अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ड्राइविंग टेस्ट देने की ज़रुरत नहीं, नया नियम

नए नियम के हिसाब से अब आपको ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ में जाकर टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्ट्री (Ministry of Road Transport & Highways) ने हाल ही एक नया नियम नोटिफाई किया है जिसके तहत आपको किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर से ट्रेनिंग के बाद लाइसेंस मिल जाएगा।
 बिना ड्राइविंग टेस्ट के ही बन जाएगा आपका लाइसेंस
बिना ड्राइविंग टेस्ट के ही बन जाएगा आपका लाइसेंस

हाइलाइट्स:

- रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के नए नियम के अनुसार मान्यता प्राप्त ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर से ट्रेनिंग के बाद देना होगा एक टेस्ट

- अब Regional Transport Office (आरटीओ) में ड्राइविंग टेस्ट देने की कोई ज़रुरत नहीं होगी।

- अगले महीने यानि जुलाई से ये नया नियम लागू हो जायेगा, पूरी प्रक्रिया टेक्नोलॉजी बेस्ड होगी।

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब आपको किसी रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) में जाकर किसी भी तरह का ड्राइविंग टेस्ट देने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport & Highways) हाल ही ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ा एक नया नियम लेकर आया है. इस नए नियम के अनुसार अब आप ड्राइविंग लाइसेंस के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। ट्रेनिंग सेंटर से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद आपको वहीं एक टेस्ट पास करना होगा जिसके बाद आपको ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा। ख़ास जानकारी ये है कि इसके लिए आपको किसी आरटीओ में जाकर ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

पूरी प्रक्रिया रिकॉर्ड की जाएगी...

आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि यह नियम देश में परिवहन व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए लाया गया है ना कि किसी भी तरह की लापरवाही के लिए. इस नियम को बस थोड़ा सरल किया गया है ताकि आपको RTO के चक्कर ना काटने पड़ें। नए नियम के अनुसार, ड्राइविंग लाइसेंस ट्रेनिंग और उससे टेस्ट से जुड़ी पूरी प्रक्रिया पूरी तह से इलेक्ट्रॉनिकली रिकॉर्ड की जाएगी। मिनिस्ट्री से जुड़े एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह तकनीक से संचालितन होगी। इसके लिए किसी भी अन्य व्यक्ति की जरूरत नहीं होगी। इसका सीधा मतलब ये है कि रूल मीन्स रूल होगा। अब ना तो आपको लाइसेंस से पहले टेस्ट के लिए अपनी बाइक या कार लेकर जाना होगा और ना ही मामूली चूक होने पर टेस्ट लेने वाले अधिकारियों की मिन्नत करने की ज़रुरत पड़ेगी। या कह लें, मिन्नतें करने का मौका ही नहीं मिलेगा।

ड्राइविंग सेंटरों को लेनी होगी मान्यता...

मिनिस्ट्री से जुड़े एक अधिकारी के बताए अनुसार, सभी ड्राइविंग सेंटरों को सरकारी मान्यता लेनी होगी। ये मान्यता उन्हीं ड्राइविंग सेंटरों को दी जाएगी जो जगह, ड्राइविंग ट्रैक, बायोमीट्रिक सिस्टम और आईटी और निर्धारित सिलेबस के अनुसार ट्रेनिंग से जुड़ी जरूरतों को पूरा कर पाएंगे। जैसे ही ट्रेनिंग सेंटर की तरफ से नियमों को पूरा करने के बाद सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। यह सर्टिफिकेट संबंधित मोटर व्हीकल लाइसेंस अधिकारी के पास पहुंच जाएगा। नियमों पर खरा उतरने वाले सेंटरों को मान्यता प्रदान कर दी जाएगी।

अपनी राज्य सरकार के पास करना होगा आवेदन...

आपको बता दें, रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्ट्री (Ministry of Road Transport & Highways) द्वारा जारी किए गए नए नियम इसी साल अगले महीने यानि जुलाई से लागू हो जाएंगे। इसलिए ऐसे लोग या संस्थान जो ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट चलाते हैं या चलाना चाहते हैं वे राज्य सरकार के पास सरकारी मान्यता के लिए आवेदन कर सकते हैं.

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