अब कंपनी को ओवरटाइम के लिए करने के लिए कर्मचारी से लिखित इजाज़त लेनी पड़ेगी
Ashish Urmaliya || The CEO Magazine
अब देश की सभी कंपनियों को अपने कर्मचारियों से ओवरटाइम कराने के लिए लिखित सहमति लेना जरूरी होगा। सरकार कर्मचारियों को राहत देने के उद्देश्य से एक प्रस्ताव लाने वाली है। इस प्रस्ताव के चलते कोई भी कंपनी किसी भी कर्मचारी की लिखित सहमति के बिना उससे ओवरटाइम नहीं करा पायेगी। आइये इस प्रस्ताव के बारे विस्तृत रूप से जानते हैं।
व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य परिस्थितियां बिल (Occupational Safety Health and Working Conditions Bill) 2019 के प्रस्ताव के अनुसार, बिना लिखित इजाजत कंपनियां अपने किसी भी कर्मचारी से ओवरटाइम नहीं करा पाएंगी। बिज़नेस स्टैंडर्ड में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कर्मचारी की ओवरटाइम करने की खुद इच्छा है, वह अपनी सहमति दे कर ओवरटाइम कर सकता है। और पहले ओवरटाइम के लिए महीने भर में जो 100 घंटे का निर्धारण किया गया था, उसकी अधिकतम समय सीमा बढाकर 125 घंटे कर दी गई है।
हाल ही में मोदी सरकार ने कर्मचारियों के कार्यालय, स्वास्थ्य, सुरक्षा और कार्यकारी परिस्थितियों से संबंधित हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड बिल 2019 को मंजूरी दे दी है। इस कानून के अंतर्गत कंपनियों को अपने कर्मचारियों का सालाना हेल्थ चेकअप कराना ज़रूरी होगा।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे 2017-18 के अनुसार, भारत के अधिकतर कामगार एक हफ्ते में 48 घंटे से ज्यादा काम करते हैं, जो कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा निर्धारित समय सीमा से काफी ज्यादा है। इसी सर्वे के मुताबिक, जो नियमित कर्मी या वेतनभोगी हैं वह 53-56 घंटे तक काम करते हैं। और जो लोग स्वरोजगारी हैं, वे 46-54 घंटे और आम मज़दूर 43-48 घंटे तक काम करते हैं।