फिर से बिजली पानी का बिल भरना पड़ सकता है।

4. शिक्षा व्यवस्था में सुधार-  यह इस बार के चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा था जिसकीदम पर केजरीवाल ने खुलकर वोट मांगा। आप के शिक्षा मंत्री ने दवा कर दिया था, कि दिल्लीके अधिकतर सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर हो चुके हैं। पिछले 5 सालों मेंशिक्षा का बजट भी बढ़ाया गया और स्कूलों की क्षमता को भी बढ़ाया गया है। चुनाव के दौरानआंकड़े पेश करते हुए उन्होंने लोगों को अवगत कराया, कि पिछले साल दिल्ली के सरकारी स्कूलोंमें 96.2 फीसदी बच्चे पास हुए थे जबकि प्राइवेट स्कूलों के सिर्फ 93 फीसदी बच्चे ही12वीं पास कर पाए थे। परिणामों से पता चलता है, कि दिल्ली की जनता शिक्षा के क्षेत्रमें किये गए कामों से संतुष्ट है।

5. अस्पताल और मोहल्ला क्लिनिक- यह सच है कि आम आदमीपार्टी ने स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी काम किया है, केजरीवाल सरकार ने सरकारी अस्पतालोंका हुलिया बदला साथ ही मोहल्ला क्लिनिक की शुरुआत कर दिल्ली के कौने-कौने में रह रहेलोगों तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाई। प्रचार के दौरान केजरीवाल ने दावा किया, कि अगलेकुछ महीनों के भीतर 1000 और मोहल्ला क्लिनिक खोले जायेंगे। बता दें, इन मोहल्ला क्लिनिक्समें लोगों को बुनियादी मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं। इसका भी केजरीवाल को भारीफायदा मिला।

6. मोदी को मारा इग्नोर- केजरीवाल ने इन चुनावोंमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टोटली इग्नोर मार दिया। बमुश्किल किसी रैलीमें मोदी नाम लिया हो। यह करके उन्होंने राजनीतिक चतुरता का बखूबी प्रदर्शन किया। क्योंकिउन्हें अंदाजा था, कि मोदी का नाम लेकर कहीं न कहीं वह अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारलेंगे, इसलिए वे विधानसभा तक ही केंद्रित रहे। यही काम 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचारमें मोदी ने किया था, राहुल गांधी और सोनिया गांधी का नाम न लेकर।

7. शाहीन बाग- शाहीन बाग के मुद्देको भुनाने की कोशिश तो बीजेपी ने की थी लेकिन भुना अरविंद केजरीवाल गए। विकास, शिक्षाऔर मुफ्त सेवाओं के चलते जो हिन्दू वोट केजरीवाल के पक्ष में था वह तो था ही, लेकिनशाहीन बाग के चलते अल्पसंख्यक के वोट का ध्रुवीकरण हुआ। अल्पसंख्यक बहुल इलाकों मेंकेजरीवाल को एकतरफा वोट मिला। केजरीवाल ने शाहीन बाग के मुद्दे को ऐसे भुनाया, कि नहिन्दू वोट का नुकसान हो और न ही अल्पसंख्यक वोट का। केंद्र का मामला बता कर वे शाहीनबाग नहीं गए जिससे हिन्दू वोट उनसे बिलखा नहीं, टीवी चैनलों पर खुद को राष्ट्रवादीसाबित किया हनुमान चालीसा भी सुनाया। और CAA/NRC को लेकर बीजेपी का विरोध कर रहे शाहीनबाग के लोगों के पास आम आदमी पार्टी के अलावा और कोई दूसरा विकल्प था नहीं।

8. बीजेपी के हर सवाल का जवाब- इन चुनावों में आम आदमी पार्टी के पास विरोधी पार्टीके हर सवाल का जवाब था। केजरीवाल को अपने काम पर भरोषा था, इसलिए उन्होंने जनता सेखुल कर कहा कि अगर मैंने काम किया तो वोट दें, नहीं तो नहीं। यह एक बोल्ड स्टेप था।कई बार कई कुछ कमियों के बावजूद आपका आत्मविश्वास काम आ जाता है, जो अरविंद केजरीवालका आया।

9. महिलाओं को मुफ्त बस सेवा-  यह एक बड़ा स्टेप था जो केजरीवाल ने चुनाव के ठीकपहले उठाया। अक्टूबर में केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की ओर से डीटीसी की बसों में महिलाओंको मुफ्त सफर का तोहफा दिया, जिसका उन्हें चुनावों में भरपूर फायदा मिला।

10. सोशल कैंपेन-  इस मामले में भी केजरीवाल मोदी के नक़्शे कदम परचले। जैसे लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी ने मोदी को फेस बनाकर भारी सोशल कैंपेन चलायाथा, वैसे ही केजरीवाल ने भी अपना फेस सामने रख कर सोशल मीडिया पर जमकर कैंपेन चलाया।दिल्ली के लोग कुछ भी खोलते वहां केजरीवाल और उनके द्वारा किये गए काम दिखते, भिन्न-भिन्नप्रकार के स्क्रिप्टेड वीडियोस का भी सहारा लिया गया, जो केजरीवाल के लिए काफी फायदेमंदरहा। 

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