चालू वित्त वर्ष 2021-22 के अंत में 9.3% रह सकता है भारत का GDP ग्रोथ रेट: Moody's

Moody's Investors Service ने आगे कहा कि 'हमें वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही अप्रैल-जून में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट आने की उम्मीद है। इसके बाद रिकवरी होगी और परिणामस्वरूप मार्च, 2022 में खत्म होने वाले वित्त वर्ष में वास्तविक, मुद्रास्फीति-समायोजित जीडीपी वृद्धि दर 9.3 फीसद रह सकती है।
चालू वित्त वर्ष 2021-22 के अंत में 9.3% रह सकता है भारत का GDP ग्रोथ रेट: Moody's

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने बीते मंगलवार को संभावना जताई है कि मार्च 2022 में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर (India's GDP growth) 9.3 फीसद रह सकती है। वहीं, दुनियाभर में अपनी रेटिंग के लिए प्रसिद्ध कंपनी Moody's ने वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की GDP ग्रोथ 7.9 फीसद रहने का अनुमान लगाया है।

(मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस क्या है?

-यह एक बॉण्ड-क्रेडिट की रेटिंग करने वाली कंपनी है। साधारण भाषा में समझें तो यह कंपनी बताती है कि कौन सा बॉन्ड खरीदने पर ज्यादा मुनाफा हो सकता है और कौन सा स्टॉक एक्सचेंज कैसा परफॉर्म कर रहा है । संक्षेप में इसे 'Moody's' कहा जाता है। इस कंपनी की स्थापना साल 1909 में जॉन मूडी द्वारा की गई थी।)

सुप्रसिद्ध रेटिंग एजेंसी Moody's Investors Service ने कहा, ' कोरोना संक्रमण के चलते देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन लागू करने से आर्थिक गतिविधियों पर अंकुश लगेगा, लेकिन ये प्रभाव महामारी की पहली लहर की तरह गंभीर नहीं होगा।'

Moody's Investors Service ने आगे कहा कि 'हमें वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही अप्रैल-जून में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट आने की उम्मीद है। इसके बाद रिकवरी होगी और परिणामस्वरूप मार्च, 2022 में खत्म होने वाले वित्त वर्ष में वास्तविक, मुद्रास्फीति-समायोजित जीडीपी वृद्धि दर 9.3 फीसद रह सकती है। वहीं, अगले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में भारत का GDP growth rate 7.9 फीसद रहने की प्रबल संभावना है।' बता दें, पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। Moody's के अनुसार, अगर लंबे समय तक की बात की जाए तो देश की जीडीपी वृद्धि दर औसतन लगभग 6% रहेगी।

विदित हो कि सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation) द्वारा बीते सोमवार को देश की जीडीपी(Gross Domestic Product) संबंधित आंकड़े जारी किए गए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में देश की विकास दर मात्र 1.6 फीसद रही लेकिन पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में 7.3 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया है कि Financial Year 2019-20 में देश की विकास दर 4% थी। मंत्रालय के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 की मार्च तिमाही में देश की GDP 38.33 लाख करोड़ रुपये थी। वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में देश की GDP 38.96 लाख करोड़ रुपये रही। सालाना आधार पर देखा जाए तो ये आंकड़े GDP में 1.6 फीसद की वृद्धि को दर्शाते हैं।

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