पूजी गई गाय माता, सुख- समृद्धि की कामना

पूजी गई गाय माता, सुख- समृद्धि की कामना
पूजी गई गाय माता, सुख- समृद्धि की कामना

पूजी गई गाय माता, सुख- समृद्धि की कामना

झांसी। गोपाष्टमी पर गौ माता का पूजन किया गया। गाय मां की पूजा कर उनसे नगर को सुखमय बनाए रखने की कामना की गई। कथा में माता गौ की महिमा विस्तार से बताई गई।

अंतर्‌राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ के तत्वावधान में अन्दर सैंयर गेट स्थित इस्कॉन मंदिर के पावन प्रांगण में गोपाष्टमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रातःकाल गाय माता का अभिषेक किया गया। नए परिधान धारण कराए गए। उनका श्रृंगार किया गया। गौ माता के अंग में मेहंदी, हल्दी, रंग के छापे लगाए गए। धूप-दीप, अक्षत, रोली, गुड़ आदि वस्त्र तथा जल से गाय का पूजन कि या गया। धूप-दीप से आरती उतारी गई। प्रसाद भोग लगाया गया। गाय की परिक्रमा भी की गई। गौकथा को कहते हुये करुणासिंधू दास प्रभु ने बताया कि दीपावली के बाद आने वाली कार्तिक शुक्ल अष्टमी को गोपाष्टमी पर्व के रुप में मनाया जाता है। इस दिन गौ, ग्वाल और भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने से विशेष लाभ मिलता है। गाय को माता का स्थान दिया गया है। अतः गाय को गौ माता (गौमाता) भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गौ चारण लीला शुरु की थी। कार्तिक शुक्ल अष्टमी

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