RBI ने कहा ‘देश में चल रहे सारे सिक्के असली’, बेझिझक स्वीकारें      

RBI ने कहा 'देश में चल रहे सारे सिक्के असली', बेझिझक स्वीकारें         

Ashish Urmaliya | The CEO Magazine

वर्तमान में देश में जितने भी सिक्के प्रचलन में हैं, सभी पूरी तरह से असली हैं। हाल ही में यह बात स्वयं रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा कही गई है। बीते कुछ सालों में देखा गया है कि देशभर में अलग-अलग डिज़ाइन के सिक्कों को लेकर बहुत ज्यादा गलत फेहमी बनी हुई है। और इस तरह की समस्या मुख्य रूप से 10 रूपए के सिक्के के साथ देखी गई है। लोग अपनी-अपनी इंटेलिजेंस के आधार पर सिक्कों को असली नकली का सर्टिफिकेट दे रहे हैं। इसी समस्या के चलते आरबीआई ने इस संबंध में अपना मत स्पष्ट किया है, और लोगों का संदेह दूर करने की कोशिश की है। आरबीआई ने कहा है, कि लोगों को बिना झिझक देश में चल रहे सभी तरह के सिक्कों को स्वीकार करना चाहिए।

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई में छपी रिपोर्ट के अनुसार, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कहा है, कि अलग-अलग समय पर लाये जाने वाले सिक्कों की अलग-अलग विशेषताएं होती हैं। ये सिक्के विभिन्न तरह के विचारों और प्राचीन संस्कृतियों से प्रेरित होते हैं। आरबीआई ने यह भी कहा कि कई बार एक ही कीमत के सिक्के अलग-अलग डिज़ाइन और आकार में जारी किये जाते हैं और ये लंबी अवधि के लिए चलन में रहते हैं।

आरबीआई ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है, कि हमें जानकारी मिली है कि देश के विभिन्न इलाकों में ऐसे सिक्कों को लेकर संदेह की स्थिति बनी हुई है। इसके चलते व्यापारी, दुकानदार व आम लोग सिक्कों को नहीं स्वीकार रहे हैं, जिसके कारण सिक्कों का मुक्त उपयोग और चलन बाधित हुआ है। RBI लोगों से अपील करता है कि वे इस तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और सभी सिक्कों को बेझिझक वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार करें।

सिक्कों से जुड़ी शिकायतें मिलने के बाद आरबीआई ने सभी बैंकों को नोटिस जारी करते हुए कहा है, कि 'सभी बैंक अपनी सभी सखाओं को सभी तरह के सिक्के स्वीकार करने की सलाह दें, इस आदेश का पालन करना अनिवार्य है'। आपको ज्ञात हो, कि इस समय देश में 50 पैसा, 1 रुपया, 2 रुपए, 5 रुपए और 10 रुपए की राशि के विभिन्न डिज़ाइन व साइज के सिक्के चलन में हैं।

सरकारी योजना

No stories found.

समाधान

No stories found.

कहानी सफलता की

No stories found.

रोचक जानकारी

No stories found.
logo
Pratinidhi Manthan
www.pratinidhimanthan.com