18 वर्ष से कम आयु की लड़की एवं 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह करना कानूनन अपराध है - उपाध्याय

ग्राम रिछरा में बाल विवाह रोका गया
18 वर्ष से कम आयु की लड़की एवं 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह करना कानूनन अपराध है - उपाध्याय
18 वर्ष से कम आयु की लड़की एवं 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह करना कानूनन अपराध है - उपाध्याय

18 वर्ष से कम आयु की लड़की एवं 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह करना कानूनन अपराध है - उपाध्याय

दतिया।महिला एवं बाल विकास विभाग को ग्राम रिछरा देहात थाना भाण्ड़ेर रोड़ दतिया में बाल विवाह सम्पन्न होने की शिकायत प्राप्त होने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग अरविन्द उपाध्याय एवं नायब तहसीलदार सुश्री शिल्पा सिंह, सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती सुरेखा नरवरिया के नेतृत्व में विवाह रोकथाम की कार्यवाही की गई।

विवाह स्थल पर पहुंचने पर दल द्वारा बालिका की आयु के संबंध में परिजनों से दस्तावेज मांगे गये लेकिन परिजनों द्वारा दल को कोई दस्तावेज ना बताकर गुमराह करने की कोशिश की गई तब अधिकारियों द्वारा परिजनों से कड़ाई से पूछतांछ करने पर परिजनों द्वारा बाल विवाह होने की पृष्टि की। जिसमें बालिका की उम्र आधार के अनुसार 15 वर्ष बताई गई। यह ज्ञात होने पर जांच दल द्वारा बालिका के परिजनों को 18 वर्ष से कम आयु में बालिका का विवाह ना करने की समझाईश दी गई।जिला कार्यक्रम अधिकारी अरविन्द उपाध्याय ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के बारे में बताते हुए कहा कि बाल विवाह रोको कानून के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु की लड़की एवं 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह करना कानूनन अपराध है एवं ऐसे बाल विवाह में सेवा देने वाले विभिन्न सेवा प्रदाता जैसे प्रिटिंग प्रेस, हलवाई, टेंटवाला, मैरिज गार्डन, पंडित, नाई आदि भी बाल विवाह के दोषी होंगे। जिन्हें 2 वर्ष तक का कारावास एवं 1 लाख रूपये तक तक जुर्माना अथवा दोनो हो सकते है। इस बात से सहमत होकर बालिका की माँ एवं चाचा द्वारा अपनी बालिका का विवाह 18 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत ही करने की बात कही गई

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