इंश्योरेंस नंबर की जरूरत नहीं, अब मोबाइल नंबर से ही हो जायेगा पूरा काम

इंश्योरेंस नंबर की जरूरत नहीं, अब मोबाइल नंबर से ही हो जायेगा पूरा काम
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इंश्योरेंस नंबर की जरूरत नहीं, अब मोबाइल नंबर से ही हो जायेगा पूरा काम

Ashish Urmaliya | The CEO Magazine

अनिश्चितताओं से भरे इस जीवन में हर एक इंसान अपना और अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित करना चाहता है। इसका सबसे उचित जरिया है बीमा पालिसी इसलिए आये दिन लोग विभिन्न तरह की बीमा पॉलिसी खरीदते हैं। हो सकता है आपने भी कोई न कोई बीमा पॉलिसी खरीद रखी हो।

रोजमर्रा की व्यस्तता के चलते हम अपनी बीमा पॉलिसी से जुड़े दस्तावेजों पर ध्यान नहीं दे पाते और कई बार क़िस्त जमा करना भी भूल जाते हैं। इन्हीं सब समस्याओं को मद्देनज़र रखते हुए बीमा कंपनियों ने डिजिटलाइजेशन को अपना हथियार बनाने का फैसला लिया है. इससे ग्राहक और कंपनी दोनों को काफी सहूलियत मिलेगी।

अब सभी इंश्योरेंस कंपनियां आपके पॉलिसी दस्तावेज से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी आपको कॉल या व्हाट्सएप के जरिये दे सकती हैं। हालांकि मौजूदा समय में भी हजारों पॉलिसी धारक कई बड़ी कंपनियों के द्वारा दी जा रही इस सुविधा का फायदा उठा रहे हैं। हालही में बीमा कंपनियों ने बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) से मांग की है कि सभी कंपनियों के लिए ग्राहक का मोबाइल नंबर रजिस्टर करना अनिवार्य किया जाए।

ये होंगे फायदे-

  • अगर सामान्य बीमा में पॉलिसी धारक का मोबाइल नंबर अनिवार्य किया जाता है तो बीमा कंपनी के साथ पॉलिसी होल्डर को काफी फायदा होगा। इसके जरिये पॉलिसी होल्डर अपनी कंपनी से सीधा जुड़ पाएगा और पॉलिसी दस्तावेज से लेकर अदायगी तक की सभी प्रक्रियाओं से जुड़ी जानकारी अपने मोबाइल नंबर पर आसानी से प्राप्त कर पायेगा। बीमा कंपनी व्हाट्सएप के जरिये भी आपसे जुड़ पायेगी और इंश्योरेंस से सम्बंधित सभी दस्तावेज आपको भेज पायेगी।
  • मोबाइल नंबर के जरिये पॉलिसी धारक की पुष्टि कर पाना आसान हो जाता है और सही मोबाइल नंबर से क्लेम सेटलमेंट की प्रकिया भी आसान हो जाती है। सभी कंपनियां अपने ग्राहकों तक आसानी से पहुँच पाएंगी। हालांकि आज भी कई ऐसी बीमा कंपनियां हैं जो पॉलिसी डॉक्यूमेंट और क्लेम प्रकिया को मोबाइल ऐप के जरिए ही पूरा करती हैं।

जिस तरह बैंक अकाउंट और म्युचुअल फंड में मोबाइल नंबर को अनिवार्य कर दिया गया है। उसी तरह अगर आईआरडीए भी बीमा कंपनियों की इस मांग को पूरा करता है तो आपका मोबाइल नंबर लगभग आपका बीमा नंबर बन जाएगा और बीमा पालिसी से जुडी सभी प्रक्रियाएं आसान हो जाएँगी।

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