
Ashish Urmaliya || Pratinidhi Manthan
Covid 19 (कोरोना) महामारी के चलते सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए कई तरह की योजनाओं की शुरुआत की है. आप सभी जानते ही होंगे हाल ही में सरकार ने अपने अपने चौथे राहत पैकेज में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत की है.
Covid 19 (Corona) महामारी के चलते सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए कई तरह की योजनाओं की शुरुआत की है. आप सभी जानते ही होंगे हाल ही में सरकार ने अपने अपने चौथे राहत पैकेज में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत की है. सरकार ने इस योजना की शुरुआत मुख्या रूप से कर्मचारियों और बेरोजगार लोगों को रोजगार दे कर उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए की है. संबंधित सरकारी विभाग की ओर से जानकारी दी गई है, कि इस योजना को पिछले 1 अक्टूबर 2020 को लागू माना जाएगा और यह योजना आगामी 30 जून 2021 तक मान्य रहेगी. तो आइए आपको इस योजना के बारे में डिटेल में समझाते हैं कि आखिर कौन-कौन से लोग हैं जो इस योजना का फायदा उठा पाएंगे-
इस योजना का फायदा प्राप्त करने वाले लोग-
सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य नए रोजगार को प्रोत्साहन देना है. देश में जो भी कंपनियां नए लोगों को रोजगार दे रही हैं यानी जो एम्प्लोयी पहले से EPFO में कवर नहीं थें उन्हें इसका फायदा मिलेगा यानी उन्हें सरकार मदद देगी. जिनकी मंथली सैलरी 15,000 रुपए से कम है या फिर जिसने बीते 1 मार्च 2020 से लेकर 31 सितंबर 2020 के बीच अपनी नौकरी गंवाई है उनको इसका फायदा मिलेगा.
सरकार की इस ख़ास योजना के तहत उन लोगों को भी EPFO से जोड़ा जाएगा जो कि अभी तक इसमें रजिस्टर्ड नहीं थे. बता दें, इस योजना के तहत ईपीएफओ(Employees' Provident Fund Organisation) से जुड़े कर्मचारियों को उनके भविष्य निधि (PF) में दो साल तक पूरा 24 फीसदी हिस्सा सरकार द्वारा दिया जाएगा.
फायदा लेने के लिए क्या करें?
इस योजना के तहत सरकार आपको अगले दो साल तक सब्सिडी देगी. जिस किसी भी संस्था में 1000 तक की संख्या में कर्मचारी हैं, उसमें प्रोविडेंट फंड के लिए 12 फीसदी कर्मचारी और 12 फीसदी नियोक्ता का हिस्सा केंद्र सरकार ही देगी, यानि कुल मिला कर 24 फीसदी पूरा का पूरा कंट्रीब्यूशन कर्मचारी का और कंपनी का दोनों का सरकार ही देगी. 1000 से अधिक कर्मचारियों वाली संस्थाओं में केंद्र कर्मचारी के हिस्से का 12 फीसदी देगा. देश की तकरीबन 65 फीसदी संस्थाएं इस योजना में कवर हो जाएंगी.
वर्तमान में क्या नियम है?
मौजूदा वक्त की बात करें या कह लें इस योजना के आने के पहले के वक्त की बात करें तो सामान्य नौकरीपेशा लोगों को पीएफ फंड में खुद 12 फीसदी का कंट्रीब्यूशन करना होता है. वहीं, बाकी के 12 फीसदी का सहयोग वो कंपनी देती है, जिस कंपनी में आप कार्यरत होते हैं. लेकिन अब सरकार की इस नई योजना में जो लोग EPFO से जुड़ेंगे उन्हें दो साल तक अपने पीएफ को लेकर कोई चिंता नहीं करनी होगी. ये पैसे सरकार आपके पीएफ अकाउंट में खुद डाल देगी. आपकी सैलरी से PF के नाम का कोई डिडक्शन नहीं होगा.
किसको मिल पायेगा ये फायदा?
इस योजना का फायदा सिर्फ वही लोग उठा पाएंगे, जिन लोगों की इस कोरोना काल (1 मार्च से 30 सितंबर) के बीच नौकरी चली गई है और 1 अक्टूबर या उसके बाद रोजगार मिला है.
इस योजना के तहत कंपनी के लिए शर्तें-
इसका फायदा उठाने के लिए आपके आधार कार्ड का Universal Account Number (UAN) नंबर से लिंक होना अनिवार्य है. योजना में कुछ शर्तें कंपनी के लिए भी हैं जैसे कि सरकार कुल 24 फीसदी पीएफ कंट्रीब्यूशन उसी कंपनी को करेगी जिस कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 1 हजार है. वहीँ 1 हजार से ज्यादा कर्मचारी वाली कंपनी में सरकार सिर्फ 12 फीसदी यानी कर्मचारी का हिस्सा ही बस कंट्रीब्यूट करेगी.