ऑफिस स्क्वायर लेकर आया है - बियॉन्ड ऑफिस

ऑफिस स्क्वायर लेकर आया है - बियॉन्ड ऑफिस
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गुरुग्राम और नोएडा जैसे बिज़नेस हब में प्रीमियम कोवर्किंग का नाम लेते ही सबसे पहले याद आता है ऑफ़िस स्क्वायर। 2022 से अपनी शुरुआत के बाद से यह ब्रांड सिर्फ़ फ़्लेक्सिबल वर्कस्पेसेज़ का ही पर्याय नहीं रहा, बल्कि प्रोडक्टिविटी और विकास के लिए एक भरोसेमंद साथी भी बन चुका है।

अब ऑफ़िस स्क्वायर अपनी इस यात्रा को एक नया मोड़ दे रहा है, बियॉन्ड ऑफिस के लॉन्च के साथ।

लोगों की कहानियाँ, लोगों से जुड़ी एक पहल

जहाँ दफ़्तर की दीवारें ख़त्म होती हैं, वहीं से शुरू होती है असली कहानी। बियॉन्ड ऑफिस की शुरुआत आठ खास एपिसोड्स की एक सीरीज़ से हो रही है। हर एपिसोड में दिखाई जाएगी ऐसी कहानियाँ जो हमें याद दिलाती हैं कि हर एंटरप्रेन्योरियल यात्रा के पीछे केवल एक आइडिया नहीं, बल्कि अनगिनत सपने, संघर्ष और जीत छुपे होते हैं। इसमें मिलेंगी दिल छू लेने वाली कहानियाँ, स्टार्टअप्स के उतार-चढ़ाव से लेकर छोटी-छोटी उपलब्धियां, जो किसी भी एंटरप्रेन्योर को आगे बढ़ाती हैं। यह कहानियाँ हमें याद दिलाएँगी कि हर माइलस्टोन के पीछे एक पूरा सपोर्ट सिस्टम खड़ा होता है।

ऑफ़िस स्क्वायर की फाउंडर, श्रीमती सरोज मित्तल कहती हैं:

“जब हमने नोएडा में ऑफ़िस स्क्वायर शुरू किया था, तो हमारा मक़सद आधुनिक बिज़नेस के लिए प्रीमियम और मैनेज्ड फ़्लेक्सिबल ऑफ़िसेज़ बनाना था। लेकिन धीरे-धीरे हमें महसूस हुआ कि असली ताक़त हमारे स्पेसेज़ से ज़्यादा, उन कम्युनिटीज़ में है जो इन स्पेसेज़ में पनपती हैं। बियॉन्ड ऑफिस उसी कम्युनिटी को सलाम है। यहाँ हम लोगों के सपनों, उनकी मेहनत और उनकी कहानियों का जश्न मना रहे हैं।”

पिछले कुछ सालों में कोवर्किंग का मतलब सुविधाएँ, इंटीरियर्स और अमेनीटीज़ रहा है। लेकिन असली सवाल है: क्या सिर्फ़ यही काम को मायने देता है?
बियॉन्ड ऑफिस का जवाब है: नहीं। यहाँ फ़ोकस होगा ह्यूमन कनेक्ट पर। वो रिश्ते, वो किस्से और वो सपने, जो हर प्रोफेशनल की यात्रा को नया मोड़ देते हैं।

इस नई सोच के तहत बियॉन्ड ऑफिस कोवर्किंग की परिभाषा को नए सिरे से गढ़ रहा है। अब बात सिर्फ़ डेस्क्स और मीटिंग रूम्स तक सीमित नहीं रहेगी। यहाँ मिलेगा:

  • सेल्फ-ग्रोथ इवेंट्स

  • नेटवर्किंग

  • वेलनेस पहल

  • सांस्कृतिक गतिविधियाँ

यानी, एक ऐसा इकोसिस्टम जहाँ हर एंटरप्रेन्योर अपने भीतर के नए आयाम खोज सके और अपनी यात्रा को अगले पड़ाव तक ले जा सके। भारतीय कोवर्किंग इंडस्ट्री में यह पहला मौका है जब कोई ब्रांड अपनी पहचान इन्फ्रास्ट्रक्चर से आगे ले जाकर कम्युनिटी के इर्द-गिर्द बना रहा है।

बियॉन्ड ऑफिस साबित करता है कि दफ़्तर का मतलब सिर्फ़ वर्कस्पेस नहीं बल्कि एक ऐसा ग्रोथ पार्टनर है, जो आपके साथ चलता है।

सभी एपिसोड्स देखने के लिए ऑफ़िस स्क्वायर के आधिकारिक इंस्टाग्राम और यूट्यूब चैनल से जुड़ें।

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