इस होटल ने 123 रोबोट्स को नौकरी से निकाला, ग्राहकों को करते थे परेशान
Ashish Urmaliya | The CEO Magazine
दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर बहस छिड़ी हुई है. इस मुद्दे को लेकर लोग अपनी-अपनी राय रख रहे हैं। कुछ लोगों का मनना है कि यह तकनीक दुनिया को तरक्की दिलाएगी। जबकि कुछ लोग इसे संहारक बता रहे हैं और दवा कर रहे हैं कि रोबोट्स इंसान को नौकरियां खा जायेंगे। इसी बीच एक खबर सामने आई है जिसमें, इंसानों की नौकरियां खाने वाले रोबोट्स को ही नौकरी से निकाल दिया गया। जी हां, द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, जापान के हेन-ना "स्ट्रेंज" होटल ने अपने यहां काम कर रहे लगभग 123 रोबोट्स को नौकरी से निकाल दिया है।
जापान का हेन-ना "स्ट्रेंज" होटल दुनिया का एकलौता होटल है, जिसने इंसानो की जगह रोबोट्स को काम पर रखा है। अब तक यहां कुल 243 रोबोट्स काम पर लगे हुए थे जिनमें से 123 को काम से निकाला जा चुका है। इन रोबोट्स को काम से निकाले जाने के पीछे की मुख्य वजह "इनकी वजह से ग्राहकों को हो रही परेशानी" थी। मैनेजमेंट के अनुसार, यहां कुछ रोबोट्स अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहे थे और समस्याएं कम करने की बजाय समस्याओं को बढ़ा रहे थे। इसलिए इनकी संख्या आधी करने का फैसला लिया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, होटल में चेक-इन और पासपोर्ट सर्विस की ज़िम्मेदारी भरी प्रक्रिया संभालने वाला रोबोट अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पा रहा था। रूम और लगेज सर्विस की जिम्मेदारी संभाल रहे 2 रोबोट्स 100 कमरों में से सिर्फ 24 में ही अपनी सही सर्विस दे पा रहे थे। ग्राहकों द्वारा फ्लाइट और नजदीकी पर्यटन स्थल की जानकारी पूछे जाने पर वे निःशब्द रहे। साथ ही बारिश और बर्फबारी के सीजन में ये रोबोट्स अपनी सुविधाएं देने में फेल रहे। एक ग्राहक की शिकायत थी कि, खर्राटे लेते ही रोबोट्स उसे नींद से जगा देते थे और पूछते थे – आपने जो कहा एक बार फिर से कहेंगे?
आपको बता दें, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी से लेस यह होटल 2015 में खोला गया था, शुरुआत में यहां 80 रोबोट्स को काम पर रखा गया था। बिज़नेस को बेशुमार सफलता मिलते ही, यहां रोबोट्स की संख्या तीन गुनी कर दी गई। लेकिन आखिर में होटल के मैनेजमेंट को असलियत का सामना करना ही पड़ा और इन उम्रदराज रोबोट्स को बर्खास्त करने के बाद उन्होंने इंसानो को काम पर रखा।