सुष 'माँ', देश पर हमेशा अपना आशीर्वाद बनाये रखना
Ashish Urmaliya || The CEO Magazine
भभक कर रोने का मन कर रहा है, लेकिन श्रीमद्भागवत गीता में उच्चरित एक वाक्य याद आ जाता है, कि " जो आया है उसे एक दिन जाना है, शोक करने के वजाय उसे खुशी से विदा करना चाहिए"।
देश के करोड़ों युवाओं के दिलों में 'माँ' जैसी छवि रखने वाली सुषमा स्वराज आज हमारे बीच में नहीं हैं। देश शोक में डूबा है और रहेगा क्योंकि इस क्षति की भरपाई कोई भी नहीं कर सकता, भला एक माँ की जगह इस दुनिया में कोई दूसरा ले पाया है? दुनिया के सबसे युवा देश की माँ, आज हम तेरे बिना क्षुब्ध हैं, आंखों में नमी है और मुंह से कुछ निकल नहीं रहा। बस एक और मुराद पूरी कर देना, "हम पर हमेशा अपना आशीर्वाद बनाये रखना"।
संसद में तेरा दहाड़ना हो, पकिस्तान को उसकी औकात दिखाना हो, सोशल मीडिया पर किसी एक दुखियारे के ट्वीट का तुरंत जवाब देना हो, और उसकी समस्या का मिनटों में समाधान करना हो, दुनियाभर के प्रधानमंत्रियों, राष्ट्रपतियों, विदेश मंत्रियों के सामने एक अकेली महिला हो कर भी वजनदारी के साथ अपनी बात रखना हो, मरते दम तक कश्मीर मुद्दे को अपने दिल से लगाए रखना हो, परम सुख प्राप्ति के तीन घंटे पहले देश और प्रधानमंत्री को धारा 370 के लिए अभिनंदन अर्पित करना हो, हमसे दूर जाने से एक घंटा पहले तेरा कुलभूषण यादव केस के वकील हरीश साल्वे के बात करना हो और कहना हो, कि" अपनी 'एक रूपए' की फीस लेने कल ज़रूर आना, तेरा संस्कृत भाषा की वैज्ञानिकता को बखान करना हो या फिर देश की तमाम महिलाओं के लिए एक कुशल पथ प्रदर्शक बनना हो। तेरे अनगिनत ऐसे कार्य जो निश्वार्थ भाव से देश और इसकी महिलाओं के लिए किये गए, ये देश, यहां का युवा, इसकी महिलाएं अंतिम सांस तक याद रखेंगे। तूने जो किया जन्म जन्मांतर तक याद रखा जायेगा 'माँ'।
माँ तू वो है, जिसके जाने के बाद, इलाज़ करने वाले एम्स के डॉक्टरों की भी आँखों से आंसू छलक गए । घर परिवार, राजनीति और देश के बीच में तूने जो सामंजस्य बैठाया, एक स्त्री के सभी रूपों का परिचय दिया, उससे दुनियाभर की महिलाएं सीख लेंगी। देश में ऐसा कोई राजनीतिक दल नहीं जो तेरे बिछड़ने से रोया न हो। फिर वही दोहराऊंगा, हमें पता है तू जहां भी रहेगी वहां कल्याण ही करेगी, वहीं स्वर्ग होगा। बस, हमें भूलना मत और अपना शुभ आशीष बनाये रखना।
चरण वंदना।