
दतिया \ मेडिकल कॉलेज की नर्सिंग स्टाफ जो कि फीवर क्लिनिक में पिछले 6 माह से कार्य कर रही थी ने नींद की गोलियां खा कर आत्महत्या का प्रयास किया था , तत्पश्चात आज दिनांक 28 मार्च को पूर्ण रूप से सही होने पर उसने मीडिया को बताया कि उसे नर्सिंग सुपरिटेंडेंट डॉ विजी अवस्थी द्वारा मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा था जिसमें उसे उसकी डिग्री एमएससी मनोरोग, के आधार पर कार्य ना करवा कर, निरंतर फीवर क्लिनिक में कार्य कराया जा रहा था, चूंकि अब वह वहां कार्य करने में कोई परेशानी नहीं हो रही थी तो उसे अब मैटरनिटी वार्ड में ड्यूटी करने को मजबूर किया जा रहा था, अधीक्षक डॉ अर्जुन सिंह ने भी मेरी बात नहीं सुनी और फीवर क्लिनिक के इंचार्ज डॉ सुभांशु गुप्ता भी मुझे यार कह कर संबोधित करते हैं।
यह सब बात कहते हुए रीना घोष बार 2 रो रही थी ।डॉ अर्जुन सिंह से मीडिया ने जब बात की तो उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है , इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जावेगी। यह मरीज कोविड आइसीयू में कैसे पहुंची इसकी भी जांच करवाई जावेगी क्यों कि किसी भी चिकित्सक ने इसे भर्ती नहीं करवाया है ।मनोरोग विशेषज्ञ , डॉ कपिल देव आर्य ने कहा कि मरीज को देखने के बाद मरीज में डिप्रेशन के लक्षण मिले हैं, यह मरीज पहले भी आत्म हत्या का प्रयास कर चुकी है और यदि आगे भी इन्होंने इलाज नहीं कराया तो आगे भी ऐसा प्रयास यह मरीज कर सकती है ।
नर्सिंग सुपरीटेंडेंट डॉ विजी अवस्थी के अनुसार नर्सिंग स्टाफ कार्य में लापरवाही बरतती है और सिर्फ ऐसा काम चाहती है जिसमें ज्यादा काम नहीं करना पड़े, मरीज का व्यवहार झगड़ालू है।सह अधीक्षक डॉ हेमंत जैन ने बताया कि मरीज के परिजनों से बात कर ली गयी है , और आश्वासन दिया गया है कि नर्सिंग स्टाफ रीना घोष की उचित सुनवाई की जावेगी , और उचित मदद उसके इलाज और उसकी ड्यूटी के संबंध में की जावेगी।