पुरानी पेन्शन को लेकर शिक्षक एवं कर्मचारी संगठनों नें आन्दोलन के लिए कमर कस ली है

पुरानी पेन्शन को लेकर शिक्षक एवं कर्मचारी संगठनों नें आन्दोलन के लिए कमर कस ली है
पुरानी पेन्शन को लेकर शिक्षक एवं कर्मचारी संगठनों नें आन्दोलन के लिए कमर कस ली है

पुरानी पेन्शन को लेकर शिक्षक एवं कर्मचारी संगठनों नें आन्दोलन के लिए कमर कस ली है

झांसी। संयुक्त संघर्ष सञ्चालन समिति के तत्वावधान में प्रदेश स्तरीय संगठनों नें मुख्यमन्त्री को ज्ञापन भेजा। प्रान्तीय आह्वान पर जनपद मुख्यालय पर ज़िलाधिकारी के माध्यम से 16 सूत्रीय मांग पत्र भेजा गया। पुरानी पेन्शन को लेकर शिक्षक एवं कर्मचारी संगठनों नें आन्दोलन के लिए कमर कस ली है। शासन से कई चरणों की वार्ता के प्रतिफल में लम्बित मांगों का निराकरण न होने से समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। इससे आजिज़ आकर एस-4 के बैनर तले शिक्षकों और कर्मचारियों का हुजूम शिक्षा भवन परिसर में एकत्रित हुए।

बड़ी संख्या नें जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रर परिसर को कूच किया। पुरानी पेन्शन बहाली की गूंज नें स्पष्ट सन्देश देने का काम किया। ज़िलाधिकारी को मांगपत्र सौंपते हुए बताया कि ओपीएस बहाली, समाप्त किए गए सीसीए भत्ते, सचिवालय भत्ता, परिवार नियोजन वेतन वृद्धि आदि को पुनः बहाल करने, प्रदेश में निजीकरण व आउटसोर्सिंग पर रोक लगाने, छठे वेतनमान की विसंगतियों को दूर करते हुए शत-प्रतिशत शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान प्रदान करने, नियमावली में संशोधन कर शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने, आईसीडीएस की मुख्य सेविकाओं, लिपिकों आदि संविदा कर्मियों/दैनिक वेतन/नियत वेतन/मानदेय आदि के रूप में विभिन्न विभागों में कार्यरत होमगार्ड्स, पीआरडी जवान, ग्राम रोजगार सेवक व अन्य मनरेगा कर्मियों, आंगनवाड़ी कार्यकत्री, सहायिका, आशा बहुओं, एएनएम, रसोईया, आश्रम पद्धति एवं कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के शिक्षकों/कर्मियों, विशेष शिक्षकों तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मियों को विनियमित किए जाने, पूर्व में नियमित किए गए उक्त श्रेणी के कार्मिकों की पिछली सेवाओं को जोड़कर समस्त सेवालाभ पेन्शन, ग्रेच्युटी, एसीपी प्रदान किए जाने, कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान किए जाने, पंचायती राज विभाग के सफाई कर्मियों को प्रोन्नत के अवसर उपलब्ध कराने, बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में नियुक्त चतुर्थ श्रेणी मृतक आश्रित कर्मियों की नियुक्ति शैक्षिक योग्यता के आधार ओर करने व पूर्व में नियुक्त उन कार्मिकों को शैक्षिक योग्यता के आधार पर उच्चीकरण करने की कार्रवाई करने, प्रदेश के समस्त शिक्षणेत्तर कर्मियों को राज्यकर्मियों की भांति 300 दिवस के अर्जित अवकाश के नकदीकरण किए जाने, कोरोना काल में मृतक शिक्षकों/कर्मचारियों/अधिकारियों को ड्यूटी में निधन होने पर ₹ 50 लाख की अनुग्रह राशि के साथ परिवार के सदस्य को नौकरी दिए जाने की मांग के साथ ही खण्ड शिक्षाधिकारियों को प्रोन्नत किए जाने, कनिष्ठ सहायक का ग्रेड पे ₹ 2400, प्रशानिक अधिकारी का ग्रेड पे ₹ 4800 एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी का ग्रेड पे ₹ 5400 किए जाने, महंगाई भत्ते का 18 महीनों का अवशेष एरियर प्रदान किए जाने, समस्त संवर्गो के लिए ग्रेड पे ₹4600 समाप्त कर ₹4800 में संविलीन किए जाने की मांगें प्रमुख हैं।

इस दौरान ज़िलाध्यक्ष जितेन्द्र दीक्षित, राजेश तिवारी, ग्यासी लाल, महेन्द्र श्रीवास्तव, रामबाबू विश्वकर्मा, चौधरी धर्मेन्द्र सिंह, अब्दुल नोमान, ऋषभ जैन, अरविन्द श्रीवास्तव, देवेन्द्र सिंह बुन्देला, प्रतिमा कुशवाहा, दीपक त्रिपाठी, अब्दुल रहीस सिद्दीक़ी, रूप सिंह, दिनेश भार्गव, मृत्युञ्जय सिंह, अखिलेश कुमार, अनिरुद्ध रावत, राजेन्द्र सिंह, भारत भूषण, लाखन सिंह चौहान, देवेश शर्मा, वीर सिंह यादव, जितेन्द्र क़ादरी, सागर भट्ट, अमर सिंह बग्गन, सुगर सिंह यादव, वन्दना अवस्थी, छाया निरञ्जन, मधु पासी, मीनू सिंह, राहुल श्रीवास्तव, नीलम वर्मा, प्रताप नारायण मौर्य, अजय कुमार, नन्द किशोर कुशवाहा, शशि कनौजिया, रोशनलाल, मनोहर लाल, पुष्पेन्द्र कुशवाहा, महेश खरे, चरण सिंह पटेल, मनोज श्रीवास्तव, संजीव सोनी, प्रियम्वदा मिश्रा, शिवकुमार पाराशर, अक़ील अहमद खान, चन्द्रभानु दुबे, रविन्द्र प्रकाश, जितेन्द्र त्रिपाठी, अफ़ज़ल खान, ज़हीर खान, धर्मेन्द्र सोलंकी, सोनिया बख्शी, अरुण निरञ्जन, गोविन्द निरञ्जन, मुकेश वर्मा, आनन्द मोहन मिश्रा, उमेश बबेले, जितेन्द्र त्रिपाठी, रामराजा शिवहरे, सुरेन्द्र साहू, योगेन्द्र द्विवेदी, कुलदीप द्विवेदी, दीपा यादव, उमेश पाराशर, अरविन्द सिंह, इरफान खान, संजीव अरजड़िया आदि मौजूद रहे।

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